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Loksabha Election 2019 : मायावती के साथ अखिलेश सात को देवबंद से करेंगे चुनावी शंखनाद

भाजपा के खिलाफ उत्तर प्रदेश में एक महागठबंधन माने जा रहे इन तीनों दलों की संयुक्त रैली में राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजित सिंह भी मौजूद रहेंगे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 10:50 AM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2019 01:18 PM (IST)
Loksabha Election 2019 : मायावती के साथ अखिलेश सात को देवबंद से करेंगे चुनावी शंखनाद
Loksabha Election 2019 : मायावती के साथ अखिलेश सात को देवबंद से करेंगे चुनावी शंखनाद

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा और रालोद का चुनावी अभियान होली के बाद नवरात्र से शुरू होगा। मायावती और अखिलेश यादव सात अप्रैल को सहारनपुर के देवबंद में संयुक्त रैली से चुनावी शंखनाद करेंगे।

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भाजपा के खिलाफ उत्तर प्रदेश में एक महागठबंधन माने जा रहे इन तीनों दलों की संयुक्त रैली में राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजित सिंह भी मौजूद रहेंगे। गठबंधन के मद्देनजर मायावती इस बार तो मैनपुरी से चुनाव लड़ रहे सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के लिए भी वोट मांगेंगी। प्रदेश के बाहर मायावती दो अप्रैल को ओडिशा से अपनी पार्टी का चुनाव प्रचार शुरू करेंगी। बसपा के प्रदेश व मंडल स्तर के प्रमुख पदाधिकारियों की कल प्रदेश कार्यालय, माल एवेन्यू में हुई बैठक में बसपा प्रमुख मायावती ने इन चुनावी रैलियों के बारे में जानकारी दी। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने भी इसकी पुष्टि की है।

बसपा की करीब कल घंटेभर चली बैठक में मायावती प्रदेश में गठबंधन की निचले स्तर पर स्वीकार्यता व आचार संहिता के पालन कराने को लेकर चिंतित दिखी। उन्होंने कहा कि तीनों दलों के समर्थकों को आपसी मतभेद और गिले शिकवे भुलाकर जी-जान से अहंकारी व जातिवादी भाजपा सरकार को हराने के लिए काम करना है। मायावती ने दावा किया कि गठबंधन को सर्वसमाज का भारी समर्थन मिल रहा है। बदले राजनीतिक माहौल में तन, मन, धन से चुनाव जीतने की तैयारी करना बेहद जरूरी है ताकि सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त की जा सके। बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस को धोखेबाज बताते हुए नाराजगी तो जताई लेकिन भाजपा पर कहीं ज्यादातर हमलावर रहीं।

उन्होंने कहा कि भाजपा की जातिवादी, गरीब-मजदूर विरोधी नीतियों व सांप्रदायिक धारणा से जनता पीछा छुड़ाना चाह रही है। जनता ऐसी भाजपा सरकार को दूर से राम-राम करेगी। हार के डर से भाजपा नेता अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन न करने की हिदायत देते हुए कहा कि आचार संहिता के चलते इस बार 15 मार्च को कांशीराम व 14 अप्रैल को बाबा साहब डॉ.भीमराव आंबेडकर जयंती को उत्साह व श्रद्धापूर्वक घरों में ही मनाया जाए। जयंती कार्यक्रमों को बामसेफ व डीएस-4 जैसे संगठन करेंगे। प्रत्याशियों की सूची एक-दो दिन में बैठक में बसपा प्रमुख ने कहा कि अभी कुछ प्रत्याशियों के नामों पर मंथन चल रहा है।

उन्होंने कहा कि पहले-पहल कुछ उम्मीदवारों की सूची दो दिन में जारी कर दी जाएगी। शेष प्रत्याशियों के नामों को भी जैसे अंतिम रूप दिया जाएगा वैसे ही उनकी सूची भी जारी की जाएगी। सूची न जारी होने से दावेदारों की धुकधुकी बढ़ी हुई है। अब बसपा संगठन छह सेक्टर में बंटा बसपा प्रमुख ने एक बार फिर पार्टी संगठन के ढांचे में बदलाव किया है। मायावती ने पूरे प्रदेश को दो सेक्टर में बांटने की व्यवस्था को खत्म करते हुए सभी 18 मंडलों को अब छह सेक्टर में बांटा है। हर एक सेक्टर के चार प्रभारी बनाए गए हैैं। मंडल स्तर पर पहले से बने जोन कोआर्डिनेटर, सेक्टर प्रभारी को रिपोर्ट करेंगे। पहले सेक्टर में सहारनपुर, मेरठ और मुरादाबाद मंडल को रखा गया है जबकि लखनऊ के साथ इलाहाबाद और मिर्जापुर को जोड़कर सेक्टर चार बनाया गया है।  

8 अप्रैल को मेरठ लोकसभा सीट के लिए अखिलेश-मायावती संयुक्त प्रचार करेंगे। दरअसल अखिलेश और मायावती ने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत सहारनपुर से करने की प्लानिंग इसलिए की ताकि मुस्लिम और दलित वोट बैंक को संदेश दिया जा सके। 9 अप्रैल को नगीना लोकसभा सीट में संयुक्त रैली होगी। सपा- बसपा व राष्ट्रीय लोक दल के पार्टी प्रमुख विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। मायावती और अखिलेश यादव एक दर्जन संयुक्त रैलियां करेंगे। जिसमें चौधरी अजीत सिंह भी शामिल होंगे।


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