योगी आदित्यनाथ व मायावती के बयानों पर चुनाव आयोग सख्त, आज शाम तक मांगा जवाब
चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को नोटिस भेजा है।
लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 में अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभा कर रहे नेताओं के भाषण कहीं-कहीं बेहद उत्तेजक हो रहे हैं। चुनाव आयोग सभी का संज्ञान ले रहा है। इसी क्रम में चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को नोटिस भेजा है। नोटिस भेजने के बाद इनसे आज शाम तक जवाब भी मांगा है। चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भाषण के दौरान अली-बजरंग बली को लेकर दिए गए बयान पर और मायावती को मुस्लिम मतदाताओं से की गई अपील को लेकर नोटिस दिया है।
लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार के दौरान नेताओं की जुबान मर्यादा की सीमा लांघ रही है। चुनाव आयोग की ओर से कड़ाई से आचार संहिता के पालन का निर्देश बार-बार दिया जाता रहा है। चुनाव आयोग ने भाजपा के स्टार प्रचारक सीएम योगी आदित्यनाथ और बसपा सुप्रीमो को उनके बयानों पर नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है। इन दोनों ही नेताओं के बयानों के सांप्रदायिक होने का आरोप है और इस पर आयोग ने संज्ञान लिया।
मायावती ने मुसलमानों से की थी अपील
मायावती ने सहारनपुर में सात अप्रैल को मुसलमानों से एसपी-बीएसपी गठबंधन के पक्ष में वोट देने की अपील की थी और कहा था कि अगर वे कांग्रेस को वोट देंगे तो इससे उनका वोट बंट जाएगा। मायावती ने कहा था, कि मैं एक खुली अपील करना चाहती हूं। भाजपा से कांग्रेस नहीं, बल्कि गठबंधन लड़ रहा है। कांग्रेस चाहती है कि गठबंधन की जीत न हो। कांग्रेस इस चुनाव में भाजपा की मदद करने की कोशिश कर रही है। बसपा प्रमुख मायावती ने देवबंद की रैली में मुसलमानों से वोट की सीधी अपील की थी। उन्होंने कहा था कि मुस्लिम किसी भी बहकावे में आकर वोट को न बंटने दें, बल्कि बल्कि बसपा उम्मीदवार हाजी फजलुर्रहान के पक्ष में वोट करें। उन्होंने गठबंधन के मंच से सहारनपुर के मुसलमानों को बार-बार सचेत करते हुए कहा था कि किसी भी सूरत में अपने वोट को बंटने नहीं देना है। कांग्रेस इस लायक नहीं है कि वो भाजपा को टक्कर दे सके, जबकि महागठबंधन के पास मजबूत आधार है। ऐसे में अपने वोटों का बिखराव नहीं होने देना है और एकजुट होकर गठबंधन के उम्मीदवार के पक्ष में वोट करना है।
योगी आदित्यनाथ को दूसरी बार नोटिस, अली-बजरंगबली का बयान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार के दौरान नौ अप्रैल को भाषण दिया था। जिसपर आयोग को आपत्ति है। सीएम योगी आदित्यनाथ के दिए भाषण पर आयोग ने नोटिस भेजा है। चुनाव प्रचार के दौरान आदित्यनाथ ने कहा था, एसपी-बीएसपी को तो अली में यकीन है। हमें भी यकीन है बजरंगबली में। मेरठ में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस-बीएसपी-एसपी को 'अली' पर विश्वास है तो हमें भी बजरंगबली पर विश्वास है।
आज शाम तक मांगा स्पष्टीकरण
चुनाव आयोग ने प्राथमिक जांच के बाद योगी आदित्यनाथ के बयान को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना और नोटिस जारी कर आज शाम तक जवाब दाखिल करने को समय दिया है। बसपा सुप्रीमो को भी आज तक अपने बयान की सफाई का मौका दिया गया है। आयोग ने मायावती को चुनाव कोड के उल्लंघन का दोषी मानने के साथ ही सेक्शन 123 (3) के तहत जनप्रतिनिधि कानून 1951 के उल्लंघन का भी दोषी माना। इस कानून के तहहत उम्मीदवार धार्मिक आधार पर मतदान की मांग नहीं कर सकते न आप वहां मतदाताओं को धर्म के आधार पर मतदान के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।
योगी आदित्यनाथ को आयोग का यह दूसरा नोटिस
आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह दूसरा नोटिस जारी किया गया है। इससे पहले उन्हें मोदीजी की सेना कहने के लिए आयोग ने चेतावनी देते हुए भविष्य में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की हिदायत दी थी। भोपाल में एक रैली के दौरान योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मैने यह पढ़ा कि कांग्रेस के नेता कमलनाथ कह रहे हैं कि उन्हें एससी व एसटी के वोट नहीं चाहिए। उन्हें सिर्फ मुस्लिमों का वोट चाहिए।