BSP मुखिया मायावती का पीएम मोदी पर विवादित बयान, कहा-भाजपा नेताओं की पत्नियां घबराती हैं
बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि मुझे पता चला है कि भाजपा में खासकर विवाहित महिलाएं अपने पतियों को पीएम मोदी के करीब जाता देख घबरा जाती हैं।
लखनऊ, जेएनएन। Lok Sabha Election 2019 में अंतिम यानी सातवें चरण के मतदान से पहले नेताओं के आरोप प्रत्यारोप का दौर काफी तेज हो गया है। विवादित बयान भी रोज सुर्खियां बन रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक बार फिर विवादित बयान दिया है।
बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि मुझे पता चला है कि भाजपा में खासकर विवाहित महिलाएं अपने पतियों को पीएम मोदी के करीब जाता देख घबरा जाती हैं। उनका कहना है कि उन महिलाओं को डर है कि कहीं पीएम मोदी उन्हें भी अपनी पत्नी की तरह अपने पतियों से अलग ना करवा दें। वह सब यह सोचती हैं कि कहीं यह मोदी अपनी औरत की तरह ही हमको भी हमारे पतियों से अलग न करवा दें।
मायावती ने कहा, मुझे तो यह भी मालूम चला है कि भाजपा में खासकर विवाहित महिलाएं अपने आदमियों को श्री मोदी के नजदीक जाते देखकर यह सोच कर भी काफी ज्यादा घबराती रहती हैं कि कहीं मोदी अपनी औरत की तरह हमें भी अपने पति से अलग ना करवा दे। मायावती ने मामले पर बयान देते हुए प्रधानमंत्री मोदी की पत्नी को भी घसीटा।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा के लोग महिलाओं का सम्मान नहीं करते। यहां तक कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए पीएम मोदी ने अपनी पत्नी को भी छोड़ दिया। मायावती ने कहा कि पीएम मोदी अगर राजनीतिक लाभ के लिए अपनी पत्नी को छोड़ सकते हैं तो फिर देश की मां व बहनों को वह कैसे न्याय दे सकते हैं। वह इनको कैसे सम्मान देंगे।
मायावती ने पीएम मोदी पर अलवर के सामूहिक दुष्कर्म पर प्रधानमंत्री के शांत रहने पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पीएम यहां पर भी राजनीतिक लाभ लेने के प्रयास में हैं। वह इस कारण नहीं बोल रहे हैं, क्योंकि उनको लगता है कि उनके वोट का नुकसान होगा। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अलवर कांड पर पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दलित प्रेम पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मोदी का दलित प्रेम नकली है वह अलवर कांड की आड़ में घृणित राजनीति कर रहे हैं।
मायावती ने कहा कि अगर अलवर कांड के आरोपियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो राजस्थान सरकार से समर्थन वापस ले सकती हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी अब दलितों का वोट पाने के लिए उनके प्रति सहानुभूति दिखा रहे हैं, जबकि भाजपा शासित राज्यों में वह दलित उत्पीड़न पर कुछ भी नहीं बोलते। उन्होंने गुजरात के ऊना कांड में भी अपनी पार्टी के मुख्यमंत्री से इस्तीफा नहीं लिया और न ही रोहित वेमुला कांड में कैबिनेट मंत्री से इस्तीफा लिया था।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को चुनावी सभा में मायावती पर दलितों के लिए सिर्फ बयानबाजी कर घडिय़ाली आंसू बहाने का आरोप लगाया था। उनका कहना था, अगर बहनजी को दलित बेटियों की इतनी ही चिंता है तो इस अपराध को छिपाने वाली राजस्थान सरकार से समर्थन वापस क्यों नहीं लेतीं?
जवाब में बसपा प्रमुख ने प्रधानमंत्री मोदी की जाति और उनकी पत्नी को लेकर तीखे आरोप लगाए। मायावती का आरोप है कि प्रधानमंत्री को गरीबों की रत्ती भर भी चिंता होती तो 15-20 लाख रुपये बैंक के खातों में डलवाने का वादा पूरा करते।
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