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लोग 1962 का युद्ध नहीं भूले तो बालाकोट कैसे भूल सकते हैं : मोदी

मोदी ने कहा कि आजकल कह रहे हैं कि देश बालाकोट की घटना भूलने लगा है। जब लोग 1962 का युद्ध नहीं भूले तो बालाकोट कैसे भूल सकते हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 10:36 PM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 10:36 PM (IST)
लोग 1962 का युद्ध नहीं भूले तो बालाकोट कैसे भूल सकते हैं : मोदी
लोग 1962 का युद्ध नहीं भूले तो बालाकोट कैसे भूल सकते हैं : मोदी

 ओमप्रकाश तिवारी, गोंदिया-भंडारा (महाराष्ट्र)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के घोषणापत्र को ढकोसलापत्र बताते हुए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ करार दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली के एसी कमरों में बैठे लोग नई-नई कथाएं चलाते रहते हैं। आजकल कह रहे हैं कि देश बालाकोट की घटना भूलने लगा है। मोदी ने कहा, जब लोग 1962 का युद्ध नहीं भूले तो बालाकोट कैसे भूल सकते हैं।

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मोदी बुधवार को महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में दूसरी चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। विदर्भ में प्रथम चरण में 11 अप्रैल को मतदान होना है। कांग्रेस पर देश को अस्थिर करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए मोदी ने उस पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की आदत है कि कब्जा करो या फिर भ्रम (कंफ्यूजन) पैदा करो।

इन दिनों वह कंफ्यूजन पैदा करने का ही काम कर रही है क्योंकि उसे लगने लगा है कि लोगों की भलाई तो हो रही है, लेकिन उसकी मलाई छूटती जा रही है। कांग्रेस के घोषणापत्र को ढकोसलापत्र के साथ-साथ मोदी ने उसे पाकिस्तान की साजिशों का योजनापत्र भी करार दिया। उन्होंने इसे देश के वीर जवानों के मनोबल को तोड़ने का षड्यंत्र और देश को टुकड़े-टुकड़े करने का नारा लगाने वालों का सजिशपत्र भी करार दिया।

बता दें कि गोंदिया-भंडारा क्षेत्र महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली से बिल्कुल सटा हुआ है। यहां अक्सर सैन्य बलों का टकराव नक्सलियों से होता रहता है। इसका उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र में हिंसा फैलाने वाले इन माओवादियों के दिन अब लद गए हैं। उन्होंने आम जनता को सावधान रहने का संदेश देते हुए कहा कि जरा भी चूक हुई, नक्सल-माओवादी गतिविधियों को और गति मिलेगी।

कांग्रेस पर नक्सलियों की ढाल बनने का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा कि जब हमारी सरकार शहरी नक्सलियों पर कार्रवाई करती है तो किस प्रकार ये लोग उनके साथ खड़े हो जाते हैं, यह आप लोगों ने भली-भांति देखा है। अब तो कांग्रेस ने खुलकर घोषणा कर दी है कि यदि कोई शहरी नक्सली देशविरोधी काम करता पकड़ा जाए तो उस पर देशद्रोह का केस नहीं चलेगा। कांग्रेस ने देशद्रोह कानून को ही खत्म करने का फैसला कर लिया है। उन्होंने अपनी शैली में लोगों से पूछा कि क्या कांग्रेस और राकांपा यह सही कर रहे हैं?

मोदी ने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को भी आड़े हाथों लेते हुए उनसे पूछा, 'क्या आप कांग्रेस के ढकोसलापत्र से सहमत हैं? आप तो रक्षा मंत्री रहे हैं। आपका जन्म तो छत्रपति शिवाजी महाराज की धरती पर हुआ है। क्यों मुंह पर ताला लगाए बैठे हैं? मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि आप कांग्रेस के इन पापों को क्यों ढो रहे हैं।' महाराष्ट्र के धुर पूर्वी हिस्से में स्थित यह लोकसभा क्षेत्र कभी राकांपा के बड़े नेता प्रफुल्ल पटेल का क्षेत्र हुआ करता था। 2014 में यहां से भाजपा के टिकट पर नाना पटोले चुनाव जीते थे। लेकिन करीब डेढ़ साल पहले उन्होंने अपनी लोकसभा सदस्यता के साथ-साथ भाजपा से भी त्यागपत्र दे दिया था। इस बार गोंदिया-भंडारा से भाजपा ने सुनील मेंढे को उम्मीदवार बनाया है। उनका मुकाबला राकांपा उम्मीदवार नाना पंचबुढ़े से हो रहा है।

भरोसे व भ्रष्टाचार, संकल्प व साजिश के बीच है चुनाव

पासीघाट, प्रेट्र : प्रधानमंत्री मोदी ने एक हफ्ते में अरुणाचल प्रदेश में अपनी दूसरी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यह चुनाव भरोसे व भ्रष्टाचार और संकल्प व साजिश के बीच है। कांग्रेस की सहानुभूति उन लोगों के साथ है जो भारत का अपमान करते हैं।

उन्होंने हैरानी जताते हुए पूछा कि कांग्रेस का हाथ देश के साथ या देश के खिलाफ साजिश करने वालों के साथ है। जो लोग तिरंगा जलाते हैं, भारत को तोड़ने के नारे लगाते हैं और विदेशी ताकतों के हाथों में खेलते हैं, बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ते हैं, कांग्रेस उनके साथ ही सहानुभूति रखती है।

मोदी ने कहा कि कांग्रेस के 2004 के घोषणापत्र में कहा गया था कि 2009 तक हर घर में बिजली पहुंच जाएगी। लेकिन 2014 तक 18 हजार गांव अंधेरे में डूबे थे। इसलिए उसका घोषणापत्र झूठ का पुलिंदा है। राजग ने सत्ता में आने के बाद 1,000 दिन में इन 18 हजारों गांवों को जगमग किया है।


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