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Election 2024: रोजगार कितना कारगर चुनावी मुद्दा, चुनाव में कांग्रेस इसे धार देने में जुटी तो भाजपा पेश कर रही आंकड़े

कांग्रेस करीब 21 करोड़ युवाओं को पाले में लाने के लिए पांच गारंटी देने की घोषणा कर चुकी है। इसमें सरकार में खाली 30 लाख पदों को तय समय में भरना व युवाओं को एक साल तक 8500 रुपये मासिक मानदेय देने के साथ उन्हें कुशल बनाना शामिल है। नौकरी के लिए होने वाली परीक्षा के पेपर लीक को रोकना गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना शामिल है।

By Jagran News Edited By: Amit Singh Published: Thu, 21 Mar 2024 04:00 AM (IST)Updated: Thu, 21 Mar 2024 04:00 AM (IST)
देश के 52% लोगों ने एक सर्वे में बेरोजगारी को अहम मुद्दा बताया।

राजीव कुमार, नई दिल्ली। रोजगार प्रत्येक चुनाव का एक स्थायी मुद्दा है। पहले लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक शायद ही कोई चुनाव हुआ हो, जिसमें रोजगार मुद्दा न रहा हो। केवल भारत ही नहीं, अमेरिका जैसे विकसित देशों में भी रोजगार का सवाल कभी दबा नहीं। अहम सवाल यह है कि क्या यह स्थायी मुद्दा निर्णायक मुद्दा भी होता है...। इसमें शक नहीं कि युवाओं के बीच इसका असर होता है, इसीलिए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इसे धार देने में जुट गई है, पर सत्ताधारी भाजपा की ओर से कुछ आंकड़े भी पेश किए जा रहे हैं।

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उसकी ओर से यह भी बताया जा रहा है कि सरकार युवाओं को जाब सीकर यानी नौकरी की चाह रहने वाले से ज्यादा जाब गिवर यानी नौकरी देने वाला बनाने की दिशा में काम कर रही है। ऐसे में यह माना जाना चाहिए कि रोजगार के मुद्दे का प्रभाव विश्वसनीयता और प्रतिबद्धता पर जाकर टिकेगा। इस स्थायी मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए नया रास्ता ही ढूंढना होगा।

युवाओं के लिए कांग्रेस की गारंटी

कांग्रेस करीब 21 करोड़ युवाओं को पाले में लाने के लिए पांच गारंटी देने की घोषणा कर चुकी है। इसमें सरकार में खाली 30 लाख पदों को तय समय में भरना व युवाओं को एक साल तक 8500 रुपये मासिक मानदेय देने के साथ उन्हें कुशल बनाना शामिल है।

नौकरी के लिए होने वाली परीक्षा के पेपर लीक को रोकना, गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना एवं 5000 करोड़ के स्टार्टअप फंड का गठन भी उसकी गारंटी में शामिल है ताकि सभी जिलों में युवाओं को स्टार्टअप फंड मिल सके। ध्यान रहे कि बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में राजद के नेता व लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने सत्ता में आते ही 10 लाख नौकरी देने का खूब जोर-शोर से प्रचार किया और इससे वह सभी वर्गों के युवाओं का वोट पाने में सफल भी रहे।

दक्षिण भारत के राज्य तेलंगाना और कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने रोजगार के मुद्दे को उछाला था, लेकिन कांग्रेस को अगर विश्वसनीय ढंग से युवाओं को अपने साथ करना है तो फिर यह भी बताना होगा कि पिछली कांग्रेस सरकारों के समय और वर्तमान में कांग्रेस शासित राज्यों मे इस दिशा में कितना काम हुआ। वरना यह सिर्फ चुनावी स्टंट बनकर रह जाएगा।

स्टैटिस्टा कंज्यूमर ने किया सर्वे

स्टैटिस्टा कंज्यूमर ने हाल ही में चुनाव के मुद्दों की जानकारी के लिए शहरी क्षेत्र के 24 हजार उपभोक्ताओं का एक आनलाइन सर्वे किया। इसमें 52 प्रतिशत उपभोक्ता ने बेरोजगारी को अहम चुनावी मुद्दा बताया। सरकार चाहे कुछ भी कहे, लेकिन उसे भी इस बात का अहसास था कि रोजगार का मुद्दा चुभता है और इसीलिए एक वर्ष पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने करीब 10 लाख सरकारी नौकरियों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।

गौरतलब है कि स्टैटिस्टा एक आनलाइन पोर्टल है, जो वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था, औद्योगिक क्षेत्रों, उपभोक्ता बाजारों, जनता की राय, मीडिया और व्यापक आर्थिक विकास पर डेटा प्रदान करता है।

भाजपा बता रही ऐसे मिलेगा रोजगार का मौका

भाजपा के घोषणा-पत्र में क्या होता है, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन वह यह बताना शुरू कर चुकी है कि कैसे भारत के युवाओं को सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में रोजगार का मौका मिलने वाला है। आज अंग्रेजी बोलने वाले विज्ञान, टेक्नोलाजी व गणित के जानकार सबसे अधिक युवा भारत में ही हैं। बार्कलेज की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2023 से वर्ष 2027 के बीच आटोमेशन से दुनियाभर में 8.5 करोड़ नौकरियां जाएंगी तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग, फिनटेक व ई-कामर्स में 6.9 करोड़ नौकरियां निकलेंगी।

इन नौकरियों के लिए भारत सबसे बड़ा मानव संसाधन आपूर्तिकर्ता होगा। बार्कलेज पीएलसी एक वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी है, जो व्यक्तिगत और व्यावसायिक बैंकिंग, थोक और वाणिज्यिक बैंकिंग के साथ ही निजी और निवेश बैंकिंग समाधान पेश करती है।

इन क्षेत्रों में नौकरी के अवसर

डिजिटल इंडिया ने लाखों युवाओं को घर बैठे उद्यम करने में सक्षम बनाया और स्विगी-जोमैटो जैसी आनलाइन डिलीवरी कंपनियों में मध्यम स्तर की शिक्षा प्राप्त युवाओं के लिए रोजगार के अवसर निकले। स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, प्रधानमंत्री आवास योजना, सोलर मिशन, मेक इन इंडिया, इलेक्ट्रानिक्स से लेकर फार्मा व अन्य 14 सेक्टर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम, ग्रीन हाइड्रोजन जैसे कई नए क्षेत्र में भारत दुनिया को नेतृत्व देने जा रहा है, जहां लाखों नौकरियां निकलने वाली हैं। पिछले 10 वर्षों में ऐसी कई योजनाओं से लाखों नौकरियां निकली हैं। इलेक्ट्रिक वाहन नीति से देश के छोटे-बड़े सभी शहरों में इलेक्ट्रिक रिक्शा से निकलने वाला रोजगार बड़ा उदाहरण है। एक ओर कांग्रेस का लुभावना बेरोजगारी मानदेय का वादा तो दूसरी ओर भाजपा का स्वर्णिम सपना, जहां विकास के लिए खुला आकाश हो। कौन अपनी बातें कितनी समझा पाता है, युवा उधर जाएंगे।


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