इस बार का लोकसभा चुनाव हर मायने में खास, सुरक्षा से लेकर नए मतदाताओं को लेकर बड़े इंतजाम; इस तरह पूरे देश में होगी वोटिंग
सीईसी राजीव कुमार के अनुसार 96.8 करोड़ लोग 12 लाख से अधिक मतदान केंद्रों पर आगामी चुनावों में वोट डालने के पात्र हैं। इसमें महिला मतदाता की भागीदारी तेजी से बढ़ी है। प्रति हजार पुरुषों पर महिला वोटर की संख्या 2024 में 948 है जो की 2019 में केवल 928 ही थी। इस बार का लोकसभा चुनाव 7 चरणों में संपन्न होगा । चुनावों की गिनती 4 जून को होगी।
जागरण न्यूज डेस्क, नई दिल्ली। Lok Sabha Election 2024: भारत निर्वाचन आयोग ने शनिवार को घोषणा की कि लोकसभा चुनाव 7 चरणों में होंगे। उपचुनाव, विधानसभा चुनाव और आम चुनाव सहित सभी चुनावों की गिनती 4 जून को होनी है। मौजूदा सरकार का कार्यकाल 16 जून को समाप्त हो रहा है।
7 चरणों में कब-कब होगी वोटिंग?
- चरण 1- 19 अप्रैल, 2024
- चरण 2- 26 अप्रैल 2024
- चरण 3- 7 मई 2024
- चरण 4 - 13 मई 2024
- चरण 5 - 20 मई 2024
- चरण 6 - 25 मई 2024
- चरण 7 - 1 जून 2024
इस तरह पूरे देश में होगा मतदान
चरण | कितनी जगह | राज्य |
पहला | 102 | 21 |
दूसरा | 89 | 13 |
तीसरा | 94 | 12 |
चौथा | 96 | 10 |
पांचवां | 49 | 8 |
छठा | 57 | 7 |
सातंवा | 57 | 8 |
2019 की पांच सबसे बड़ी जीत
लोकसभा सीट | उम्मीदवार | पार्टी | अंतर |
नवासारी | सीआर पाटिल | भाजपा | 6,89,668 |
भीलवाड़ा | सुभाष बहेड़िया | भाजपा | 6,12,000 |
वड़ोदरा | रंजनबेन भट्ट | भाजपा | 5,89,177 |
पश्चिमी दिल्ली | प्रवेश वर्मा | भाजपा | 5,78,486 |
गांधीनगर | अमित शाह | भाजपा | 5,57,014 |
भारत में लोकसभा चुनाव के लिए कितने मतदाता?
सीईसी राजीव कुमार के अनुसार, 96.8 करोड़ लोग 12 लाख से अधिक मतदान केंद्रों पर आगामी चुनावों में वोट डालने के पात्र हैं। इसमें महिला मतदाता की भागीदारी तेजी से बढ़ी है। प्रति हजार पुरुषों पर महिला वोटर की संख्या 2024 में 948 है जो की 2019 में केवल 928 ही थी। 18 से 19 साल की उम्र की महिला मतदाताओं की संख्या 85.3 लाख हो गई है। वहीं, 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में पुरुषों की तुलना में प्रति 1000 पर ज्यादा महिला मतदाता है। 2020 में 932, 2021 में 935, 2022 में 940 और 2023 में 940 महिला मतदाताओं की थी संख्या।
नए मतदाताओं को बूथ तक लाने के लिए क्या किया जा रहा?
- नए मतदाताओं के बूथ पहुंचने की बाधओं को दूर किया जाएगा।
- यूथ आइकन का इस्तेमाल कर नए मतदाताओं को बूथ तक लाया जाएगा।
- इंटरनेट मीडियो के जरिए नए मतदाताओं को जागरुक किया जाएगा।
- रेडियो जॉकी के जरिए नए मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया जाएगा।
दुर्गम स्थानों पर एक-एक वोटों की कीमत क्यों जरूरी?
- गुजरात के भरुच में अलियाबेट में शिपिंग कंटेनर में पोलिंग स्टेशन है।
- हिमाचल में लाहौल-स्पीति के ताशीगंग में सार्वधिक ऊंचाई पर पोलिंग स्टेशन स्थित है।
- महज एक मतदाता के लिए भारत का सबसे छोटा पोलिंग बूथ अरुणाचल के अनजाव जिले के मालेगाम में स्थित है।
- बस्तर के चांदामेटा में पहली बार वोट डाले जाएंगे।
- केरल के वायनाड स्थित अभयारणय में भी पोलिंग स्टेशन बनाए गए है।
- बिखरे द्विप समूहों के मतदाताओं के लिए भी त्रिपुरा के डंबूर लेक पोलिंग स्टेशन बनाया गया है।
इस बार का चुनाव क्यों है बेहद खास?
लोकतंत्र के इस पर्व में पर्यावरण की भी सुरक्षा को ध्यान में रखा गया है। ऐसे में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है। हर तरह के कचरे का वर्गीकरण और उचित निस्तारण किया जा रहा।अपशिष्ट प्रबंधन और रिसाइकिल सुविधाओं के लिए स्थानीय संगठन से भागीदारी मिल रही है।
अगर चुनाव के दौरान हिंसा फैली तो...
- भारी मात्रा में केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनाती की जाएगी।
- 24 घंटे 7 दिनों तक काम करने वाले एकीकृत निंयत्रण कक्ष सभी जिलों में बनाए गए है।
- संवेदनशील 50 प्रतिशत पोलिंग स्टेशनों पर वेबकास्टिंग होगी।
- सभी गैरजमानती वारंट तामिल होंगे।
- सभी शस्त्र और उसके लाइसेंस जमा कराए जाएंगे।
- हिस्ट्रीशीटरों की निगरानी की जाएगी।
- देशभर में चेकपोस्ट का नेटवर्क।
- सीमाई इलाकों में ड्रोन से निगरानी की गई।
2019 की पांच सबसे छोटी जीत
लोकसभा सीट | उम्मीदवार | पार्टी | अंतर |
मछलीशहर | भोलानाथ | भाजपा | 181 |
आरामबाग | अपरुणा पोद्दार | TMC | 1,142 |
खूंटी | अर्जून मुंडा | भाजपा | 1,445 |
चामराजनगर | वी. श्रीनिवास प्रसाद | भाजपा | 1,817 |
बर्घमान दूर्ग | एसएस अहुलवालिया | भाजपा | 2439 |
कागज का कम होगा इस्तेमाल
- मतदाता सूची और चुनाव सामग्री के लिए कम से कम कागजों का इस्तेमाल किया जाएगा।
- ई-बुक्स और ई- डॉक्यूमेंट के इस्तेमाल पर जोर होगा।
- कागज के दोनों तरफ प्रीटिंग, लेआउट को अनुकूल बनाना।
- संचार के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्य का इस्तेमाल किया जाएगा।
कार्बन उत्सर्जन पर लगाम
- परिवहन के लिए इको फ्रेंडली वाहनों का उपयोग।
- कार पूलिंग और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा।
- प्रचार के दौरान नवीकरणीय उर्जा का इस्तेमाल।
- चुनाव अधिकारियों और वोटरों के लिए दूरी कम करने को पोलिंग लोकेशन को समेकित करना।
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