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Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश की इन 10 सीटों पर कड़ा होगा मुकाबला, जानें- क्या कहते हैं भाजपा व कांग्रेस के समीकरण?

लोकसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है। मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और भाजपा समेत सभी दलों ने अपनी ताकत झोंकनी शुरू कर दी है। भाजपा ने सभी सीटों पर प्रत्याशियों का एलान कर दिया है तो वहीं कांग्रेस ने सिर्फ 10 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है। प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों पर सबकी नजर हैं। यहां मुकाबला कांटे का होने की उम्मीद है।

By Jagran News NetworkEdited By: Jagran News NetworkPublished: Mon, 18 Mar 2024 08:44 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2024 08:44 PM (IST)
लोकसभा चुनाव 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी की फाइल फोटो।

सौरभ सोनी, भोपाल। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 29 में से 28 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भाजपा के लिए मध्य प्रदेश की 10 लोकसभा सीटें चुनौतीपूर्ण रह सकती हैं। इनमें छिंदवाड़ा, मुरैना, भिंड, ग्वालियर, टीकमगढ़, मंडला, बालाघाट, रतलाम, धार और खरगोन सीट शामिल हैं।

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इन संसदीय क्षेत्रों में आने वाली विधानसभा सीटों में से अधिकांश पर पिछले साल भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र की सभी सातों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस जीती है। ऐसे में इन सीटों पर मुकाबला कांटे का हो सकता है।

इस बीच, भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने इन सीटों पर मैदानी स्तर पर चुनावी जमावट शुरू कर दी है। भाजपा सभी 29 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा कर चुकी है। वहीं कांग्रेस ने अभी तक 10 प्रत्याशियों की घोषणा की है। फिलहाल कड़े संघर्ष वाली केवल चार सीटों पर ही कांग्रेस प्रत्याशियों का एलान कर सकी है।

यहां विस चुनाव में ढेर हो चुकी भाजपा

मुरैना, मंडला, धार और खरगोन की पांच- पांच, भिंड, ग्वालियर, बालाघाट, रतलाम लोकसभा क्षेत्र की चार-चार, टीकमगढ़ की तीन विधानसभा सीटों पर भाजपा हारी है। ऐसे में इन सीटों पर भाजपा ने विधानसभा चुनाव में मिले परिणामों के अनुरूप तैयारी की है। इन लोकसभा सीटों पर पार्टी ने मजबूत प्रत्याशी भी उतारे हैं।

विधानसभा और लोकसभा चुनाव के मुद्दे, प्रत्याशी और बनने वाली सरकार अलग-अलग होती है। विधानसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दे, समीकरण, जातीय समीकरण और अन्य कारण प्रभावी हो जाते हैं लेकिन विधानसभा के बाद जितने भी लोकसभा चुनाव हुए हैं, उनमें परिणाम भाजपा के पक्ष में आए हैं। जहां कमियां रह गईं, वहां हमने सुधार करने के प्रयास भी किए हैं। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के परिणाम हमेशा से भिन्न रहे हैं। इस बार भाजपा सभी लोकसभा सीटें अच्छे अंतरों से जीतेगी। - रजनीश अग्रवाल, प्रदेश मंत्री, मध्य प्रदेश भाजपा।

इन पांच लोकसभा क्षेत्रों में कैसी है भाजपा की स्थित?

पांच लोकसभा क्षेत्र भाजपा के लिए सुरक्षित माने जाते हैं। विधानसभा चुनाव में भी यहां के मतदाताओं ने सभी सीटों पर भाजपा को चुना है। खजुराहो, होशंगाबाद, देवास, इंदौर और खंडवा लोकसभा क्षेत्र की सभी विधानसभा सीटें भाजपा जीती है। इनके अलावा सागर, दमोह, रीवा, सीधी, जबलपुर, विदिशा और मंदसौर लोकसभा क्षेत्र में केवल एक-एक विधानसभा सीट पर भाजपा हारी है।

विधानसभा चुनाव के परिणामों के दृष्टिगत 10-11 सीटें ऐसी हैं, जहां हम भाजपा को न केवल तगड़ी शिकस्त देंगे, बल्कि अपनी जीत के आधार को भी मजबूत करेंगे। भाजपा इन दिनों सत्ता के मद में 'थोथा चना-बाजे घना' की तर्ज पर राजनीतिक अहंकार प्रदर्शित कर रही है। सत्ता और संसाधनों का दुरुपयोग अधिक नहीं दिनों तक नहीं चलता है। वास्तविकता जल्द ही देश के सामने आ जाएगी। - केके मिश्रा, अध्यक्ष मीडिया विभाग, मध्य प्रदेश कांग्रेस।


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