Lok Sabha Election 2024: 'जब पांच मिनट का कह 22 मिनट तक बोलते रहे अटल बिहारी', 1979 की यह रैली कैसे बन गई चुनावी किस्सा?
10 सितंबर 1979 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कवर्धा में एक जनसभा को संबोधित किया था। इस जनसभा का आयोजन अचानक और रात में तय किया गया था। मगर रैली में लोगों की भीड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री को काफी प्रभावित किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं को पांच मिनट का समय दिया था। मगर वे 22 मिनट तक बोलते रहे।
प्रकाश वर्मा, राजनांदगांव। चुनावी मौसम है और हर ओर चुनावी किस्सों की बहार है। एक ऐसा ही रोचक किस्सा है दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का। नौ सितंबर 1979 को अटल बिहारी वाजपेयी कवर्धा में रात्रि विश्राम को रुके। मगर सुबह रैली का आयोजन देख दंग रह गए। मौका था सातवें आम चुनाव का। कवर्धा से अगले दिन अटल बिहारी वाजपेयी को जबलपुर जाना था। उन्होंने कार्यकर्ताओं को पांच मिनट का समय दिया और 22 मिनट तक रैली को संबोधित करते रहे।
कार्यकर्ताओं ने वाजपेयी से किया था ये आग्रह
नौ सितंबर 1979 को अटल बिहारी वाजपेयी सड़क मार्ग से कवर्धा पहुंचे। यहां स्थानीय नेता, कार्यकर्ता और संघ के नेताओं ने उनका जोरदार तरीके से स्वागत किया। सर्किट हाउस में स्थानीय नेताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी से रैली को संबोधित करने का आग्रह किया। मगर वह असमंजस्य की स्थिति में थे।
जब सोच में पड़े वाजपेयी- सुबह रैली कैसे होगी?
कार्यकर्ताओं ने सुबह ही रैली का समय निर्धारित किया। इस पर अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा कि सुबह ही जबलपुर जाना है और इतनी सुबह लोग भी रैली में नहीं आ पाएंगे। हालांकि कार्यकर्ताओं ने लोगों के आने का भरोसा दिया। मगर वाजपेयी के मन में यह विचार चल रहा था कि इतनी सुबह रैली कैसे होगी।
रात में नेताओं ने किया रैली का प्रचार
10 सितंबर 1979 को कवर्धा के जैन स्थानक भवन मैदान में रैली का आयोजन किया गया। उधर, नौ सितंबर की रात को ही संघ के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आसपास के इलाके में रैली का प्रचार करना शुरू कर दिया। कुछ ही समय में यह जानकारी हर तरफ फैल गई कि सुबह अटल बिहारी वाजपेयी कवर्धा में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। रैली सुबह छह बजे से शुरू होने वाली थी। मगर लोगों की भीड़ पहले ही रैली स्थल पहुंच चुकी थी।
अटल बिहारी वाजपेयी ने भीड़ होने पर सिर्फ पांच मिनट बोलने की बात कही थी। मगर जैसे ही रैली स्थल पहुंचे तो वहां नजारा ही अलग था। लोगों की भीड़ देखकर वे हैरान रह गए और 22 मिनट तक रैली को संबोधित किया।
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