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Lok Sabha Election 2024: परियाजनाओं को मिली मंजूरी; लेकिन जनता के हाथ खाली, राजनांदगांव सांसद का ऐसा रहा रिपोर्ट कार्ड

Lok Sabha Election 2024 छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीट राजनांदगांव में इस बार मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। कांग्रेस ने यहां से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मैदान में उतारा है तो बीजेपी ने वर्तमान सांसद संतोष पांडेय पर फिर से भरोसा दिखाया है। संतोष पांडेय के हालिया कार्यकाल में कितना विकास हुआ और कौन-कौन से काम अधूरे रह गए हैं पढ़ें पूरा रिपोर्ट कार्ड-

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Published: Thu, 14 Mar 2024 05:26 PM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2024 05:26 PM (IST)
Lok Sabha Election 2024: कई गांवों में अब भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।

प्रकाश वर्मा, राजनंनदगांव। छत्‍तीसगढ़ के राजनांदगांव से बीजेपी ने एक बार फिर संतोष पांडेय पर भरोसा जताते हुए उन्हें मैदान में उतारा है। लोकसभा चुनाव 2019 में वह बीजेपी के टिकट से चुनकर आए थे और वर्तमान में यहां से सांसद हैं। संतोष पांडेय के पौने 5 साल के कार्यकाल के रिपोर्ट कार्ड की बात करें तो लोकसभा क्षेत्र के ज्यादातर गांवों में केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचा है।

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लोगों तक सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में उनका काम दिखता है, लेकिन कई गांवों में अब भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। क्षेत्र के कई गांवों में विकास कार्य शुरू तो हुए, लेकिन उनका परिणाम अब तक नहीं आया है। कुछ क्षेत्रों में केन्द्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में कमी देखी गई।

राजनांदगांव सांसद ने प्रदेश की पूर्व कांग्रेस सरकार की ओर से उचित राज्यांश नहीं मिलना इसका कारण बताया है। केंद्र व पूर्व राज्य सरकार के बीच समन्वय की कमी के कारण कई गांवों में जनता को प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन जैसी प्रमुख योजनाओं का लाभ नहीं मिला है। इसके अलावा अमृत सरोवर योजना का लाभ भी नहीं मिला है। जिस कारण से कई गांवों में तालाबों की सफाई नहीं हो पाई।

नल से जल योजना की बात करें तो इसका अभी 70 फीसदी काम ही पूरा हो गया है। गांवों में टंकियां बनाने के काम में प्रगति जरूर हुई है। कई जगह पाईप लाइन भी बिछाई जा रही हैं, लेकिन लोगों के घरों तक अभी पीने का पानी नहीं पहुंच पाया है। सांसद ने प्रधानमंत्री आवास, जल जीवन मिशन, लोगों के स्वास्थ्य, सड़क और रेलवे यातायात जैसे विभिन्न मुद्दों को लेकर जमीन से संसद तक मुखरता से आवाज उठाई है, लेकिन जमीन पर इसके परिणाम का इंतजार अब तक बना हुआ है।

रेलवे के क्षेत्र में कई उपलब्धियां

संतोष पांडेय के कार्यकाल में राजनांदगांव व डोंगरगढ़ रेलवे स्टेशन को अमृत स्टेशन में शामिल किया गया। उन्होंने डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेल लाइन परियोजना के लिए स्वीकृति दिलाई। परियोजना के लिए 4 हजार 21 करोड़ रुपये की मंजूरी भी दी जा चुकी है। इसके तहत तकरीबन 295 किमी रेल लाइन का निर्माण होना है। यह लाइन राजनांदगांव व कबीरधाम के 80 गांवों से गुजरेगी।

संतोष पांडेय के प्रयासों से नागपुर-बिलासपुर वंदे भारत का स्टापेज राजनांदगांव व डोंगरगढ़ स्टेशन में भी कराया गया। इसके अलावा रेल और सड़क से जुड़ी कई प्रमुख परियोजनाओं को भी उन्होंने स्वीकृति दिलाई। इनमें राजनांदगांव गौरी नगर व स्टेशन पारा रेलवे क्रासिंग पर निर्माणाधीन अंडरब्रिज, हैदराबाद-रायपुर एक्सप्रेसवे, बालाघाट-लांजी से डोंगरगढ़-खैरागढ़ जालबांधा होकर रायपुर को जोड़ने वाली ग्रीन फील्ड नेशनल हाइवे की योजना प्रमुख है।

शिक्षा और स्वास्थ्य में हुए काम

राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना एक प्रमुख मुद्दा है। इसके लिए सांसद ने कवर्धा में केंद्रीय विद्यालय खोलने की मंजूरी दिलाई। विद्यालय के भवन के निर्माण में करीब 21 करोड़ की लागत आएगी। साथ ही उन्होंने खेलो इंडिया के तहत क्षेत्र में सांई हास्टल खेल अकादमी व बास्केट बाल अकादमी भी खुलवाने का कार्य किया। अस्पतालों के उपकरण के लिए स्वीकृति दिलवाने एवं एंबुलेंस शुरू कराने की उपलब्ध भी उनके खाते में है।

"चार जिलों में फैले संसदीय क्षेत्र में ऐतिहासिक विकास कार्य कराया है। सतत संपर्क व सहज संपर्क के कारण लोगों का मोदी सरकार के प्रति विश्वास भी बढ़ाने का भी काम किया। क्षेत्र में 12 रेलवे अंडरब्रिज का निर्माण हुआ। प्रसाद योजना के तहत डोंगरगांव में 43 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण चल रहा है। कवर्धा में केंद्रीय विद्यालय को नया भवन दिलाया। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत राजनांदगांव व डोंगरगढ़ स्टेशन को शामिल कराया। क्षेत्र में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत गांव-गांव में सड़कों का जाल बिछा। ठाकुरटोला में दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के लिए भवन बन रहा है। इसके अलावा हैदराबाद तक साढ़े पांच हजार करोड़ रुपये की लागत वाला एक्सप्रेस-वे का जिले से होकर जाना भी बड़ी उपलब्धि है। साथ ही 950 करोड़ रुपये का सोलर उद्यान से क्षेत्र में ऊर्जा का क्षेत्र में भी बड़ी उपलब्धि है।"

-सांसद संतोष पांडेय

नहीं बन पाया 'आदर्श' ग्राम

आदर्श ग्राम योजना के तहत संतोष पांडेय ने खैरागढ़ मुढ़ीपार, छुरिया के मातेखेड़ा, कवर्धा के रणवीरपुर और अंबागढ़ चौकी के दनगढ़ गांव को गोद लिया है। सांसद की ओर से गोद लिए जाने के बाद गांव के लोगों को विकास में तेजी की उम्मीद थी, लेकिन अब तक परिस्थिति में कोई खासा सुधार नहीं हुआ है। गांवों में बुनियादी सुविधाओं का अब भी अभाव है। गांवों के रहवासियों का कहना है कि केवल नाम के लिए ही आदर्श ग्राम है, काम कुछ नहीं हुआ है।

अधूरी है विकास की आस

सांसद ने कोरोना काल के बाद खुज्जी विधानसभा के छुरिया ब्लाक के मातेखेड़ा गांव को गोद लिया। 1600 लोगों की आबादी वाले इस गांव में कई विकास कार्यों के लिए पंचायत प्रतिनिधियों की ओर से मांग की गई। सांसद ने इस पर आश्वासन भी दिया, लेकिन अब तक काम पूरे नहीं हुए हैं। केवल डीएमएफ मद से व्यवसायिक परिसर का निर्माण हुआ है।

संतोष पांडेय ने पिछले साल अंबागढ़ चौकी और मोहला के बीच स्थित दनगढ़ गांव को भी लिया है। यहां पर विकास की कहानी अधूरी है। जिले से मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी अलग होने के बाद से विकास की गति धीमा होना बताया गया है।

वहीं सासंद का पहला गोद लिया हुआ गांव डोंगरगढ़ व खैरागढ़ के बीच स्थित मुढ़ीपार है। केंद्र सरकार के अमृत सरोवर योजना के तहत यहां के तालाब को संवारने का काम तो शुरू किया गया है, लेकिन स्वास्थ्य सुविधा को लेकर स्थित खराब है। रहवासियों को स्वास्थ्य समस्याओं के लिए पांडादाह या फिर खैरागढ़ जाना पड़ता है। यहां के सड़कों की भी हालत ठीक नहीं है।

गांव के रहवासी संजय साहू कहते हैं, "जिले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाएं नहीं मिल रही है। डाक्टरों की कमी लंबे समय से बनी हुई है। इसके कारण लोगों को उपचार के लिए निजी अस्पताल जाना पड़ रहा है। जनप्रतिनिधियों को इसके लिए गंभीरता से काम करना चाहिए।"

रहवासी हंसराज बंजारे का कहना है, "केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है पर इसमें विस्तार की जरूरत है, जो लंबे समय से मांग है। ग्रामीण क्षेत्र में सरकार की योजनाएं देरी से पहुंच रही है। पीएम आवास की योजना का लाभ भी हितग्राहियों को नहीं मिल रहा है।"

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संसद में इन मुद्दों पर बोले

सांसद रहते हुए संतोष पांडेय ने कई मुद्दों को संसद में उठाया। लोकसभा की वेबसाइट के अनुसार उन्होंने अब तक 106 प्रश्न सदन में पूछे हैं। वहीं 39 मुद्दों पर वह सदन में अपनी बात रख चुके हैं। संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022 पर विचार के प्रस्ताव के संबंध में भी उन्होंने चर्चा में हिस्सा लिया।

संतोष पांडे ने कवर्धा के भोरमदेव मंदिर को प्रसाद योजना में शामिल कराने की मांग संसद में की है। इसके अलावा उन्होंने कबीरधाम में खेल अकादमी, राजनांदगांव मुख्य डाकघर में संभाग कार्यालय एवं डोंगरगढ़ में ट्वाय ट्रेन चलाने की मांग की है।

सांसद ने महादेव बेटिंग एप का मुद्दा भी संसद में जोरो-शोरों से उठाया था। उन्होंने दिसंबर 2022 में तत्कालीन प्रदेश सरकार पर आनलाइन सट्टा और बढ़ते अपराध के संरक्षण का आरोप लगाते हुए मामले में केंद्रीय जांच की मांग की थी। इसके अलावा किसान सम्मान निधि, पोषण आहार वितरण, अवैध कटाई व खनन जैसे मुद्दे भी उन्होंने संसद की पटल पर देश के सामने रखे।

सांसद संतोष पांडेय का सासंद निधि के उपयोग के मामले में रिकॉर्ड अच्छा रहा है। अपने हालिया कार्यकाल में वह अपनी निधि का पूरा उपयोग कर चुके हैं। इस निधि से उन्होंने गांवों में लोककला मंच, बस स्टैंड व यात्री प्रतीक्षालय, सीसी रोड, सामुदायिक भवन, स्कूलों में बाउंड्रीवाल व अतिरिक्त कक्ष आदि का निर्माण कार्य पूरा कराया है।

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