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Lok Sabha Election 2024: चुनावी प्रचार में इन नेताओं की फिसल गई जुबान, क्‍या अब पार्टी को उठाना पड़ेगा खामियाजा?

Lok Sabha Election 2024 चुनावी सरगर्मी में नेताओं का बड़बोलापन कोई नई बात नहीं है। लेकिन कई बार नेताओं के बयान इतने आपत्तिजनक हो जाते हैं कि सफाई देने के बाद भी उसके नुकसान की भरपाई नहीं होती है। इस चुनाव में भी ऐसे कई मौके आए हैं जब नेताओं ने अपने ही बयान से सेल्फ गोल कर लिया। पढ़ें कुछ उदाहरण...

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Published: Wed, 27 Mar 2024 03:18 PM (IST)Updated: Wed, 27 Mar 2024 03:18 PM (IST)
Lok Sabha Election 2024: चुनावी प्रचार में इन नेताओं की फिसल गई जुबान, क्‍या अब पार्टी को उठाना पड़ेगा खामियाजा?
Lok Sabha Election 2024: विवादित बयानों से असल मुद्दों को बहस में जगह नहीं मिल पाती।

चुनाव डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिए रणभेरी बज चुकी है। सभी राजनीतिक दल इस महासमर में उतर चुके हैं। चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो चली है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। लेकिन इस चुनावी सरगर्मी में कई नेता बड़बोलेपन का शिकार हो जाते हैं और ऐसे बयान दे देते हैं जो उनके साथ-साथ उनकी पार्टी पर भी भारी पड़ जाते हैं। 

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हाल ही में ऐसे कई मौके आए हैं, जब नेताओं की ओर से दिए गए बयान से सियासी बवाल मच गया और नेताओं को बाद में उस पर सफाई देनी पड़ी। 

कंगना रनौत पर विवादित पोस्ट

हाल ही में भाजपा की ओर से हिमाचल की मंडी लोकसभा सीट से कंगना रनौत को उम्मीदवार बनाया गया था। इसके बाद कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से कंगना रनौत को लेकर अपात्तिजनक टिप्पणी की थी।

उन्होंने कंगना की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, "क्या भाव चल रहा है मंडी में कोई बताएगा?"। उनके इस पोस्ट पर काफी विवाद हुआ और लोगों ने जमकर इसका विरोध किया। भाजपा ने भी इसे मुद्दा बनाते हुए सुप्रिया श्रीनेत पर गंभीर आरोप लगाए।

हालांकि, सुप्रिया श्रीनेत ने इस पूरे मामले पर वीडियो जारी कर सफाई दी है कि यह पोस्ट उनकी ओर से नहीं की गई है, बल्कि उनका अकाउंट संभालने वाले किसी शख्स ने ये पोस्ट किया है। यह मामला राष्ट्रीय महिला आयोग तक भी पहुंचा।

पीएम मोदी पर लालू की विवादित टिप्पणी

इससे पहले हाल ही में INDI गठबंधन की एक रैली में राजद नेता लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के परिवार को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने पीएम पर व्यक्तिगत हमला बोलते हुए कहा था, "नरेंद्र मोदी के पास अपना परिवार नहीं है, तो हम कुछ नहीं कर सकते हैं। पीएम मोदी को बताना चाहिए कि उनका परिवार क्यों नहीं है।" लालू यादव ने तो यहां तक कहा कि नरेंद्र मोदी की कोई संतान क्यों नहीं है, यह उन्हें बताना चाहिए।

पीएम मोदी पर लालू की इस टिप्पणी का भाजपा ने जमकर विरोध किया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी एक रैली में आरोप का जवाब देते हुए कहा, "मैं इनके (विपक्ष) के परिवारवाद पर सवाल उठाता हूं तो अब इन लोगों ने कहना शुरू कर दिया है कि मोदी का कोई परिवार नहीं है। मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि 140 करोड़ देशवासी मेरा परिवार है। इसके बाद भाजपा ने सोशल मीडिया पर 'मोदी का परिवार' मुहिम भी शुरू कर दी थी, जिससे कई आम लोग भी जुड़े।

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राहुल बोले, 'शक्ति' के खिलाफ लड़ रहे

इसी तरह राहुल गांधी ने भी अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा को दौरान 'शक्ति' को लेकर टिप्पणी की थी, जिस पर काफी विवाद हुआ था। राहुल गांधी ने एक रैली में कहा था, "हिंदू धर्म में शक्ति शब्द होता है, हम शक्ति से लड़ रहे हैं। अब सवाल उठता है कि वह शक्ति क्या है? जैसे किसी ने यहां कहा कि राजा की आत्मा EVM में है। सही है। राजा की आत्मा ईवीएम और हर संस्था में है।"

राहुल के इस बयान को भाजपा ने बड़ा मुद्दा बनाया था और उन पर हिन्दू धर्म की आस्था की प्रतीक 'शक्ति' का अपमान करने का आरोप लगाया था। पीएम मोदी ने भी राहुल के बयान पर निशाना साधते हुए कहा था कि उनके लिए हर मां-बेटी शक्ति का स्वरूप हैं। विवाद बढ़ने पर राहुल गांधी को इस बयान पर सफाई देनी पड़ी थी।

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