Lok sabha Election 2024: पांच वर्षों में तीन गुना बढ़ी ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक की संपत्ति, डायमंड हार्बर सीट से भरा पर्चा
Lok sabha Election 2024 पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने शुक्रवार को नामांकन पत्र दाखिल किया। उन्होंने बंगाल की डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से पर्चा भरा है। इस दौरान अभिषेक ने नामांकन में 2.32 करोड़ रुपये की कुल चल संपत्ति होने का उल्लेख किया है। चुनावी हलफनामे के अनुसार पिछले पांच वर्षों में उनकी संपत्ति में तीन गुना बढ़ोतरी हो गई है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। लोकसभा चुनाव में दक्षिण 24 परगना की डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से तीसरी बार मैदान में उतर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे व तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी ने शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल किया। उन्होंने अलीपुर स्थित जिला अधिकारी के कार्यालय में अपना नामांकन दाखिल किया।
2014 में बनर्जी पहली बार डायंमड हार्बर सीट से जीतकर संसद पहुंचे थे। 2019 दाखिल नामांकन पत्र से इस बार बनर्जी की संपत्ति में तीन गुना बढ़ोतरी हुई थी। इस बार के नामांकन में उन्होंने कुल 2.32 करोड़ रुपये की चल संपत्ति होने का दावा किया है। इस में पत्नी, बेटा और बेटी के नाम किए जमा रुपये भी शामिल है।
कोई भी अचल संपत्ति नहीं अभिषेक बनर्जी के पास
बनर्जी ने अपने शपथ पत्र में बताया है कि उनके पास कोई भी अचल संपत्ति नहीं है। उन 36 लाख रुपये का लोन है। कैश के तौर पर उनके पास 7.73 लाख रुपये हैं। बनर्जी ने 2014 के शपथ पत्र में बताया था कि उनके पास कुल 23.57 रुपये की संपत्ति है, जाेकि 2019 में 71.40 लाख रुपये हुई थी। बनर्जी ने बताया है कि उनके खिलाफ दो आपराधिक मामले लंबित हैं लेकिन उन्हें किसी भी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है।
नामांकन के बाद क्या बोले अभिषेक?
नामांकन दाखिल करने के बाद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उन्होंने डायमंड हार्बर लोकसभा क्षेत्र से सिर्फ हैट्रिक का लक्ष्य नहीं रखा है, बल्कि इस क्षेत्र को विकास में भी नंबर वन बनाना है। 2019 में डायमंड हार्बर से अभिषेक की जीत का अंतर 3.2 लाख वोट से अधिक था। उन्होंने पहले कहा था कि वह इसे बढ़ाकर कम से कम 4 लाख करना चाहते हैं।
अभिषेक ने कहा कि वह एक कदम आगे बढ़कर राज्य में सबसे बड़े अंतर से वोट हासिल करना चाहते हैं। पिछली बार यह रिकॉर्ड दार्जिलिंग से भाजपा उम्मीदवार राजू बिष्ट के नाम था। उन्होंने 4.13 लाख वोटों से जीत हासिल की थी।