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Election 2024: इस बार 100 नए केंद्रों में होगा मतदान; नक्‍सली इलाकों में बने 90 से ज्‍यादा सुरक्षा कैंप, देखिए बदलते बस्‍तर की तस्‍वीर

Lok Sabha Election 2024 बस्तर में चुनाव संपन्न कराना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। लेकिन अब परिस्थितियां बदल रही हैं और बस्तर में लोकतंत्र का सूर्योदय तेजी से हो रहा है। सुरक्षा बलों के प्रयासों से नक्सलियों के गढ़ को नेस्तनाबूद करने में सफलता मिली है और इस बार कई ऐसे इलाकों पर मतदान केंद्र भी स्थापित किए जा रहे हैं। पढ़ें ये रिपोर्ट-

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Published: Fri, 22 Mar 2024 03:02 PM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2024 03:02 PM (IST)
Lok Sabha Election 2024: नक्सलियों के आधार क्षेत्र में 90 से अधिक सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं।

अनिमेष पाल, जगदलपुर। नक्सली प्रभावित बस्तर में मतदान कराना चुनाव आयोग के लिए हमेशा एक बड़ी चुनौती होती है। नक्सली न सिर्फ मतदान को बधित करने का प्रयास करते हैं, बल्कि हिंसक घटनाओं को भी अंजाम देते हैं। नक्सली किस हद तक जा सकते हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले लोकसभा चुनाव में मतदान से दो दिन पहले नक्सलियों ने विस्फोट कर भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या कर दी थी।

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यह धमाका दंतेवाड़ा के श्यामगिरी के पास हुआ था, विस्फोट इतना भीषण था कि विधायक भीमा मंडावी की बुलेटप्रुफ गाड़ी के परखच्चे उड़ गए थे। अब पांच वर्ष बाद फिर से बस्तर में लोकसभा चुनाव होने हैं। यहां पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा। हालांकि पांच साल में यहां परिस्थितियों में काफी बदलाव आया है।

90 से अधिक सुरक्षा केन्द्र स्थापित

हालिया वर्षों में नक्सलियों के आधार क्षेत्र में 90 से अधिक सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा बीते पांच वर्षों में बस्तर के लगभग 3000 वर्ग किमी का क्षेत्र नक्सलियों के प्रभाव से मुक्त करा लिया गया है। सुरक्षा बलों के शौर्य और पराक्रम की वजह से यह संभव हो पाया है। नक्सलियों से मुक्त कराए गए क्षेत्रों में बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं और सड़क, स्कूल, अस्पताल का निर्माण कराकर सरकारी योजनाओं का लाभ जनता कर पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।

इन प्रयासों से ग्रामीणों का भी भरोसा लोकतंत्र पर बढ़ा है। इसका उदाहरण बीते साल के अंत में हुए विधानसभा चुनाव में देखने को मिला, जब बस्तर में 75.62 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया। नक्सलियों के गढ़ रहे बस्तर में इतनी बड़ी संख्या में मतदान होना लोकतंत्र के लिए एक सुखद तस्वीर थी। इसने साबित किया कि सुरक्षा बलों की मेहनत रंग लाई है और ग्रामीणों के अंदर से नक्सलियों का डर खत्म हो रहा है।

100 से अधिक नए मतदान केन्द्र

इस लोकसभा चुनाव में भी बस्तर में मतदान के लिए कड़ी तैयारियां की गई हैं। नक्सलियों के प्रभाव से छुड़ाए गए स्थानों में 100 से अधिक नए मतदान केन्द्र बनाए जाएंगे, जहां से ग्रामीण मतदान कर दिल्ली में अपना प्रतिनिधि चुनकर भेजेंगे।

हाल में हुए विधानसभा चुनाव के बाद नई सरकार ने नक्सलियों पर प्रहार और तेज कर दिया है एवं मजबूत किले को ध्वस्त कर दिया है। दक्षिण बस्तर, जोकि नक्सलियों के गढ़ के रूप में जाना जाता था, में कई सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं। नक्सलियो के केंद्रिय समिति के सदस्य हिड़मा के गांव पूवर्ती में कैंप बनाना सुरक्षा बलों की एक बड़ी सफलता थी और नक्सली आतंक को करारा जवाब था।

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इन गांवों में पहली बार होगा मतदान

सुरक्षा बलों के कठिन प्रयासों से इस बार 100 से अधिक ऐसे गांव हैं, जहां पहली बार लोकसभा चुनाव के लिए मतदान केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं। इनमें कई गांवों में विधानसभा चुनाव में भी मतदान कराए गए थे। 2019 में 289 संवेदनशील मतदान केंद्र थे, जिनका स्थान परिवर्तित करना पड़ा था। इस बार ऐसे 234 केंद्र है। इनमें बीजापुर के 99, दंतेवाड़ा के 42, कोंटा के 42, नारायणपुर के 41, कांकेर के 9 व जगदलपुर का एक केंद्र शामिल है। वहीं, 55 गांव के ग्रामीण इस बार अपने गांव में ही मतदान कर सकेंगे।

"बस्तर की चुनौतीपूर्ण परस्थिति में विधानसभा चुनाव में सुरक्षित मतदान कराने में सुरक्षा बल सफल रहे, लोकसभा चुनाव में भी सुरक्षा का कर्तव्य निभाएंगे। इसके लिए केंद्रीय बल व स्थानीय बल को लेकर रणनीति तैयार कर रहे हैं। संवेदनशील मतदान केंद्रों की भी समीक्षा कर रहे हैं, जिनकी संख्या घटाई या बढ़ाई जा सकती है।"

-सुंदरराज पी., आइजीपी बस्तर

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