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कांग्रेस, अग्निपथ योजना और संविधान पर क्या बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह? 400 पार के सवाल पर कही ये बात

Lok Sabha Election 2024 रक्षा मंत्री और लखनऊ से भाजपा प्रत्याशी राजनाथ सिंह ने संविधान कांग्रेस और अग्निपथ योजना पर बेबाकी से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि राजनीति सिर्फ राष्ट्र निर्माण के लिए होनी चाहिए केवल सरकार बनाने के लिए नहीं। सिंह ने कहा कि न देश के संविधान को कोई खतरा है और न ही आरक्षण खत्म होने वाला है। पढ़ें इंटरव्यू के खास अंश..

By Ajay Jaiswal Edited By: Ajay Kumar Published: Tue, 07 May 2024 05:26 PM (IST)Updated: Tue, 07 May 2024 05:26 PM (IST)
लोकसभा चुनाव 2024: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का इंटरव्यू।

राज्य संपादक (यूपी) आशुतोष शुक्ल/राज्य ब्यूरो चीफ, अजय जायसवाल लखनऊ। सत्ताधारी भाजपा के मुखिया रहने के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के गृहमंत्री की भी कमान संभाल चुके रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इनदिनों देशभर में पार्टी के प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी रैलियां और रोड शो में व्यस्त हैं। लखनऊ संसदीय सीट से खुद हैट-ट्रिक लगाने को एक बार फिर चुनाव मैदान में उतरे राजनाथ का मानना है कि विपक्ष के पास वास्तव में मुद्दों का आकाल है इसलिए मोदी सरकार पर बेबुनियाद और निराधार आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए अपशब्द कहे जा रहे हैं, उन्हे चोर तक बता रहे हैं लेकिन देश की जनता सब कुछ देख-समझ रही है। अबकी बार एनडीए की 400 पार सीटों के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त सिंह स्पष्ट तौर पर कहते हैं कि न देश का संविधान खतरे में है और न ही आरक्षण खत्म होने जा रहा है।

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अग्निवीर योजना को देश के युवाओं के लिए बेहतर बताते हुए रक्षामंत्री बड़ी बेबाकी से कहते है कि सेना में चार वर्ष की सेवा के बाद भी नौजवानों के पास आगे बढ़ने के पूरे मौके हैं। कांग्रेस द्वारा अग्निवीर योजना को समाप्त करने के वादे पर हंसते हुए राजनाथ कहते हैं कि न कांग्रेस की सरकार बनने वाली है और न ही अग्निवीर योजना खत्म होगी।

विपक्ष को नसीहत देते हुए रक्षामंत्री कहते हैं कि किसी को भी सेना और देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर बहुत ही नपी-तुली बात बोलनी चाहिए। एक दशक से लखनऊ का सांसद होने के नाते राजधानी में कराए गए विकास के तमाम कार्यों को गिनाते हुए राजनाथ कहते हैं कि वह लखनऊवासियों को कोई आश्वासन नहीं देना चाहते लेकिन उनकी अपेक्षाओं की कसौटी पर खरा उतरने के लिए सभी की शुभकामनाएं जरूर चाहता हूं।

चुनावी व्यस्तताओं के बीच लखनऊ के कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर राजनाथ सिंह ने दैनिक जागरण के राज्य संपादक आशुतोष शुक्ल और राज्य ब्यूरो प्रमुख अजय जायसवाल से अठारहवीं लोकसभा चुनाव के मुद्दों, मोदी सरकार के कामकाज के साथ ही भाजपा के संकल्पों और लखनऊ के विकास पर विस्तार से बातचीत की। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंशः-

सवाल: आपको सरकार और संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है। तीन चरणों के मतदान के बाद एनडीए को कहां खड़ा पाते हैं?

जवाब: अब तक के मतदान को देखकर आश्वस्त हूं कि एनडीए 400 पार का लक्ष्य पूरा कर रहा है। समाज का ऐसा कोई वर्ग-जाति नहीं जिसका वोट भाजपा को न मिल रहा हो।

सवाल: उत्तर प्रदेश में एनडीए को कितनी सीटें मिलने का अनुमान है?

जवाब: सीटों की संख्या के बारे में तो कुछ नहीं कहूंगा लेकिन मिल रहे फीडबैक के आधार पर कह सकता हूं कि इस बार हम सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे। यहां हमारा लक्ष्य 80 सीटों का है जिसे हम हासिल कर रहे हैं।

सवाल: ...लेकिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव कहते हैं कि 400 पार नहीं 400 हार है।

जवाब: उन्हें कहने का हक है, वह कह सकते हैं। यह तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे क्या है?

सवाल: टिकट वितरण से क्षत्रियों की नाराजगी देखने को मिल रही है। चुनाव में नुकसान होगा?

जवाब: बताना चाहता हूं कि हर चुनाव में नाराजगी की बात सुनने को मिलती है। कभी किसी चुनाव में कहा जाता है कि ब्राह्मण नाराज है तो कभी क्षत्रियों तो कभी पिछड़ा वर्ग की नाराजगी की बात कही जाती है। कुछ न कुछ चलता ही रहता है लेकिन कहीं कोई समस्या नहीं है। अनुशासनहीनता करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

सवाल: मोदी के नाम पर भाजपा को वोट देने वालों की भी ज्यादातर प्रत्याशियों के प्रति नाराजगी देखने को मिल रहा है?

जवाब: मुझे तो ऐसा कहीं नहीं दिखाई दिया। फीडबैक के आधार पर सोच-समझ कर ही टिकट पर निर्णय किया गया है। सभी को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। आखिर मोदी की गारंटी को नीचे तक ले जाने का काम तो जनप्रतिनिधि ही करेंगे।

सवाल: दो चरण गुजरने के बाद बीजेपी ज्यादा आक्रामक दिख रही है। थोड़ा सा ध्रुवीकरण दिखने लगा है।

जवाब: बीजेपी के आक्रामक होने का कोई प्रश्न नहीं है। बीजेपी की प्रकृति ऐसी नहीं हैं कि चुनाव के दौरान आक्रामक हो। हम लोग जाति-धर्म के आधार पर भी राजनीति नहीं करते। इंसाफ एवं इंसानियत के आधार पर बहुत ही सहज और सामान्य तरीके से हम आगे बढ़ रहे हैं।

सवाल: विपक्ष कह रहा है कि संविधान खतरे में है।

जवाब: संविधान क्यों खतरे में है? 80 बार तो संविधान का संशोधन कांग्रेस ने किया है। आपातकाल में संविधान की उद्देशिका तक बदल दी गई। उद्देशिका तो संविधान की आत्मा होती है जिसे बदलने का काम कांग्रेस ने किया था।

अनावश्यक जनता को गुमराह करते, उसकी आंखों में धूल झोंक कर जनता का समर्थन हासिल करना चाहते हैं। हमारा विनम्र सुझाव है कि राजनीति राष्ट्र निर्माण के लिए होनी चाहिए। सरकार बनाना भी उद्देश्य है लेकिन केवल सरकार बनाने के लिए राजनीति नहीं होनी चाहिए।

सवाल: विपक्ष आरक्षण खत्म करने की बात कर रहा है।

जवाब: प्रश्न ही नहीं खड़ा होता है। आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था है। विपक्ष केवल जनता को गुमराह कर रहा है, क्योंकि उनके पास मुद्दों का आकाल है। वह कह रहे हैं धर्म के आधार पर आरक्षण देंगे लेकिन इसकी संवैधानिक व्यवस्था ही नहीं फिर कैसे देंगे। हम तो यही कहेंगे कि झूठ मत बोलो। सार्थक राजनीति झूठ नहीं बल्कि सच बोलकर ही की जा सकती है।

सवाल: भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में सशक्त विपक्ष की क्या भूमिका देखते हैं?

जवाब: सशक्त विपक्ष होना चाहिए लेकिन यह विपक्ष की लीडरशिप पर निर्भर करता है। स्वस्थ लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका बहुत ही सकारात्मक तरीके से निभाई जा सकती है, उसमें नकारात्मकता की कोई आवश्यकता नहीं है लेकिन यह निभाने में विपक्ष पूरी तरह से विफल रहा है।

विपक्ष को प्रधानमंत्री के बारे में अपशब्दों का प्रयोग करने से बचना चाहिए। कांग्रेस ने तो प्रधानमंत्री को चोर तक कह डाला। कोई कहता है कि उन्हें 400 फीट नीचे जमीन में गाड़ देंगे। यह सब गलत है, नहीं कहना चाहिए।

सवाल: आपने जहां से अपनी राजनीति शुरू की वहां बहुत कमजोर भाजपा थी, आज दुनिया की नंबर वन पार्टी है। आप पूरी यात्रा को कैसे देखते हैं?

जवाब: देखिए, भारतीय जनता पार्टी हिन्दुस्तान की ऐसी राजनीतिक पार्टी है जिसने भारत की राजनीति में अपनी विश्वसनीयता और साख बनाने में कामयाबी हासिल की है, जो हम लोगों ने कहा है वह किया है। पहले के चुनावी घोषणा पत्र उठाकर देखा जा सकता है। सन् 1951 में जनसंघ के रूप में भी जो बात कही है, उसे लागू करने तक अपनी बात पर कायम रहे। आपने देखा होगा चाहे 2014 की बात हो या फिर 2019 की, जो कहा उसका अक्षरशः पालन किया है। अब तो भारत को विकसित भारत बनाना है।

सवाल: अब आप चुनाव में संकल्प पत्र की बात करते हैं, घोषणा पत्र से क्यों हटे?

जवाब: किसी घोषणा में नहीं संकल्प में अनिवार्यता है। संकल्प है कि हम उसे पूरा करेंगे ही करेंगे। मैं कह सकता हूं कि आजाद भारत में जितनी भी घोषणाएं हुई हैं, लोगों ने उन्हें आंशिक रूप में ही पूरा कर दिया होता तो भारत पता नहीं कबका दुनियां का एक विकसित देश बन गया होता।

सवाल: कांग्रेस, सेना में भर्ती की अग्निवीर योजना को खत्म करने की बात कह रही है

जवाब: पहली बात तो यह कि कांग्रेस की सरकार ही बनने वाली नहीं है तब योजना कहां खत्म होगी। स्पष्ट कर दूं कि नौजवानों के लिए सेना में नौकरी पाने की अग्निवीर योजना को लेकर कहीं कोई दिक्कत नहीं है। चार वर्ष में योजना के तहत 14-15 लाख रुपये और अनुभव लेकर निकलने वाले 22 वर्ष के युवा के लिए स्नातक करने के बाद आगे बढ़ने के सभी दरवाजे खुल जाते हैं।

आईएएस-आईपीएस तक बनने के पूरे मौके हैं। दूसरी सेवाओं में जाने पर उन्हें वेटेज देने की व्यवस्था है। खास बात तो यह भी है कि अग्निवीर योजना से फोर्स में यूथफुलनेस आएगी और समाज में अनुशासन। सेना से प्रशिक्षित होने के कारण वक्त जरूरत पर ऐसे युवा देश के काम भी आएंगे। किसी भी योजना को लेकर अनुभव के बाद यदि लगता है कि उसमें रिफॉर्म की आवश्यकता है तो उसे स्वाभाविक तौर पर किया जाता है।

मैं स्पष्ट कर दूं कि देश के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का प्रश्न ही नहीं है। विपक्ष तो अनावश्यक मुद्दा बनाने की कोशिश में बेबुनियाद और निराधार आरोप लगा रहा है। मैं कहना चाहता हूं कि सेना और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर किसी को भी बहुत ही नपी-तुली बात बोलनी चाहिए।

सवाल: सत्ता में वापसी पर देशवासियों को क्या खास मिलने वाला हैं?

जवाब: देखिए, मोदी सरकार विकसित भारत बनाने को दृढ़संकल्पित है। वर्ष 2047 से भी पहले विकसित भारत बनाने का लक्ष्य हासिल करने की कोशिश हो सकती है। सत्ता में वापसी पर हम क्या-क्या करने वाले हैं उसे अपने संकल्प पत्र में विस्तार से बताया है। सबसे बड़ी बात यह बताना चाहता हूं कि किसी भी आय वर्ग के 70 वर्ष से अधिक उम्र के सभी देशवासियों को आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा मिलेगी।

सवाल: आप खुद यहां के मुख्यमंत्री रहे हैं। योगी सरकार के कामकाज के बारे में क्या कहेंगे।

जवाब: योगी ने यहां की कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसकी जितनी सराहना की जाए वह कम है। सभी जानते हैं कि किसी भी राज्य के विकास की पहली शर्त होती है कि बेहतर कानून व्यवस्था, इस काम को उन्होंने बखूबी किया है। योगी के नेतृत्व में विकास कार्य भी तेजी के साथ हो रहा है।

सवाल: लंबे राजनीतिक जीवन में आप अपने किन कामों को लेकर सर्वाधिक संतुष्ट हैं?

जवाब: हमारे लिए यह बतलाना बहुत कठिन होता है लेकिन कह सकता हूं कि अपनी क्षमता के अनुरूप जो कर सकता है, दल के लिए भी करने की कोशिश की है। शिक्षा मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और अब रक्षा मंत्री में जहां तक जो हो सका उसे करने की पूरी कोशिश की।

सवाल: वर्ष 1991 में शिक्षा मंत्री रहते आपने नकल पर कड़ाई से अंकुश लगाया था। अपने उस निर्णय को किस तरह से देखते हैं।

जवाब: तब नकल पर अंकुश की देशभर में खूब चर्चा हुई। दूसरे प्रांतों में भी मेरा खूब स्वागत हुआ। 74-75 के बजाय 14 प्रतिशत रिजल्ट आना कोई सामान्य बात नहीं थी। मैं तो मानता हूं कि नकल पर अंकुश से न केवल बेरोजगारी बल्कि जीवन की भी बहुत सारी समस्याओं का इससे समाधान है। शिक्षण संस्थाओं से बच्चे जब निकले तब उनके पास ज्ञान भी होना चाहिए और संस्कार भी। केवल ज्ञान से ही सार्थक जीवन नहीं जिया जा सकता है। ज्ञान के साथ संस्कार आवश्यक है। संस्कारयुक्त ज्ञान ही समाज के लिए कल्याणकारी हो सकता है। पढ़े-लिखे तो आपको आतंकवादी भी मिल जाएंगे।

सवाल: पिछले चुनाव में आप 3.47 लाख मतों के अंतर से जीते थे। अबकी क्या पांच लाख पार लीड होगी?

जवाब: मैं तो यही कहूंगा सब जनता के हाथ में फैसला है। दूसरे प्रदेशों के साथ ही लखनऊ में जनता के बीच जा रहा हूं, लोगों से मिल रहा हूं।

सवाल: लखनऊ में तो प्रदेश व देश के औसत मतदान से भी कम लोग वोट करने निकलते हैं।

जवाब: प्रशासन लोगों को मतदान करने के प्रति जागरुक करने की दिशा में काम कर रहा है, हमारे लोग भी अधिक से अधिक मतदान के लिए कोशिश कर रहे हैं।

लखनऊ में इतना काम करा दूंगा कि ‘न भूतो न भविष्यति’ होगा

पिछले पांच वर्षों के दौरान संसदीय क्षेत्र में 54 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के तमाम कार्य करा चुके राजनाथ सिंह कहते हैं कि उन्होंने पहले भी कुछ नहीं कहा था और आज भी कोई आश्वासन नहीं देना चाहते हैं लेकिन लखनऊ में इतने काम करा देंगे कि ‘न भूतो न भविष्यति’ होगा। आश्वासन देने से यह होता है कि जितना आदमी कहता है उतना कर नहीं पाता। उससे राजनीति में और उस व्यक्ति के प्रति विश्वास का संकट पैदा होता है।

12 फ्लाईओवर व अंडरपास बना चुके हैं

रिंग रोड से लेकर फ्लाईओवर, अंडरपास, एलिवेटेड रोड, लखनऊ-कानपुर एलिवेटेड एक्सप्रेसवे, नया एयरपोर्ट टर्मिनल, लखनऊ मेट्रो रेल, रेलवे स्टेशनों आदि के विकास संबंधी कार्यों को गिनाते हुए सिंह बताते हैं कि 12 फ्लाईओवर व अंडरपास बन चुके हैं, दो और दो-तीन माह में चालू हो जाएंगे जबकि 13 स्वीकृत हैं। इनका काम भी आचार संहिता समाप्त होने के बाद शुरू हो जाएगा। इनसे ट्रैफिक जाम की समस्या से शहरवासियों को निजात मिल रहा है। यह कहना भी अतिशयोक्तिपूर्ण नहीं है कि प्रतिदिन चलने वालों की जेब का अब 100-200, 400 रुपये और समय बचता ही है।

इन केंद्रों की लखनऊ में हुई स्थापना

ब्रम्होस मिसाइल निर्माण केंद्र, डीआरडीओ लैब रक्षा प्रौद्योगिकी एवं परीक्षण केंद्र, टेक्सटाइल पार्क की स्थापना भी लखनऊ में हुई है। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री रहते अटल जी के निर्देश पर शहीद पथ को भी मैंने ही मंजूर कराया था। लखनऊ में तेजी से अवस्थापना सुविधाओं के विकास को देखते हुए यहां खासतौर से आईटी सेक्टर के साथ ही वेयरहाउसिंग, होटल व अस्पताल में निवेश आ रहा हैं।

मेरी कोशिश है कि अवस्थापना विकास के साथ ही ज्यादा से ज्यादा रोजगार भी सृजित हों ताकि नौजवानों को लखनऊ में ही नौकरी के अधिक अवसर मिल सकें। शहर के अनियोजित विकास के सवाल पर सिंह ने कहा कि जनप्रतिनिधि की एक सीमा होती है वह कोई दावा नहीं कर सकता है लेकिन राज्य सरकार के सहयोग से शहर के सुनियोजित विकास के लिए जो कुछ संभव होगा वह किया जाएगा। विकसित भारत के साथ खासतौर से विकसित लखनऊ भी होगा।

सवाल: अब आप उन दुर्लभ नेताओं में है जो विदेश में भी धोती-कुर्ता पहनते हैं।

जवाब: हां, अब संसद में धोती-कुर्ता वाले कम ही दिखाई देते हैं। मुझे तो यही अच्छा लगता है और मैं तो विदेश में भी यही पहनता हूं। उस आदमी से तो मैं बात ही नहीं करूंगा जिसे मेरे धोती-कुर्ता में रहने पर आपत्ति होगी। फिर वह चाहे जितनी बड़ी हस्ती हो। कई देशों के राष्ट्रपति से मिलने के दौरान भी मैं धोती-कुर्ता में ही रहा। राफेल में यही पहन कर गया था।

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