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लोक गायिका मैथिली ठाकुर के गांव में ऐसा है सियासी हाल, किसी ने कहा- विकास हुआ; कोई बोला- अब तो 20 मई को ही बोलूंगा

Lok Sabha Election 2024 लोक गायिका मैथिली ठाकुर के गांव में चुनावी चर्चा तेज है। दिन में गेहूं की कटनी और दौनी के बाद लोग अनाज और भूसा सहेज के साथ-साथ चुनाव पर चर्चा भी कर रहे हैं। गांव के संतोष झा कहना है कि अभी बहुत काम बाकी है। मधुबनी लोकसभा का उड़ेन गांव लोक गायिका मैथिली ठाकुर का गांव है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Published: Fri, 26 Apr 2024 11:37 AM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2024 11:37 AM (IST)
लोकसभा चुनाव 2024: लोक गायिका मैथिली ठाकुर।

आमोद कुमार झा, बेनीपट्टी (मधुबनी)। मोहन ठाकुर का मन-मिजाज आज कुछ ठीक नहीं है। गेहूं की कटनी करानी थी, नहीं हो पाई। रात में बुदबुदाते हुए पीढ़ई (लकड़ी की बनी छोटी टेबल) पर बैठकर दूध-रोटी लपेट रहे थे। मिंटू ने टोक दिया... काका जमीन पर बैस क खा रहल छी? गुस्से में तमतमाए मोहन बोले...कि करू उड़नखटोला (हेलीकाप्टर) में बैस क खाऊ! मामला गर्म देख मिंटू ने वहां से हट जाना ही उचित समझा।

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मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के बेनीपट्टी मुख्यालय से सात किमी दूर उड़ेन गांव। यह लोक गायिका मैथिली ठाकुर का गांव है। बिजली-बत्ती के जमाने में चकाचक रोशनी। रात के यही कोई आठ बजे होंगे। दिन में गेहूं की कटनी और दौनी के बाद लोग अनाज और भूसा सहेज रहे हैं।

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सम्मान मिला, पेंशन मिल रही, अब तो 20 मई को ही बोलूंगा

गांव के बुजुर्ग जयचंद्र ठाकुर के दरवाजे पर लोग जमा हैं, काम के साथ बतकही भी चल रही है। जयचंद्र कहते हैं, गांव में रात का माहौल देख रहे हैं पंडीजी ? कुछ बदलाव का अनुभव हो रहा है? पहले ये लाइट दिल्ली-बंबे (मुंबई) में देखती थी। आज देखिए, गांव में भकभक कर रही है। अब कुछ कहिए? श्रीशचंद्र ठाकुर कहते हैं, भाई सम्मान मिला, पेंशन मिल रही है। सड़क बनी है, बिजली-बत्ती भी है, अब तो 20 मई मतदान के दिन ही बोलूंगा।

'अभी बहुत काम बाकी है'

संतोष झा कहते हैं, लेकिन अभी बहुत काम बाकी है चचा! किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज और महाराजी बांध में फाटक जरूरी है। एसएच-52 सड़क के उड़ेन से सोईली चौक के बीच में बनी पुलिया में फाटक भी बन जाना चाहिए। बाढ़ आने के बाद गांव की चौरी में पानी जमा हो जाता है। खेती तबाह हो जाती है।

जो हमें दिलाएगा सुरक्षा व सम्मान, हम उसके साथ...बात साफ

रात में स्ट्रीट लाइट की दूधिया रोशनी में चापाकल पर बर्तन साफ कर रहीं रीता देवी की रसोई में आज की रात रोटी और आलू-सहजन की तरी वाली सब्जी बनी थी। कहती हैं, गांव में महिलाओं को क्या चाहिए सम्मान, सुरक्षा और बेटियों को शिक्षा। ये तीनों चीज जो हमें दिलाएगा, हम उसके साथ...बात साफ। हमें कथा-कहानी से मतलब नहीं है? समय के साथ हमें भी अनुभव हुआ है, देखा भी बहुत कुछ है।

जयकरण राम कहते हैं कि उज्ज्वला योजना से गैस कनेक्शन, राशन और आयुष्मान कार्ड का लाभ मिला है। राधेश्याम यादव कहते हैं कि गांव में काम के लिए काफी कुछ है। सबसे पहले तो किसानों के लिए सिंचाई व्यवस्था पर ध्यान देना होगा। सरकारी नलकूपों की स्थिति ठीक नहीं है।

मैथिली ठाकुर का गांव होने से लोगों में गर्व

अपने दरवाजे पर मिले रंधीर ठाकुर कहते हैं... आप मैथिली ठाकुर के गांव में हैं। गांव की बेटी देखिए कहां से कहां पहुंच गई। उन्हें देश का पहला नेशनल क्रिएटर अवार्ड मिला है। प्रधानमंत्री के हाथों सम्मानित हुई हैं। पूरा गांव गौरवान्वित है, अब क्या चाहिए? ये सब ऐसे ही हुआ का? बेटियां स्कूल जा रही हैं।

गांव में दो-दो प्राथमिक विद्यालय हैं। चार किलोमीटर पर मध्य और सात किलोमीटर पर हाईस्कूल है। सात किलोमीटर पर अनुमंडल अस्पताल है। सब ठीक चल रहा है। चुनाव में भी सब ठीक होगा...बाकी जय सियाराम!

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