Lok Sabha Election 2024: परिवारवाद का नया रूप! पत्नी और बेटे को ढाल बनाकर चुनावी जंग में उतरे महारथी
Haryana Lok Sabha Election 2024 नामांकन प्रक्रिया के प्रथम पायदान पर भी परिवारवाद मजबूत कदम रखे हुए है। लोकसभा के महासमर में उतरे प्रमुख दलों के अधिकांश महारथियों ने अपनों पर भरोसा जताया है। रिश्ते-नातों को ढाल बनाया है। कहीं पत्नी कवरिंग कैंडिडेट बनाई गई हैं तो कहीं पति का कवच मिला है। बेटे और भतीजे भी कवर कर रहे हैं।
मणिकांत मयंक, हिसार। अठारहवीं लोकसभा चुनाव में परिवारवाद फिर से मुद्दा बना है। अनेक मंचों से दलों के नेता राजनीति में रिश्ते-नातों के जमघट पर व्यंग-बाण छोड़ रहे हैं। स्वाभाविक ही। लेकिन राजनीति में परिवार अथवा परिवार की राजनीति की गहरी पैठ इस बार के नामांकन से भी बाहर नहीं हो सकी है। प्रदेश की सभी दस लोकसभा सीटों के लिए नामांकन लगभग तीन सौ का आंकड़ा छू गया है।
यहां महत्वपूर्ण तथ्य यह कि इस नामांकन प्रक्रिया के प्रथम पायदान पर भी परिवारवाद मजबूत कदम रखे हुए है। लोकसभा के महासमर में उतरे प्रमुख दलों के अधिकांश महारथियों ने अपनों पर भरोसा जताया है। रिश्ते-नातों को ढाल बनाया है। कहीं पत्नी कवरिंग कैंडिडेट बनाई गई हैं तो कहीं पति का कवच मिला है। बेटे और भतीजे भी कवर कर रहे हैं। ऐसे कमतर ही प्रत्याशी हैं, जिन्होंने आप काज महाकाज में अपनों पर विश्वास नहीं किया है।
पति को कवर दे रहीं अर्द्धांगिनी
दलों के अधिकांश दिग्गजों ने अपनी संपूर्णता की सहभागिनी अर्थात पत्नी को कवरिंग कैंडिडेट बनाया है। रोहतक से कांग्रेस के प्रत्याशी दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपनी पत्नी हेम श्वेता मिर्धा पर ही बतौर कवरिंग कैंडिडेट भरोसा किया है। यहीं से भाजपा प्रत्याशी अरविंद शर्मा को भी उनकी पत्नी रीटा शर्मा ने कवच दिया है। भाजपा के कुरुक्षेत्र से प्रत्याशी नवीन जिंदल को भी अपनी पत्नी शालू जिंदल पर ही विश्वास रहा।
\कुरुक्षेत्र से ही पहली बार चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सुशील गुप्ता ने भी अपनी पत्नी सुमित्रा को कवरिंग कैंडिडेट बनाया। यहीं से इनेलो के दिग्गज अभय सिंह चौटाला ने भी बतौर कवरिंग अपनी पत्नी कांता का नामांकन भरवाया है। सोनीपत के भाजपा प्रत्याशी मोहन लाल बडोली को पत्नी गीता कवर कर रही हैं। गुड़गांव से भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत ने अपनी पत्नी मनीता सिंह को कवरिंग कैंडिडेट बनाते हुए नामांकन पत्र दाखिल कराए हैं।
छंटनी के पश्चात खत्म हो जाएगा नामांकन
एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल बताते हैं कि अधिकतर प्रत्याशी नामांकन के साथ कवरिंग को उम्मीदवारी सुरक्षित रखने की प्रक्रिया के रूप में अपनाते हैं। नामांकन के दौरान उन्हें भी मूल प्रत्याशी की तरह निर्धारित जमानत राशि भरनी होती है। नामांकन पत्र की छंटनी के बाद कवरिंग कैंडिडेट का नामांकन स्वत: खत्म हो जाता है।
पत्नी को भी पति पर पूरा भरोसा
अपेक्षा के अनुरूप इस बार भी कमतर ही महिला प्रत्याशी चुनावी समर में उतरी हैं। जिन महिलाओं ने नामांकन भरे हैं, उनमें से अधिकतर की तकनीकी अथवा व्यक्तिगत विवशता रही अन्यथा अपने पति पर ही आस्था जताई होतीं। प्रमुख दलों की महिला प्रत्याशियों में हिसार लोकसभा क्षेत्र से इनेलो की प्रत्याशी सुनैना चौटाला ने अपने पति रविंद्र कुमार उर्फ रवि चौटाला को कवरिंग कैंडिडेट बनाया है।
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बेटों ने भी कंधे से कंधा मिलाया
नामांकन की पहली सीढ़ी पर बेटों ने भी अपने माता-पिता के साथ कंधे से कंधा मिलाया है। हिसार से जजपा प्रत्याशी नैना चौटाला को उनके छोटे बेटे दिग्विजय सिंह चौटाला ने कवर दिया है। इसी तरह, फरीदाबाद से कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र प्रताप सिंह को उनके बेटे विजय प्रताप सिंह ने रक्षा-कवच दिया है। उधर, भिवानी-महेंद्रगढ़ से भाजपा प्रत्याशी धर्मबीर सिंह ने भी अपने पुत्र मोहित चौधरी को ही कवरिंग कैंडिडेट बनाया है। सिरसा से कांग्रेस प्रत्याशी कुमारी सैलजा को उनके भतीजे नलिन ने कवरिंग दी है।