'आप ही हैं माई-बाप, लेकिन...', मतदाताओं की चुप्पी छुड़ा रही नेताजी के पसीने; क्यों मान-मनुहार भी हुई बेअसर?
Bihar Lok Sabha Election 2024 बिहार में तीसरे चरण के चुनाव में 7 मई को पांच सीटों पर मतदान होना है। मतदान से एक दिन पहले तक भी प्रत्याशियों को नहीं पता है कि ऊंट किस करवट बठेगा। मतदाताओं के मन की थाह लेने में उनके पसीने छूट रहे हैं। जानिए कोसी और सीमांचल की कुछ सीटों पर क्या है ग्राउंड रिएलिटी।
माधबेंद्र, भागलपुर। तीसरे चरण के मतदान में महज एक दिन शेष रह गए हैं, परंतु मतदाताओं की चुप्पी प्रत्याशियों का पसीना छुड़ा रही है। कोसी और सीमांचल की खगड़िया, मधेपुरा, सुपौल और अररिया सीट के लिए मंगलवार को मतदान होना है। मतदाताओं का मन टटोलने में प्रत्याशी व उनके समर्थक ऊहापोह की स्थिति में हैं। जातीय आधार पर बस अनुमान के भरोसे हैं।
ऐसे में ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा। अंतिम समय में मतदाताओं को रिझाने-मनाने में प्रत्याशी और समर्थक एड़ी-चोटी एक किए हुए हैं। रविवार की शाम चुनाव प्रचार थमने के बाद नेता और कार्यकर्ता घर-घर जाकर वोट मांग रहे हैं। सभी को आश्वासन भी मिल रहा कि वोट उन्हीं को जाएगा। मन टटोलने पर मतदाता किंतु-परंतु में जवाब देते हैं।
खुलकर नहीं कर रहे बात
सहरसा जिले के तीन विधानसभा क्षेत्र महिषी, सहरसा और सोनवर्षा (सुरक्षित) मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र में आते हैं। जबकि सिमरी बख्तियारपुर खगड़िया लोकसभा सीट का हिस्सा है। यहां शहरी इलाके में मतदाता खामोश हैं। सौरबाजार प्रखंड के चंदौर के रवींद्र यादव बताते हैं कि इस बार 2025 की मजबूती के लिए मतदान करेंगे। वहीं, बैजनाथपुर के दिलेश्वर शर्मा कहते हैं अभी तय नहीं किए हैं। गांव वाले बैठेंगे तब तय करेंगे।
खगड़िया में भी यही स्थिति है। पिछले एक सप्ताह से यहां रोज दो से तीन स्टार प्रचारकों की सभा या रोड शो हो रहा है। इसके बाद भी मतदाताओं की चुप्पी नहीं टूट रही है। मतदाताओं की चुप्पी ने राजग और महागठबंधन उम्मीदवारों की परेशानी बढ़ा दी है। खगड़िया सदर के बमबम सिंह कहते हैं वे तो विकास के लिए वोट करेंगे। विकास की बात तो दोनों दल कर रहे, आप किसे मानते हैं। इसपर वह हाथ जोड़ आगे बढ़ जाते हैं।
इशारों में संकेत
सुपौल संसदीय क्षेत्र स्थित सिमराही बाजार के बुधन शर्मा का कहना है कि वोट जिसको देना है वो तो मन में है ही। नाम बता देने से थोड़े ही न कुछ मिल जाएगा। समय पर सबकुछ अपने आप पता चल जाएगा। सुपौल के ही सरायगढ़ भपटियाही के नंदकिशोर प्रसाद ने कहा कि अब आदमी सबकुछ समझता है, किसी के बताने से कुछ होने वाला नहीं है। वोट है तो गिरेगा ही, जो अच्छा किया होगा, पाएगा।
सुपौल के गणेशी राम कहते हैं कि क्या बताएं, अब ये सब बताने का समय नहीं रह गया है, मतदान तो करना ही है। बस देखते रहिए क्या सब होता है। ऐसा नहीं है कि सभी मतदाता चुप्पी ही साधे हुए हैं। अररिया शहर में अतिपिछड़ा समाज से आने वाले अरुण कुमार सिंह और राहुल कुमार मंडल किस पार्टी को मतदान करना है, इसका मन बना चुके हैं।
नहीं लिया निर्णय
यहां कुछ मतदाता ऐसे भी मिले जो चुनाव में खड़े दोनों प्रमुख दलों के प्रत्याशी से संतुष्ट नहीं हैं। वहीं, दिवाकर साह ने कहा कि उनका वोट निर्दलीय प्रत्याशी को जाएगा। मधेपुरा में संसदीय क्षेत्र अंतर्गत गम्हरिया प्रखंड के भेलवा में मनोज कुमार ने मन टटोलने पर बताया कि कोई नेता किसी का पेट नहीं भरता, जिसको मन होगा उसको वोट दे देंगे। पास ही खड़े रजेश कुमार इस बात से नाराज हैं कि कोई प्रत्याशी उनके यहां नहीं आया। इनका कहना है कि अब जो विकास की बात करेगा उसी को वोट देंगे।
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