Lok Sabha Election 2024: इस सीट पर 15 साल से भाजपा का कब्जा, क्या इस बार बदलेगा नतीजा? जाति की गोलबंदी से तय होती है हार-जीत
Lok Sabha Election 2024 West Champaran Seat बिहार में गठबंधन के समीकरण लगातार बदलते रहते हैं। इस वजह से चुनाव के नतीजों पर भी उलटफेर होते रहते हैं लेकिन एक लोकसभा सीट ऐसी है जिस पर पिछले तीन चुनाव से लगातार भाजपा का कब्जा है। इस बार इंडी गठबंधन चाहेगा कि वह भाजपा के विजय रथ को रोके। पढ़ें ये रिपोर्ट...
सुनील आनंद, पश्चिम चंपारण। पश्चिम चंपारण लोकसभा सीट 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। इससे पूर्व इस लोकसभा क्षेत्र का नाम बेतिया था। इस सीट पर छह बार भाजपा की जीत का रिकॉर्ड है। परिसीमन के बाद डॉ. संजय जायसवाल 2009 में पहली बार भाजपा से संसदीय चुनाव लड़े और जीते भी। तब से लगातार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
चौथी बार भाजपा ने उन्हें चुनाव मैदान में उतारा है। आईएनडीआईए की ओर से अभी प्रत्याशी की घोषणा नहीं हुई है। लोकसभा क्षेत्र में वैश्य, यादव-मुस्लिम और ब्राह्मण के बाद कोइरी और कुर्मी के वोट अधिक हैं। हर बार मतदान से पूर्व इस संसदीय क्षेत्र की हवा बदल जाती है। राजनीतिक दलों के सारे समीकरण ध्वस्त हो जाते हैं। जाति की गोलबंदी जीत-हार का पैमाना बनती है।
कभी कांग्रेस का गढ़, अब एनडीए का दबदबा
कभी कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले इस लोकसभा क्षेत्र में अब एनडीए का दबदबा है। 2009 में लोजपा ने फिल्म निर्देशक प्रकाश झा को उतारा और कांग्रेस के उम्मीदवार लालू यादव के साले अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव थे। 2014 में जदयू भाजपा से अलग हुई तो फिर जदयू से प्रकाश झा मैदान में उतरे और निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे। 2019 के चुनाव में सीट रालोसपा के खाते में गई और बृजेश कुशवाहा उम्मीदवार थे।
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चार पर भाजपा और दो पर राजद का कब्जा
इस लोकसभा सीट में छह विधानसभा क्षेत्र हैं। तीन विधानसभा पश्चिम चंपारण के नौतन, बेतिया एवं चनपटिया और तीन पूर्वी चंपारण के सुगौली, रक्सौल एवं नरकटिया हैं। चार पर भाजपा व दो पर राजद के विधायक हैं। बेतिया से भाजपा की रेणु देवी विधायक हैं, जो वर्तमान में बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं। नौतन से भाजपा के नारायण प्रसाद विधायक हैं।
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इन्हें मिला प्रतिनिधित्व का अवसर
- 1962: कमलनाथ तिवारी (कांग्रेस)
- 1967: कमलनाथ तिवारी (कांग्रेस)
- 1971: कमलनाथ तिवारी (कांग्रेस)
- 1977 : फजलुर रहमान (जनता पार्टी)
- 1979 : केदार पांडेय (कांग्रेस)
- 1983: पीतांबर सिंह (सीपीआइ)
- 1984: मनोज पांडेय (कांग्रेस)
- 1989 : धर्मेश प्रसाद वर्मा (जनता दल)
- 1991: फैयाजुल आजम (जनता दल)
- 1996 : डॉ. मदन प्रसाद जायसवाल (भाजपा)
- 1998 : डॉ. मदन प्रसाद जायसवाल (भाजपा)
- 1999 : डॉ. मदन प्रसाद जायसवाल (भाजपा)
- 2004 : पं रघुनाथ झा (राजद)
- 2009 : डॉ. संजय जायसवाल (भाजपा)
- 2014 : डॉ. संजय जायसवाल (भाजपा)
- 2019 : डॉ. संजय जायसवाल (भाजपा)