Lok Sabha Election 2024: नई रणनीति बनाकर महुआ मोइत्रा को घेरने में जुटी भाजपा, क्या इस बार भेद पाएगी कृष्णानगर का किला?
Lok Sabha Election 2024 पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प है। यहां तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से महुआ मोइत्रा मैदान में हैं तो वहीं उनके खिलाफ भाजपा ने राजा कृष्णचंद्र राय के परिवार की सदस्य अमृता राय को उतारा है। महुआ के खिलाफ भाजपा ने नई रणनीति बनाई है। पीएम मोदी यहां दो जनसभाएं कर चुके हैं।
जयकृष्ण वाजपेयी, कोलकाता l बंगाल के नदिया जिले की कृष्णानगर लोकसभा सीट भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के लिए नाक की लड़ाई बन चुकी है। एक तरफ संसद से निष्कासन के बाद तृणमूल ने फिर से महुआ मोइत्रा को प्रत्याशी बनाया है तो दूसरी पर भाजपा ने राजा कृष्णचंद्र राय के परिवार की सदस्य अमृता राय को मैदान में उतारा है।
यहां मोदी और ममता भी आ चुके
कृष्णानगर कितना अहम है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस क्षेत्र में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे। इसके अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी यहां जनसभा कर रहे हैं। हां भाजपा ने महुआ मोइत्रा को घेरने के लिए नई रणनीति बनाई है।
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महुआ को नहीं टीएमसी को घेरने में जुटी भाजपा
महुआ पर व्यक्तिगत हमला नहीं किया जा रहा है। अगर स्थानीय और प्रदेश स्तर के नेताओं को छोड़ दें तो प्रधानमंत्री समेत भाजपा के बड़े नेता महुआ मोइत्रा पर व्यक्तिगत हमला करने से बच रहे हैं। उनको तथा तृणमूल कांग्रेस को भ्रष्टाचार को लेकर घेरा जा रहा है। यहां चौथे चरण में 13 मई को मतदान है।
दो जनसभा कर चुके मोदी
कृष्णानगर लोकसभा सीट पर भाजपा और तृणमूल के शीर्ष नेतृत्व की लगातार कई सभाएं हो चुकी हैं। मोदी इस लोकसभा चुनाव में चुनिंदा सीटों पर प्रचार कर रहे हैं। एक ही चुनावी सभा से कई सीटों के अपने उम्मीदवारों का प्रचार करते हैं, लेकिन वह कृष्णानगर में पिछले 63 दिनों के भीतर दो चुनावी सभाओं को संबोधित कर चुके हैं।
यही नहीं मोदी ने पार्टी प्रत्याशी राजमाता अमृता राय को टिकट मिलने के बाद टेलीफोन पर भी बात की थी। पीएम मोदी ने यहां दो मार्च को पहली और इसके बाद शुक्रवार यानी तीन मई को दूसरी जनसभा की। इस दौरान लोगों की काफी भीड़ उमड़ी थी।
महुआ डरती नहीं है: ममता
भाजपा महुआ को हराने को पूरा जोर लगा रही है तो दूसरी ओर तृणमूल सुप्रीमो भी अपनी प्रत्याशी महुआ मोइत्रा को 2019 की तरह ही फिर से संसद भेजने को पूरी ताकत लगा रही हैं। पिछले सप्ताह गुरुवार को अपनी सभा से ममता ने कहा था कि महुआ के यहां कल फिर वे (पीएम मोदी) झूठ बोलने आ रहे हैं, क्योंकि वे महुआ से बहुत नाराज हैं। मुंह पर बोलने वाली महुआ डरती नहीं। महुआ बाघ के बच्चे की तरह लड़ती है। उन्होंने सबको बताया कि देश में क्या चल रहा है।
यहीं से ममता ने शुरू किया था चुनाव अभियान
ममता ने 31 मार्च को अपने लोकसभा चुनाव प्रचार का अभियान भी इसी सीट से शुरू किया था। शुक्रवार को पीएम मोदी ने अलग राह पकड़ी। एक बार भी उन्होंने ममता बनर्जी ही नहीं बल्कि महुआ मोइत्रा का भी नाम अपने भाषण में नहीं लिया। इससे पहले दो मार्च के अपने भाषण में मोदी ने महुआ या उनसे जुड़े विवाद के बारे में कुछ नहीं कहा था। हालांकि, उस समय चुनावों की घोषणा नहीं हुई थी और महुआ के तृणमूल के लिए फिर से उम्मीदवार होने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई थी।
ममता ने कहा था कि वह महुआ पर फिर से कृष्णानगर सीट पर भरोसा करेंगे। यह जानते हुए भी कि मार्च की बैठक की शुरुआत में अपने भाषण में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने महुआ द्वारा विदेशी धरती से संसद की लॉग-इन आईडी का उपयोग करने का मुद्दा उठाया था।
मां काली के बारे में महुआ की टिप्पणी भी याद कीजिए। इसके बाद विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी ने भी इस विषय पर बात की थी, लेकिन मोदी ने एक बार भी महुआ पर व्यक्तिगत हमला करने का रास्ता नहीं अपनाया। बल्कि उन्होंने एक के बाद एक मुद्दे गिनाते हुए तृणमूल और राज्य सरकार पर हमला बोला और आज भी उन्होंने यही किया।
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