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Election 2024: मध्य प्रदेश में आंकड़े बढ़ा रहे हैं भाजपा का उत्साह, 60 प्रतिशत का आंकड़ा पार करने की तैयारी में जुटी पार्टी

मध्य प्रदेश में 2003 के विधानसभा चुनाव में 67.41 प्रतिशत मतदान हुआ जिसमें भाजपा ने 173 सीटों पर जीत दर्ज कर 42.5 प्रतिशत वोट शेयर प्राप्त किया था जबकि कांग्रेस 38 सीट के साथ 31.61 प्रतिशत वोट हासिल कर सकी थी। अगले साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में 48.09 प्रतिशत मतदान हुआ जिसमें भाजपा को 25 सीटें मिलीं और हिस्सा बढ़कर 48.13 प्रतिशत हो गया।

By Jagran News Edited By: Amit Singh Published: Fri, 22 Mar 2024 04:03 AM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2024 04:03 AM (IST)
पिछले चार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 2004 और 2009 में मिले हैं विधानसभा से अधिक वोट।

धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले विस चुनाव से गुजरने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश भी शामिल रहा है और इसके परिणाम लोस तक अपना प्रभाव भी दिखाते हैं। विस के पिछले पांच और लोस के पिछले चार चुनाव का वोट शेयर भाजपा को उत्साहित करता है तो कांग्रेस के लिए चुनौती भी है।

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भारी रहा भाजपा का पलड़ा

मध्य प्रदेश में 2003 के विधानसभा चुनाव में 67.41 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें भाजपा ने 173 सीटों पर जीत दर्ज कर 42.5 प्रतिशत वोट शेयर प्राप्त किया था, जबकि कांग्रेस 38 सीट के साथ 31.61 प्रतिशत वोट हासिल कर सकी थी।

अगले साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में 48.09 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें भाजपा को 25 सीटें मिलीं और हिस्सा बढ़कर 48.13 प्रतिशत हो गया। कांग्रेस ने शेष चार सीटें जीतीं और वोट प्रतिशत बढ़कर 40.14 प्रतिशत हो गया था। विधानसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी, लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में कांग्रेस गठबंधन की।

लगातार बढ़ा भाजपा का ग्राफ

दोनों पार्टियों के वोट शेयर में बढ़त 2008 के विधानसभा और 2009 के लोकसभा चुनाव में भी बनी रही। परिणाम में भी दोहराव था, यानी प्रदेश में भाजपा, तो केंद्र में कांग्रेस गठबंधन की सरकार। आंकड़े बताते हैं कि विधानसभा चुनाव में 69.52 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें भाजपा को 143 सीटों के साथ 37.81 प्रतिशत और कांग्रेस को 71 सीटों के साथ 36.04 प्रतिशत वोट मिले थे।

इसके बाद लोकसभा चुनाव में 51.16 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें भाजपा को 16 सीटें, 43.45 प्रतिशत वोट शेयर मिला, वहीं 12 सीटों पर विजयी कांग्रेस ने 40.14 प्रतिशत मत प्राप्त किया, लेकिन इसके बाद कांग्रेस की सीटें और मत कम ही होता गया, जबकि भाजपा का ग्राफ बढ़ रहा है।

2013 में विधानसभा चुनाव में 72.69 प्रतिशत वोट डाले गए। भाजपा ने 165 सीटों के साथ सरकार बरकरार रखी और वोट प्रतिशत को बढ़ाते हुए 44.87 प्रतिशत पहुंचा दिया। इधर कांग्रेस की सीटें घटकर 58 रह गईं, वोट शेयर भी 36.38 प्रतिशत पर पहुंच गया। इसके अगले साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 27 सीटें जीतीं और वोट शेयर 54.02 प्रतिशत हासिल किया।

कांग्रेस कमल नाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया की दो ही सीटें बचा सकी और वोट शेयर 34.89 प्रतिशत रह गया। मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बच गई, जबकि केंद्र में मोदी सरकार बनी। 2018 के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में परिणाम बदल गए और भाजपा का वोट शेयर कम हुआ, जबकि कांग्रेस को फायदा हुआ। हालांकि, 2019 में लोकसभा में बढ़त भाजपा ने ही बरकरार रखी।

विधानसभा चुनाव में कुल मतदान 75.63 प्रतिशत हुआ, जिसमें 109 सीटों के साथ भाजपा को 41.02 प्रतिशत वोट मिले, जबकि कांग्रेस 114 सीटों के साथ 40.89 प्रतिशत वोट हासिल करने में कामयाब रही। अगले साल लोकसभा चुनाव 2019 में हुए तो कांग्रेस मात्र छिंदवाड़ा की सीट बचा सकी। भाजपा ने वोट प्रतिशत में बढ़त दर्ज करते हुए 58 प्रतिशत के साथ 28 सीटें जीत लीं। कांग्रेस को 34.50 प्रतिशत वोट मिले थे।


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