चले आना प्लीज! यहां यूपी और बिहार के लोगों को मनाने में जुटे सभी दल, जानिए इनकी सियासी ताकत
Lok Sabha Election 2024 पंजाब के जालंधर में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को सियासी दल मनाने में जुटे हैं। दरअसल हर राजनीतिक दल की कोशिश है कि इस बार इन्हें किसी भी तरह गांव जाने से रोक लिया जाए। यहां करीब 80 हजार मतदाता यूपी और बिहार के रहने वाले हैं। प्रत्याशियों ने अब इन्हें रोकने की कसरत शुरू कर दी है।
जागरण, जालंधर। दूसरे राज्यों खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार से आकर जालंधर में बसे परिवारों को मतदान के दिन एक जून तक गांव जाने से रोकना उम्मीदवारों के लिए चुनौती बन गया है। कारण, ब्राह्मण परिवार जून में जनेऊ पहनने की रस्म के लिए गांव जाते हैं। इसके अलावा मई और जून में विवाह आदि समागम के लिए भी वे कई दिन पूर्व ही गांव चले जाते हैं। ऐसे में उन्हें जाने से रोकने के लिए उम्मीदवारों ने कसरत शुरू कर दी है।
सभी दलों की पैनी नजर
अंदरखाते उनके साथ संपर्क साधना शुरू कर दिया है। इस बीच एक राष्ट्रीय पार्टी के उम्मीदवार उनके साथ संपर्क साध भी चुके हैं। कई अन्य राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवार भी संपर्क साधने की तैयारी कर रहे हैं। केवल उत्तर प्रदेश तथा बिहार ही नहीं, बल्कि हिमाचल, जम्मू-कश्मीर तथा राजस्थान के परिवारों पर भी राजनीतिक पार्टियों की पैनी नजर है।
रोकने की खातिर दिया जा रहा प्रलोभन
इसके लिए अलग-अलग समुदायों से संबंधित परिवारों व संस्थाओं के प्रतिनिधियों से तालमेल स्थापित किया जा रहा है। यही नहीं, उन्हें रोकने के लिए कई प्रलोभन भी दिए जा रहे हैं। इसमें गर्मी के बीच एसी क्लास की टिकट की बुकिंग करवाने, आटा-दाल स्कीम से काटे गए कार्ड बहाल करवाने तथा उनके आयुष्मान कार्ड बनवाने की बात कही जा रही है। बता दें कि जिले में दूसरे राज्यों से आकर करीब तीन लाख लोग रह रहे हैं, जिनमें से करीब 80 हजार मतदाता बिहार और उत्तर प्रदेश के हैं।
डाटा जुटाने में जुटे सियासी दल
पार्टियों के जनसंपर्क विंग ने दूसरे राज्यों से आकर जिले में रह रहे परिवारों का डाटा तैयार करना शुरू कर दिया है। इसमें अलग-अलग राज्यों के लोगों की संख्या, उनकी संस्थाओं के प्रतिनिधि तथा उनकी जरूरतों को जाना जा रहा है।
यह भी पढ़ें: अधिकारियों को भा रही सियासी राह! वो पूर्व IAS और IPS अधिकारी जो लोकसभा चुनाव में आजमा रहे किस्मत, जानिए इनके बारे में
संस्था पूर्वांचल जनकल्याण सभा के अध्यक्ष पंडित एके मिश्रा, चेयरमैन प्रमोद यादव और मां दुर्गा पूजा प्रबंधक कमेटी व मकसूदां सब्जी मंडी फड़ी एसोसिएशन के प्रधान रवि शंकर गुप्ता बताते हैं कि जिले में जालंधर उत्तरी हलके में सबसे अधिक ऐसे लोग हैं। यहां करीब 20 हजार मतदाता हैं। इसी तरह पश्चिमी हलके में 15 हजार के करीब, करतारपुर में भी 14 हजार तथा केंद्रीय हलके में चार हजार मतदाता हैं।
प्रवासी भलाई बोर्ड की मांग हो रही दरकिनार
दूसरे राज्यों से आए परिवारों को सरकारी योजनाओं तथा उनके अधिकारों का लाभ देने के लिए प्रवासी भलाई बोर्ड बनाने की मांग लंबे अर्से से दरकिनार की जा रही है। इस बारे में न्यू मकसूदां सब्जी मंडी फड़ी एसोसिएशन के प्रधान तथा मजदूर नेता रवि शंकर शर्मा बताते हैं कि प्रवासी भलाई बोर्ड बनाए जाने की मांग लंबे अर्से से की जा रही है। इसे हर बार दरकिनार किया जाता रहा है।
उत्तर प्रदेश, बिहार व उत्तराखंड से आए लोगों की पूछताछ केवल चुनावी दिनों में ही होती है। इसके बाद उन्हें इंसाफ लेने के लिए प्रदर्शन तक करने पड़ते हैं। शिअद सरकार के दौरान प्रवासी भलाई बोर्ड का गठन किया गया था, लेकिन बाद में उसे भी निष्क्रिय कर दिया गया।