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Lok Sabha Election 2019: भोपाल से जुड़ी संघ की प्रतिष्ठा, उमा भारती और शिवराज के नाम की चर्चा

Lok Sabha Election 2019 भाजपा के सामने भोपाल सीट के लिए प्रत्याशी का चयन करने में देरी हो रही है। इसका सबसे बड़ा कारण संघ की प्रतिष्ठा है।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 12:03 AM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 12:03 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019: भोपाल से जुड़ी संघ की प्रतिष्ठा, उमा भारती और शिवराज के नाम की चर्चा
Lok Sabha Election 2019: भोपाल से जुड़ी संघ की प्रतिष्ठा, उमा भारती और शिवराज के नाम की चर्चा

भोपाल, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश के भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह को चुनौती देने वाला चेहरा ढूंढने में भाजपा को समय लग रहा है। कांग्रेस ने भोपाल सीट को देशभर में चर्चित बना दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का नाम सुर्खियों में आने के बाद भी प्रत्याशी को लेकर पार्टी में असमंजस बना हुआ है। पार्टी ने अब तक 21 सीटें घोषित की है।

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वहीं भोपाल-इंदौर, सागर, खजुराहो जैसी आठ सीटों पर पेंच फसा हुआ है। भाजपा भोपाल से ऐसे प्रत्याशी की तलाश में है, जो दिग्विजय को हरा सके। इसकी वजह ये है कि भाजपा से ज्यादा ये सीट राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है। संघ की आलोचना कर दिग्विजय ने हमेशा उसे कठघरे में खड़ा किया है।

भाजपा के सामने भोपाल सीट के लिए प्रत्याशी का चयन करने में देरी हो रही है। पहले पार्टी कह रही थी कि योजनाबद्ध कारणों से पार्टी टिकट घोषित करने में विलंब कर रही है पर यही हाल इंदौर सहित अन्य सीटों पर भी है। भोपाल से जिन नामों की चर्चा थी, उनमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नाम खारिज हो गया है। साध्वी प्रज्ञा भारती का स्वास्थ्य चुनाव लड़ने लायक नहीं बताया जा रहा है। ऐसे हालात में पार्टी के पास सीमित विकल्प बचे हैं। उनमें उमा भारती और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान या आलोक संजर पर ही दांव लगाने निर्णय हो सकता है।

उमा के नाम पर स्वीकार्यता की उम्मीद कम
प्रदेश संगठन और स्थानीय नेताओं को उमा भारती का नाम आसानी से स्वीकार होगा, इसकी उम्मीद कम ही है। यही कारण है कि उमा के सवाल पर शिवराज ने खुलकर तो कुछ नहीं कहा, पर इतना ही बोले कि सभी नेताओं का स्वागत है। इधर, पार्टी सूत्रों का कहना है कि भारती ने खुद के बजाय शैलेंद्र शर्मा या भगवानदास सबनानी को टिकट दिए जाने की सिफारिश की है।

फिलहाल पार्टी नेताओं की मानें तो उमा या शिवराज को ही वे दिग्विजय को टक्कर देने वाला प्रत्याशी मान रहे हैं। पार्टी नेताओं की सोच है कि शिवराज की छवि उदार राजनेता की है। इस कारण उन्हें सभी वर्गों का समर्थन मिल सकता है। कांग्रेस सरकार की एंटीइनकमबेंसी का लाभ भी शिवराज को मिल सकता है। इधर, शिवराज ने कहा कि वे लोकसभा का चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं, आगे पार्टी का जैसा आदेश होगा, वैसा करेंगे।


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