महाराष्ट्र की VVIP सीट है बीड, विरासत की लड़ाई में गोपीनाथ मुंडे की बेटी प्रीतम को हराने में लगे हैं उनके भतीजे
नेता प्रतिपक्ष धनंजय मुंडे प्रीतम के चचेरे भाई हैं वे प्रीतम के खिलाफ एनसीपी उम्मीदवार के पक्ष में पसीने बहा रहे हैं। माना जा रहा है कि इस सीट पर मुंडे बनाम मुंडे हैं।
जागरण स्पेशल। Lok Sabha Election 2019: दूसरे चरण की 95 लोकसभा सीटों के चुनाव में कुछ सीटें बेहद अहम हैं। इनमें महाराष्ट्र की बीड लोकसभा सीट एक है। भाजपा के बड़े नेता रहे गोपीनाथ मुंडे ने कई बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था। 2014 में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ लेने के चंद दिनों बाद ही दिल्ली में हुई एक सड़क दुर्घटना में उनका निधन हो गया था।
इसके बाद हुए उपचुनाव में भाजपा ने उनकी बेटी प्रीतम मुंडे को यहां उतारा था और वह 6.96 लाख मत से चुनाव जीतकर लोकसभा सदस्य बनीं, जो लोकसभा चुनाव के इतिहास में सबसे अधिक अंतर से मिलने वाली जीत थी। इसे देखते हुए इस बार फिर पार्टी ने उनपर विश्वास जताया है। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार अशोकराव पाटिल को हराया था। हालांकि, इस बार शरद पवार की एनसीपी ने यहां से बजरंग मनोहर सोनवणे को अपना उम्मीदवार बनाया है। महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस सीट पर कांटे का मुकाबला है।
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प्रीतम की बहन पंकजा मुंडे महाराष्ट्र सरकार में मंत्री हैं
प्रीतम की बड़ी बहन पंकजा मुंडे महाराष्ट्र सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री हैं। पंकजा ने भी अपनी बहन प्रीतम के समर्थन में खूब पसीने बहाए हैं। दूसरी तरफ महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष धनंजय मुंडे प्रीतम के चचेरे भाई हैं। हालांकि, वह विपक्षी दल एनसीपी से ताल्लुकात रखते हैं, यही कारण है कि वे प्रीतम के खिलाफ एनसीपी उम्मीदवार के पक्ष में पसीने बहा रहे हैं। इसीलिए माना जा रहा है कि इस सीट पर मुंडे बनाम मुंडे हैं। खास बात यह है कि इस जिले की गार्जियन मंत्री पंकजा मुंडे हैं। ऐसे में उनके लिए भी यह सीट जीतना प्रतिष्ठा की बात हो गई है। दूसरी तरफ सीनियर मुंडे की विरासत को बचाना उनके परिवार के लिए एक बड़ी चुनौती है।
पिछले 10 साल से यह सीट भाजपा के पास
2009 के संसदीय चुनाव में गोपीनाथ मुंडे ने यहां से जीत दर्ज की थी। इस संसदीय सीट के तहत 6 विधानसभा सीटें आती है, जिनमें पांच पर भाजपा का कब्जा है। बाकी बची एक मात्र सीट बीड से एनसीपी के विधायक हैं। गौरतलब है कि 2004 के लोकसभा चुनाव में एनसीपी ने यहां से जीत दर्ज की थी। इसीलिए इस बार भी उसके दावे को हल्के में नहीं लिया जा सकता है।
मराठा और वंजारी दोनों 5-5 लाख
बीड के मतदाताओं में सबसे अधिक मराठा और वंजारी समुदाय के लोग हैं, जो संख्या में करीब पांच-पांच लाख हैं। उनके बाद यहां मुस्लिमों और दलितों की संख्या है। इन समुदायों से जुड़े मतदाताओं की संख्या क्रमश: लगभग तीन लाख और लगभग दो लाख हैं। वैसे बीड लोकसभा सीट पर 19,57,132 मतदाता हैं। इनमें से 10,39,789 पुरुष और 9,17,343 महिलाएं हैं।