Move to Jagran APP

Lok Sabha Election 2019 : ग्राउंड रिपोर्ट महराजगंज : भगवा किले में जातीय युद्ध

महराजगंज पांच बार के भाजपा सांसद पंकज चौधरी ने अपना किला बचाने को ताकत झोंक दी है लेकिन सपा के अखिलेश सिंह कांग्रेस की सुप्रिया सिंह श्रीनेत ने उनके लिए चुनौती खड़ी कर दी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 15 May 2019 12:24 PM (IST)Updated: Wed, 15 May 2019 04:14 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019 : ग्राउंड रिपोर्ट महराजगंज : भगवा किले में जातीय युद्ध
Lok Sabha Election 2019 : ग्राउंड रिपोर्ट महराजगंज : भगवा किले में जातीय युद्ध

महराजगंज [आनन्द राय]। नेपाल की तराई से सटा महराजगंज संसदीय क्षेत्र चुनावी ताप से दमक उठा है। 1991 में पहली बार यहां पर भगवा फहराने वाले पांच बार के भाजपा सांसद पंकज चौधरी ने अपने किले को बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है लेकिन, सपा के पूर्व सांसद कुंवर अखिलेश सिंह और कांग्रेस उम्मीदवार सुप्रिया सिंह श्रीनेत ने उनके लिए चुनौती खड़ी कर दी है।

loksabha election banner

नेपाल से बहकर आने वाली नदियों की तरह महराजगंज की सियासी धारा भी कभी एक जैसी नहीं रही। अंग्रेजों और जमींदारों के अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले प्रोफेसर शिब्बन लाल सक्सेना वैसे तो महात्मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू के करीबी रहे, लेकिन आजादी के बाद जब उन्होंने कांग्रेस छोड़कर निर्दल ही चुनाव मैदान में ताल ठोंक दी तो उनको हराने का फरमान नेहरू ने जारी किया।

पहले चुनाव में प्रोफेसर सक्सेना को हरिशंकर प्रसाद ने जरूर हरा दिया, लेकिन 1957 में शिब्बन लाल ने निर्दल ही चुनाव जीत लिया। फिर शिब्बन लाल को शिकस्त देने के लिए उनके ही शिष्य महादेव प्रसाद को आगे किया गया। महादेव ने महराजगंज जीत लिया, लेकिन जिद्दी शिब्बन लाल ने लड़ाई जारी रखी और 1971 और 1977 के चुनावों में लगातार जीते। ऐसे बड़े योद्धा की धरती पर अब चुनाव जीतने के लिए जातियों का सहारा लिया जा रहा है। यहां की पांच विधानसभा सीटों में एक पर निर्दलीय और बाकी चार पर भाजपा का कब्जा है। इनमें दो विधायक कुर्मी, एक धोबी, एक ब्राह्मण और एक क्षत्रिय बिरादरी के हैं।

पिछड़ों की बड़ी तादाद

महराजगंज की चुनावी बिसात पर सब पासा फेंक रहे हैं। चुनाव में न कोई मुद्दा है और न ही इसको लेकर कोई सक्रिय है। सिर्फ जातियों को जोड़ने पर ही जोर है। पिछड़ों की आबादी 56 फीसद से अधिक हैं, जिनमें कुर्मी-पटेल, चौरसिया, निषाद, यादव, मौर्य, चौहान, बनिया-कलवार, सोनार, नाई और लोहार आदि जातियां हैं, जबकि सवर्णों में सर्वाधिक 12 फीसद ब्राह्मण और फिर क्षत्रिय, कायस्थ व अग्रहरि हैं। दलितों में जाटव उपजाति के अलावा धोबी, पासी और धरिकार भी हैं। यहां पर मुसलमानों की भी अच्छी आबादी है। कुछ क्षेत्रों में थारुओं की भी संख्या है, जो अनुसूचित जनजाति में आते हैं।

भाजपा उम्मीदवार पंकज चौधरी कुर्मी बिरादरी के हैं, जबकि भाजपा के दो विधायक भी कुर्मी हैं। भाजपा उम्मीदवार कुर्मी बिरादरी के अलावा अन्य पिछड़ों, सवर्णों और दलितों को गोलबंद करने में जुटे हैं। उधर, अंतिम समय में गठबंधन से सपा से उम्मीदवार घोषित किए गए कुंवर अखिलेश सिंह के लिए मुस्लिम, यादव और दलितों की गोलबंदी शुरू हो गई है। सुप्रिया सिंह भी चौतरफा समीकरण बनाने में जुटी हैं। यहां किस्मत आजमा रहे दर्जन भर से ज्यादा उम्मीदवार किसी के लिए नफा तो किसी के लिए नुकसान का सबब बने हैं।

बड़े नेताओं का सहारा

भाजपा उम्मीदवार पंकज चौधरी के लिए कप्तानगंज की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपील की तो भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 16 को रैली करने आ रहे हैं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री शिवप्रताप शुक्ल समेत तमाम नेताओं ने पंकज के लिए वोट मांगा है। उधर, कांग्रेस की सुप्रिया अपने पिता पूर्व सांसद हर्षवर्धन सिंह के संपर्कों का लाभ उठाने की कोशिश कर रही हैं। सुप्रिया के लिए हार्दिक पटेल, छत्तीसगढ़ के मंत्री ताम्रध्वज साहू, पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद और राजबब्बर भी आ चुके हैं। अपने उम्मीदवार के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपील कर गये हैं। बसपा के लोग भी गठबंधन उम्मीदवार के लिए सक्रिय हैं।

हर क्षेत्र में मोदी फैक्टर

सामाजिक कार्यों में सक्रिय मुड़ेना कला निवासी विश्राम चौधरी कहते हैं कि मैं तो 1991 से पंकज चौधरी के साथ हूं। सदर विधानसभा क्षेत्र के रुधौली भावचक के पूर्व प्रधान ओमप्रकाश वर्मा चौरसिया समाज के बड़े नेता हैं। वर्मा कहते हैं कि पंकज चौधरी तो प्रोफेसर शिब्बनलाल सक्सेना का रिकार्ड तोड़ चुके हैं और अगर उनमें कोई खास बात नहीं होती तो महराजगंज की जनता उन्हें अपना सांसद क्यों चुनती। पर, सुप्रिया सिंह का चुनाव संचालन कर रहे उनके चाचा आनन्दवर्धन सिंह कहते हैं 'भाजपा सांसद से लोग बहुत नाराज हैं। उनके पास मोदी के नाम पर वोट मांगने के अलावा कुछ बचा नहीं है।'

महराजगंज में मोदी फैक्टर खूब काम कर रहा है। रामपुर मीर निवासी मोहन कन्नौजिया कहते हैं कि सांसद के नाम पर नहीं, लेकिन मोदी के नाम पर रिकार्ड वोट मिल रहा है। कोतवाली के सामने इंदिरानगर निवासी पिकअप ड्राइवर नरेश कहते हैं 'घर बनाने के लिए ढाई लाख मोदी ने दिया तो वोट भी मोदी पाएंगे।' पर, सपा के अजय यादव कहते हैं कि मोदी ने जाति और धर्म के नाम पर देश को बांट दिया है, लेकिन अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमों मायावती ने उनकी असलियत उजागर कर दी है।

फरेंदा विधानसभा क्षेत्र में खजुरिया रोड पर मिले रमेश यादव सपा उम्मीदवार अखिलेश के समर्थन में कहते हैं कि अखिलेश यादव की पसंद हमारी पसंद है। सोनबरसा में ठेले पर खीरा बेचते धर्मराज यादव और गन्ना जूस के दुकानदार राजेश वर्मा किसी के पक्ष में नहीं खुलते हैं। परंतु पनियरा के नारायण राजभर तो खुल्लम खुल्ला कहते हैं कि सब लोग अपनी बिरादरी के साथ हैं तो हम भी अपनी बिरादरी के साथ हैं। बीएससी की छात्रा मधुरिमा सिंह और सिंहपुर निवासी अंबरीश शाही कहते हैं कि महराजगंज को प्रोफेसर शिब्बन लाल और हर्षवद्र्धन सिंह जैसा संघर्ष करने वाला प्रतिनिधि चाहिए और यह सिर्फ सुप्रिया ही कर सकती हैं।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.