Move to Jagran APP

Lok Sabha Election 2024: यहां आगे 'राम, बाद में वाम' से जमी भाजपा, दो से 18 सीटों तक पहुंची; क्या है इस बार की रणनीति?

Lok Sabha Election 2024 पश्चिम बंगाल में इस बार वाममोर्चा के सामने अपने जनाधार को वापस पाने की चुनौती है। 2019 में भाजपा वाममोर्चा के वोटों में सेंध लगाने में सफल रही है। यही वजह थी कि पार्टी दो से 18 सीटों तक पहुंच गई। वाममोर्चा एक भी सीट नहीं जीत सका था। वाममोर्चा ने युवाओं श्रमिकों और महिलाओं पर पूरा फोकस किया है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Published: Tue, 07 May 2024 04:29 PM (IST)Updated: Tue, 07 May 2024 04:29 PM (IST)
लोकसभा चुनाव 2024: ‘आगे राम, बाद में वाम’ से जमी भाजपा।

हृदयानंद गिरि, दुर्गापुर l पिछले आम चुनाव में एक नारा अधिक प्रचलित हुआ। यह था- आगे राम, बाद में वाम। इसका प्रभाव भी मतदाताओं पर पड़ा और वाममोर्चा के कोर वोट बैंक में सेंध लगाने में भाजपा काफी हद तक सफल रही। परिणामस्वरूप यह पार्टी पिछले आम चुनाव में बंगाल में दो से बढ़कर 18 सीटों तक पहुंच गई।

loksabha election banner

भाजपा इस बार के आम चुनाव में 35 सीटों का लक्ष्य लेकर चल रही है। राज्य की जनता किसका कितना साथ देती है, यह तो चार जून को परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा, लेकिन वामो इस बार कांग्रेस के साथ समझौता कर प्रतिष्ठा बचाने की जुगत में है।

यह भी पढ़ें: नोटों के पहाड़ ने बढ़ाई इंडी गठबंधन की मुश्किलें, पीएम मोदी ने उठाया मुद्दा; भाजपा तगड़ी घेरेबंदी में जुटी

2019 में बढ़ीं नौ गुना सीट

दरअसल, वर्ष 2014 के आम चुनाव में भाजपा के टिकट पर दार्जिलिंग से सुरेंद्र सिंह अहलूवालिया एवं आसनसोल से बाबुल सुप्रियो संसद पहुंचे थे। वर्ष 2019 के चुनाव में मोदी लहर में सीटों की संख्या में नौ गुना वृद्धि हुई। इसकी मुख्य वजह माकपा का वोट बैंक भाजपा के पक्ष में आ गया था। भाजपा इस बार मोदी सरकार की उपलब्धियों को भी जनता तक पहुंचा रही है।

पिछले चुनाव में वामो को नहीं मिली थी कोई सीट

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में राज्य में त्रिकोणीय मुकाबला हुआ था। इसमें तृणमूल कांग्रेस राज्य की 34 सीटों पर विजयी हुई थी। माकपा एवं भाजपा को दो-दो सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस चार सीट जीतने में कामयाब रही। वर्ष 2019 के आम चुनाव में भाजपा ने बढ़त बनाई, लेकिन वाम मोचा को कोई सीट नहीं मिली।

युवाओं, श्रमिकों और महिलाओं पर है पूरा फोकस

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) इस लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी के मुद्दे को उठा रही है और श्रमिकों की भी बात कर रही है। केंद्र सरकार की नीतियों को श्रमिक विरोधी बता कारखानों के निजीकरण के मुद्दे को उठा रही है।

क्या बोले प्रो. सुकीर्ति घोषाल

कांग्रेस समर्थित माकपा के बर्द्धमान-दुर्गापुर संसदीय सीट के प्रत्याशी प्रो. सुकीर्ति घोषाल कहते हैं कि पांच साल पहले आगे राम, बाद में वाम नारा चला। लोगों को विश्वास हुआ कि तृणमूल का विकल्प भाजपा बन सकती है। बेरोजगारी दूर हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

दूसरी ओर राज्य में धांधली से जनता काफी त्रस्त है। इधर, युवा व श्रमिकों के अलावा भाजपा का फोकस महिलाओं पर भी है। भाजपा विधायक लक्ष्मण चंद्र घोरूई कहते हैं कि केंद्र सरकार ने पिछले 10 वर्षों में देश का सर्वांगीण विकास किया है। जनता इस बार भी भाजपा के साथ रहेगी।

यह भी पढ़ें: पीएम मोदी और अमित शाह ने किस पोलिंग बूथ में डाला वोट? तस्वीरों में देखें मतदान से अभिवादन तक के खास पल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.