Lok Sabha Election 2019 : यहां कानून व्यवस्था बदहाल, दहशत में रहते हैं कानून से डरने वाले
कौशांबी जनपद में अपराध चरम पर है। यहां पुलिस की हनक नहीं दिखती है क्योंकि कानून व्यवस्था बदहाल है। यही कारण है कि लोगों में दहशत का माहौल रहता है।
कौशांबी : चार जनपदों से घिरा है दोआबा यानी कौशांबी। यहां पड़ोसी जनपदों के अपराधी भी पनाह लेते हैं। संगठित अपराध तो काफी हद तक काबू में है लेकिन गैर जिलों व प्रांतों से लाकर लाशें फेंकने का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। लूट, हत्या व चोरी की वारदातें रातों की नींद हराम करने की वजह बनी हैं। घटनाओं के बाद मुकदमा दर्ज करने में भी आनाकानी आम शिकायत है। आला अफसर फरियादियों को फिर उसी जगह भेज देते हैं, जहां गुहार अनसुनी हुई। महिलाओं की सुरक्षा भी बड़ी चुनौती है। जन प्रतिनिधि से लेकर जिम्मेदार अफसर कानून व्यवस्था के मोर्चे पर नाकाम दिखते हैं। इस बार लोकसभा चुनाव में कानून व्यवस्था मुद्दा बनेगा अथवा नहीं, यह तो समय बताएगा पर यह शांतिप्रिय लोगों के लिए सिरदर्द जरूर है। योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद भी हालात नहीं सुधरे हैं। इसलिए विपक्षी पार्टियां इसे भुना सकती हैं।
चार जनपदों से सटी हैं कौशांबी की सीमाएं
कौशांबी जिला चारों तरफ से 1,903 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला है। इसकी सीमाएं प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़ व चित्रकूट जनपदों से लगी हुई हैं। सीमावर्ती जनपदों के थाने पइंसा, पूरामुफ्ती, पिपरी, सरायअकिल, कड़ा व कौशांबी के अलावा अलीपुर जीता, घोसियाना, शहजादपुर नारा पुलिस चौकियां हैं। बढ़ते अपराध के पीछे कहीं न कहीं से पड़ोसी जनपदों के अपराधियों का भी हाथ है। आए दिन रेलवे ट्रैक से लेकर सीमावर्ती गांवों में लाशें मिलती रहती हैं। रेलवे लाइन पर मिलने वाले शवों को पुलिस ट्रेन हादसा बताकर पल्ला झाड़ लेती है।
आंकड़ों में
थाने : 14
पुलिस कर्मी : 800
इस साल हुई बड़ी घटनाएं
लूट : 13
हत्या : छह
अज्ञात शव : 10
चोरी : 15
(आंकड़े 17 अप्रैल तक के हैं)
वारदातों पर अब नहीं होती तीखी प्रतिक्रिया
हत्या, लूट, अपहरण व चोरी जैसी घटनाओं पर अब तीखी प्रतिक्रिया नहीं होती। अपराधी हर वर्ग से आते हैं। किसी खास वर्ग आयु, जाति से नहीं। मई 2015 में एक दारोगा अपनी पत्नी की हत्या कर नग्न लाश महेवाघाट पुल पर छोड़कर भाग निकला। सोशल मीडिया पर वायरल फोटो इंग्लैंड में बैठी मृतका की बहन ने देखा और हाथ में बने टैटू को देखकर पहचान की थी। इसी महीने 13 अप्रैल 2019 को चरवा थाना क्षेत्र के पक्सराई गांव स्थित एक खेत में महिला की लाश मिली। गला रेतकर हत्या की गई थी। मृतका की शिनाख्त नहीं हो सकी है। अनुमान यही है कि गैर जनपद की महिला है। शवों की पहचान पुलिस के लिए यहां खासी चुनौती है। कोई वैज्ञानिक प्रबंध नहीं है। साइबर सेल भी रस्म अदायगी के लिए ही है।
फलफूल रहा अवैध शराब का धंधा
जनपद में अवैध शराब का धंधा भी फल फूल रहा है। शराब माफिया को पुलिस का संरक्षण है। हाल ही में सैनी कोतवाली क्षेत्र के चक बख्तियार गांव के एक स्कूल में स्प्रिट से देशी शराब बनाई जाती मिली थी। इलाकाई पुलिस की नाकामी का आलम यह कि एसटीएफ प्रयागराज की टीम ने भंडाफोड़ किया जबकि कोतवाली से महज पांच किमी की दूरी पर यह फैक्ट्री संचालित थी। अनुमान है कि यहां चुनाव में खपाने के लिए शराब तैयार की जा रही थी।
जिले में बैंक तक महफूज नहीं
पुलिस का दावा है कि हर बैंक व प्रमुख चौराहे पर नियमित निगरानी होती है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। ताजा उदाहरण करारी के ङ्क्षपडरा चौराहा स्थित सेंट्रल बैंक आफ इंडिया की शाखा में चोरी का है। प्रयागराज की पुलिस ने यूको बैंक की शाखा में चोरी की घटना का राजफाश किया था। सैनी कोतवाली क्षेत्र के डोरमा स्थित ग्रामीण बैंक की शाखा में दिन दहाड़े लूट हुई। अनावारण करने में जिले की पुलिस को महीनों लग गए। चरवा के पहाड़पुर कोदन बाजार स्थित टाइनी शाखा में दिन दहाड़े लूट हुई पर आरोपित गिरफ्त से बाहर हैं। मंझनपुर के दो बाइक एजेंसियों में भी चोरी करते आरोपितों की सीसीटीवी फुटेज होने के बाद भी पुलिस की कवायद स्कैच जारी करने तक सीमित रही है। सिराथू स्थित एसबीआइ शाखा से साढ़े तीन लाख रुपये चोरी जाने का मामला भी ऐसा ही है।
बोले एसपी
एसपी कौशांबी प्रदीप गुप्ता कहते हैं कि जिले में अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस प्रयासरत है। लुटेरे व चोरों की धरपकड़ कर घटनाओं का अनावरण भी किया जाता है। सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए थाना व पुलिस चौकियां स्थापित हैं। डायल 100 पुलिस को भी चौकसी के लिए लगाया गया है। फरियादियों को न्याय दिलाने में लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई भी जाती है।
जिलाधिकारी ने कहा
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए जिलाबदर, गुंडा एक्ट व गैंगेस्टर की कार्रवाई की जाती है। संगठित अपराधों को रोकने के लिए एहतियातन भी कई कार्रवाई की जाती हैं। यदि किसी फरियादी को न्याय नहीं मिला और जानकारी हुई तो एसपी से बातचीत कर उसे इंसाफ दिलाने का पूरा प्रयास किया जाता है। लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई होती है।