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Lok Sabha Election 2019: बढ़ सकती हैं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें

Lok Sabha Election 2019. बिहार के सीएम नीतीश कुमार के आरोपों के बाद चौकस हुआ प्रशासन। कैद में लालू प्रसाद यादव के लिए जेल मैनुअल का सख्ती से पालन पर सरकार रेस हो गई है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 06:02 AM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2019 08:37 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019: बढ़ सकती हैं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें

रांची, राज्य ब्यूरो। Lok Sabha Election 2019 - चारा घोटाले के आरोपों में सजायाफ्ता राजद प्रमुख लालू प्रसाद की मुश्किलें और बढ़ेगी। उनके इर्दगिर्द सुरक्षा घेरा सख्त होगा ताकि जेल मैनुअल का उल्लंघन नहीं हो। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ताजा आरोपों के मद्देनजर प्रशासन उनकी सुरक्षा की नए सिरे से समीक्षा कर रहा है। ज्यादा जोर इस बात पर है कि कैद में इलाज करा रहे लालू प्रसाद की सुरक्षा में कोई ढिलाई नहीं की जाए। प्रशासन जेल मैनुअल का सख्ती से पालन कराए। बगैर जेल अधीक्षक की इजाजत के कोई भी उनसे मुलाकात नहीं कर पाए।

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बताते चलें कि नीतीश कुमार ने कैद के दौरान लालू प्रसाद की गतिविधियों पर सख्त आपत्ति दर्ज कराई है। माना जा रहा कि नीतीश की आपत्ति के बाद लालू के वार्ड में दो दिन छापेमारी की गई। फिलहाल लालू प्रसाद की सुरक्षा में झारखंड पुलिस के 40 जवान तैनात हैं। इनकी ड्यूटी दो शिफ्टों में होती है। इसके अलावा तीन अलग-अलग शिफ्ट में तीन असिस्टेंट सबइंस्पेक्टर रिम्स पेइंग वार्ड पर निगाह रखते हैं।

लालू प्रसाद की सुरक्षा में तैनात जवान और पुलिस पदाधिकारी ढ़ाई माह से तैनात हैं। नए सिरे से प्रतिनियुक्ति का आदेश मिलने के बाद रिम्स पेइंग वार्ड में मौजूदा पुलिस बल को हटाकर नई टुकड़ी को तैनात किया जाएगा। सुरक्षा के लिहाज से रोटेशन के आधार पर हरेक तीन माह में पुलिस बल को बदला जाता है।

विपक्षी महागठबंधन की रणनीति बनाई
रिम्स में इलाजरत राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने विपक्षी महागठबंधन पर अपने स्तर से खूब माथापच्ची की है। उनसे मिलने के लिए उनके दोनों पुत्र तेजस्वी यादव और तेज प्रताप लगातार रांची आते हैं। इसके अलावा विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं ने भी उनसे मुलाकात की है। टिकट की आस में कई लोग लगातार रिम्स पेइंग वार्ड के बाहर मजमा लगाते हैं। इनमें से ज्यादातर बिहार के होते हैं।

लालू के रहते राजद का सूपड़ा साफ
यह भी संयोग है कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद के रहते झारखंड में राजद का सूपड़ा साफ हो गया। कभी लालू प्रसाद की झारखंड में सिपहसालार रहीं अन्नपूर्णा देवी ने अपने समर्थकों संग भाजपा का दामन थाम लिया। अन्नपूर्णा राजद की प्रदेश अध्यक्ष थीं। उनका भाजपा में जाना लालू प्रसाद के लिए गहरा झटका है। झारखंड में विपक्षी महागठबंधन के सीट शेयङ्क्षरग फार्मूले के तहत राजद को एक सीट देने पर सहमति बनी है लेकिन राजद लगातार दो सीटों पर चुनाव लडऩे का दबाव बनाए हुए है। 


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