Move to Jagran APP

Election 2019: सैनिकों ने बनाया था छिवांग को लद्दाख का सांसद, उन्हें मनाने लेह जाएंगे राम माधव

सेना की लद्दाख स्काउट्स में शामिल होकर लद्दाख में चीन पाकिस्तान से लगती सीमाओं की रक्षा करने वाले लेह के सैनिकों ने भाजपा के थुप्स्तन छिवांग को वर्ष 2014 में सांसद बनाया था।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 21 Mar 2019 11:45 AM (IST)Updated: Thu, 21 Mar 2019 11:45 AM (IST)
Election 2019: सैनिकों ने बनाया था छिवांग को लद्दाख का सांसद, उन्हें मनाने लेह जाएंगे राम माधव
Election 2019: सैनिकों ने बनाया था छिवांग को लद्दाख का सांसद, उन्हें मनाने लेह जाएंगे राम माधव

जम्मू, राज्य ब्यूरो। लद्दाख की संसदीय सीट से फिर भाजपा के उम्मीदवार बनने के लिए राजी न हो रहे थुप्स्तन छिवांग को मनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव लेह आ सकते हैं। प्रदेश भाजपा ने नाराज होकर त्यागपत्र दे चुके अपने सांसद को मनाने के लिए बड़ी कोशिशें की हैं। ये कोशिशें कारगर साबित नहीं हो रही हैं। ऐसे हालात में प्रदेश भाजपा ने हाईकमान से सहायता मांगी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय महासचिव राम माधव से आग्रह किया गया है कि वह अपने व्यस्त शेडयूल से समय निकाल कर लद्दाख में भाजपा के पहले सांसद थुप्सतन छिवांग को चुनाव लड़ने के लिए स्वयं आकर राजी करें।

loksabha election banner

वर्ष 2014 में सैनिकों के वोट से सांसद बने थे छिवांग

सेना की लद्दाख स्काउट्स में शामिल होकर लद्दाख में चीन, पाकिस्तान से लगती सीमाओं की रक्षा करने वाले लेह के सैनिकों ने भाजपा के थुप्स्तन छिवांग को वर्ष 2014 में सांसद बनाया था। छिवांग सर्विस वोटों के कारण हारी हुई बाजी जीत गए। वर्ष 2014 के संसदीय चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र में कुल 1,28,931 मतदाताओं ने वोट डाले थे। मुकाबला कड़ी टक्कर वाला था। ऐसे में लेह में आधार रखने वाले छिवांग व कारगिल में आधार रखने वाले निर्दलीय गुलाम रजा बराबर बराबर चल रहे थे। गुलाम रजा को कारगिल में पैठ रखने वाले इस्लामिया स्कूल का समर्थन हासिल था। ऐसे में कारगिल जिले से भाजपा को बहुत कम वोट पड़े।

सर्विस वोटरों की बदौलत 36 वोटों से जीते थे

मतगणनना के दिन शाम को जो नतीजे आए उनमें छिवांग वोटाें के मुकाबले गुलाम रजा से पिछड़ गए थे। एक बार पहले भी लद्दाख के सांसद छिवांग के सामने हार थी। संसदीय सीट का निर्णय नही हुआ, क्याेंकि लेह के सैनिकों द्वारा पोस्टल बैलेट के जरिए डाले गए वोट गिनना बाकी था। बाद में जब पोस्टल वाेटों की गिनती हुई तो नतीजे पलट गए। सैनिकों के अधितर वोट छिवांग को मिले। सेना में कारगिल के सैनिकों के संख्या लेह के सैनिकों से काफी कम है। ऐसे में अधिकतर वोट छिवांग को मिलने से पासा पलट गया। वह रोमांचक मुकाबले में महज 36 वोटों के अंतर से लद्दाख की संसदीय सीट जीत गए। यह भाजपा के लिए भी इतिहास था क्योंकि पहली बार भाजपा ने लद्दाख की सीट जीती थी। भाजपा के थुप्स्तन छिवांग को पिछले संसदीय चुनाव में 31,111 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी निर्दलीय उम्मीदवार गुलाम रजा को 31,075 वोट मिले। ऐसे में भाजपा के उम्मीदवार ने यह संसदीय सीट महज 36 वोटों से जीत ली।

लद्दाख से अपने सांसद को फिर चुनाव में उतारने की हो रही कोशिशें

प्रदेश भाजपा ने जम्मू कश्मीर की छह संसदीय सीटों में से पांच के लिए उम्मीदवार तय कर लिए हैं लेकिन लद्दाख की संसदीय सीट के लिए अब तक फैसला नही किया गया है। पार्टी ने जम्मू पुंछ से जुबल किशोर शर्मा, उधमपुर डोडा से डा जितेन्द्र सिंह, श्रीनगर से खालिद जहांगीर, बारामूला से एमएम वार व अनंतनाग से सोफी यूसुफ को उम्मीदवार बनाने का निर्णय किया है। औपचारिक घोषणा होने का इंतजार कर रहे भाजपा के ये सभी नेता चुनाव प्रचार में जुटे गए हैं।

लद्दाख में भाजपा की चुनावी गति अभी धीमी

लद्दाख में चुनाव को लेकर भाजपा की गति अभी धीमी है। छिवांग लद्दाख को यूनियन टेरेटरी बनाने की मांग पूरी न होने को लेकर नाराज चल रहे हैं। हाल ही में उन्हें मनाने के लिए भाजपा की लेह हिल काउंसिल के चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसिलर जामियांग सीरिंग नाम्गयाल को जिम्मेवारी दी गई थी। सूत्रों के अनुसार कोशिशें की जाने के बाद भी कोई हल नही निकला है। ऐसे हालात में प्रदेश भाजपा ने इस संदर्भ में अब पार्टी हाईकमान से उम्मीदें लगाई हैं। छिवांग को न मानना लद्दाख में कांग्रेस के लिए फायदे का सौदा हो सकता है। खासी उम्मीद है कि कांग्रेस लेह के अपने दिग्गज रिगजिन जोरा को चुनाव में उतार सकती है। फिलहाल कांग्रेस यह देख रही है कि भाजपा क्या करती है। लद्दाख संसदीय सीट के लिए मतदान पांचवे चरण में छह मई को तय है। ऐसे में इन राजनीतिक दलों के पास अपने उम्मीदवार तय करने के लिए कुछ दिन का समय है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.