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Rajmahal, Jharkhand Election 2019: Shibu Soren के संताल में मोदी ठोक रहे ताल; हाल-ए-राजमहल

Jharkhand Lok Sabha Election 2019. संताल आदिवासी अभी तक शिबू सोरेन को अपना एकमात्र नेता मानते रहे हैं लेकिन इस बार पहली बार संताल मतों का व्यापक बिखराव दिख रहा है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 14 May 2019 07:26 AM (IST)Updated: Sun, 19 May 2019 12:44 PM (IST)
Rajmahal, Jharkhand Election 2019: Shibu Soren के संताल में मोदी ठोक रहे ताल; हाल-ए-राजमहल
Rajmahal, Jharkhand Election 2019: Shibu Soren के संताल में मोदी ठोक रहे ताल; हाल-ए-राजमहल

राजमहल से आशीष झा।  Jharkhand Lok Sabha Election 2019 - राजमहल लोकसभा क्षेत्र झारखंड मुक्ति मोर्चा का मजबूत इलाका रहा है और बगल में स्थित दुमका का असर तो इस इलाके में पड़ता ही है। दुमका यानी शिबू सोरेन का गढ़। संताल आदिवासी अभी तक शिबू को अपना एकमात्र नेता मानते रहे हैं लेकिन इस बार पहली बार संताल मतों का व्यापक बिखराव दिख रहा है।

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शहरी मतदाताओं के साथ-साथ संताली वोटरों का एक हिस्सा भाजपा उम्मीदवार हेमलाल मुर्मू के पक्ष में जाता दिख रहा है और यह कहीं न कहीं मोदी का प्रभाव है। लोग उनकी बातों के मतलब निकालने लगे हैं और इलाके में हुए कार्यों की सराहना कर रहे हैं। अभी कुछ दिनों पूर्व तक यह सराहना सिर्फ शहरी क्षेत्रों में थी जहां गैर आदिवासी (दीकू) मतदाताओं की संख्या अधिक है। यह तय हो गया है कि मोदी संताली मतदाताओं का एक हिस्सा भाजपा में ले जाने में सफल होंगे, अनुपात कितना होगा यह तय नहीं, अनुमान भी मुश्किल है। 

  • मुस्लिम मतदाताओं के बराबर संताल वोटर, संथालियों को प्रभावित करने में सफल दिख रहे नमो
  • छह विधानसभा क्षेत्रों में से चार झामुमो के कब्जे में, इस बार आंकड़ों पर माहौल को आंकना मुश्किल
  • शहरी क्षेत्रों में भाजपा झंडों की भरमार, गांवों में मुकाबले को रोचक बना रही झामुमो कार्यकर्ताओं की पैठ

भाजपा के जिलाध्यगक्ष पप्पू शाह हालांकि काफी आशान्वित हैं। कहते हैं, कम से कम 20 फीसद मतदाता भाजपा के पक्ष में आ गए हैं। गैर आदिवासियों का वोट पहले ही भाजपा को मिलता रहा है। उनकी बातों को पुख्ता करती है आसपास के ग्रामीण इलाकों के लोगों की प्रतिक्रियाएं। यहां से कोसों दूर सकरीगली रेलवे स्टेशन पर रामलाल और राहुल एक झोपड़ीनुमा दुकान में ईंट जोड़ते मिलते हैं। छत भले ही फूस, पुआल और बांस की हो, दुकान के लिए पक्का काउंटर बन रहा है। दोनों बताते हैं, मोदी ने घर दिया है, शौचालय, गैस और बहुत ऐसी चीजें जो कभी उम्मीद नहीं थी। दुकान मालिक सुनील उनकी बातों को पुष्ट करते हैं।

यहीं बसंत और रंजीत बताते हैं कि गांव में भाजपा को बेहतर वोट मिलने जा रहा है। मिले भी क्यों नहीं। इस गांव से ठीक पहले मुस्लिमों का गांव है जहां हर घर की छत पर झामुमो और कांग्रेस को झंडा आपको स्वत: बता दे रहा है कि ज्‍यादा पूछताछ करने की जरूरत नहीं है। पूछताछ में भी वही बातें सामने आती हैं जिसकी उम्मीाद थी। आगे संतालों का गांव है जहां माहौल अलग है। यहां तहकीकात करने पर झामुमो सांसद विजय हांसदा को बढ़त मिलती दिखती है लेकिन शिबू सोरेन को भगवान माननेवाल जमात अब मोदी को पहचानने लगी है। पिछले चुनाव में भले मोदी लहर थी, इधर पहचान का संकट था और यही कारण रहा कि पूरे झारखंड में संताल की दो सीटें विपक्ष बचा सका था। 

जमीन का मुद्दा गरम है
शहर में भी संताली आदिवासी अलग सोच रख रहे हैं। एक रेडिमेड शॉप में काम करनेवाले विनय सोरेन बताते हैं कि टीवी में देखे हैं, मोदी का बहुत काम हो रहा है देश में। देश का नाम रौशन कर रहा है फिर क्यों न हम उसका साथ दें। ठीक इसके विपरीत उन्हीं के साथी विनय सोरेन बताते हैं कि संताल के लोगों के मन में इस बात का भय है कि मोदी जीता तो हमारी जमीन छीन ली जाएगी।

गांवों में इस बात का खासा असर है और इसके आधार पर संतालियों को एकजुट करने में झामुमो लगा हुआ है। झामुमो के जिलाध्याक्ष शाहजाह अंसारी दावा करते हैं कि भाजपा शासन में जमीन की लूट की बात घर-घर पहुंच गई है। इस आधार पर हमें भाजपा को एक्सपोज करने में आसानी भी हो रही है। कांग्रेस और झारखंड विकास मोर्चा का साथ झामुमो उम्मीदवार को मिल रहा है लेकिन राजद का उतना अधिक असर नहीं दिखता। 

अनंत का साथ, ताला थोड़े छिटके
इस क्षेत्र में भाजपा के दो विधायक हैं अनंत ओझा और ताला मरांडी। राजमहल से लेकर साहिबगंज तक अनंत ओझा का असर है और यहां भाजपा उम्मीदवार को मजबूती मिलेगी। बोरियो में भाजपा विधायक ताला मरांडी का शुरू में उम्मीदवार को साथ नहीं मिल रहा था। बहुत आनाकानी के बाद ताला मरांडी बयानों से तो शांत हो गए हैं लेकिन उनके कार्यकर्ताओं का एग्रेसिव मूवमेंट भाजपा उम्मीदवार हेमलाल मुर्मू के पक्ष में नहीं दिख रहा है।

राजमहल लोकसभा क्षेत्र के बाकी चार विधानसभाओं बरहेट (हेमंत सोरेन, झामुमो), लिट्टीपाड़ा (साइमन मरांडी, झामुमो), महेशपुर (स्टीफन मरांडी, झामुमो) और पाकुड़ (आलमगीर आलम, कांग्रेस) में महागठबंधन का कंट्रोल है। चारों मिलकर बेहतर चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन बड़ी परेशानी है मतदाताओं को कन्वर्ट कराना।

वर्तमान सांसद विजय हांसदा

  • वर्तमान वोट बैंक को बचाए रखने के लिए ग्रामीणों को पार्टी और संगठन के माध्यम से संपर्क में रखना।
  • कांग्रेस और झाविमो के मतों को अपने हिस्से में कन्वर्ट करना। खासकर झाविमो के मतदाता पहुंच से दूर हैं।
  • मोदी के असर को कम करने के लिए महागठबंधन के अधिक से अधिक नेताओं को मैदान में उतारना होगा।
  • जमीन गंवाने का भय आदिवासियों में बना रहेगा तो फायदा होगा। इस प्रोपगंडा को बनाए रखना जरूरी।
  • साहेबगंज में गंगा पुल का शिलान्यास के बाद तीन साल तक काम न होना ऐसा मुद्दा है जिससे महागठबंधन को फायदा मिलता है।

भाजपा उम्मीदवार हेमलाल मुर्मू

  • मोदी की बातों को क्षेत्र में अधिक से अधिक प्रचारित करना ताकि इस फैक्टर का लाभ वोटों में बदल सके।
  • कार्यकर्ताओं को खुश रखना जरूरी, यह समझना गलत है कि कार्यकर्ता अपना पैसा लगाकर जीत सुनिश्चित करेंगे।
  • संताली मतदाताओं के बीच अधिक से अधिक प्रवेश हो, कार्यकर्ताओं को शहर से निकालकर गांव में लगाने की आवश्यकता
  • जिस वोट बैंक को महागठबंधन कन्वर्ट कराने में असफल है (खासकर झाविमो) उन्हें अपने पक्ष में करना।
  • बांग्लादेशी घुसपैठियों से पूरा देश परेशान है, इस मुद्दे को देशहित में भाजपा को जिंदा रखना चाहिए ताकि राष्ट्रवाद के नाम पर लोग एक हों।

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