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आतंक के काले दौर में आतंकवाद से सर्वाधिक प्रभावित रहा है खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र

खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र आतंक के काले दौर में आतंकवाद से सर्वाधिक प्रभावित रहा। बॉर्डर से सटा होने के कारण यह क्षेत्र भारत-पाक युद्धों का भी गवाह रहा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 11 Mar 2019 04:52 PM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2019 02:24 PM (IST)
आतंक के काले दौर में आतंकवाद से सर्वाधिक प्रभावित रहा है खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र
आतंक के काले दौर में आतंकवाद से सर्वाधिक प्रभावित रहा है खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र

जेएनएन, तरनतारन। खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र की पहचान गुरुद्वारा श्री खडूर साहिब से है। श्री गुरुनानक देव जी अपनी यात्राओं के दौरान पांच बार यहां आए। पहले इस लोकसभा हलके का नाम तरनतारन था। आतंक के काले दौर में यह क्षेत्र आतंकवाद से सर्वाधिक प्रभावित रहा। बॉर्डर से सटा होने के कारण यह क्षेत्र भारत-पाक युद्धों का भी गवाह रहा है। यहां लोग शिअद और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को परखते रहे हैं।

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1952 से 1962 तक कांग्रेस के सुरजीत सिंह मजीठिया ने यहां से जीत दर्ज की थी। 1992 में शिअद ने चुनाव का बायकॉट किया था। 2009 से यहां शिअद का कब्जा है। 2014 के चुनाव में इस हलके से शिअद के रणजीत सिंह ब्रह्मïपुरा सांसद बने। इंडस्ट्री न होने के कारण बेरोजगारी काफी है। ज्यादातर लोग कृषि व्यवसाय से जुड़े हैं।

विधानसभा हलकों में किसका दबदबा

  1. तरनतारन- कांग्रेस
  2. खडूर साहिब- कांग्रेस
  3. पट्टी- कांग्रेस
  4. खेमकरण- कांग्रेस
  5. बाबा बकाला- कांग्रेस
  6. जंडियाला गुरु- कांग्रेस
  7. सुल्तानपुर लोधी- कांग्रेस
  8. कपूरथला- कांग्रेस
  9. जीरा- कांग्रेस

डेमोग्राफी

  • कुल वोटर्स: 7,70,096
  • पुरुष वोटर्स: 4,04,630
  • महिला वोटर्स: 3,65,442

पांच साल में बड़ी घटना

अगस्त 2018 में श्री गोइंदवाल साहिब में हुई गैंगवार चार युवकों की मौत।

विकास का हाल

विकास के लिहाज से यह इलाका बहुत पिछड़ा हुआ है। गोइंदवाल साहिब में लगा थर्मल प्लांट भी बेरोजगारी दूर नहीं हो पाई है।

स्थानीय मुद्दे

  • 2011 से बंद पड़ी चीनी मिल।
  • क्षेत्र में बेतहर स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव।
  • सीमावर्ती क्षेत्र के किसानों की खराब हालत।
  • दरिया ब्यास से हर साल तबाही।

खडूर साहिब हलके में बढ़े 41537 वोटर

महासमर 2019 का चुनावी बिगुल बच चुका है। सभी सियासी पार्टिया अपने मजबूत दावेदारों की सर्कीनिंग कर रही है। 16 लोक सभा के मुकाबले इस बार लोक सभा हलका खडूर साहिब में 41537 वोटरों का इजाफा हुआ है। इनमें से अधिकतम वोटर 18 से 25 वर्ष के हैं। 17वीं लोकसभा के लिए होने वाले चुनाव में युवाओं की अहिम भूमिका रहेगी।

कुल 9 विधान सभा हलको में से सबसे अधिक वोटर विस हलका खेमकरण व सबसे कम वोटर कपूरथला हलके में है। माझा, मालवा व दोआबा पर आधारित लोकसभा हलका खडूर साहिब में कुल 4 जिले आते हैं। जिला तरनतारन की 4 विस सीटें, जिला अमृतसर की 2, जिला कपूरथला की 2 व जिला फिरोजपुर की 1 विस सीट उक्त लोक सभा क्षेत्र में आती है।

कहां कितने वोटर
 

  1. जंडियाला गुरु (रिजर्व) हलके में कुल वोटर 170285 थे। जो अब बढ़कर 171756 हो गए है। इनमें से 91414 पुरुष, 80340 महिलाएं, दो अन्य है।
  2. तरनतारन हलके में पहले 176503 वोटर थे। जो अब 186000 तक पहुंच गए है। इनमें से 97511 पुरुष, 88485 महिलाएं व 4 अन्य है।
  3. खेमकरण में पहले 195542 वोटर थे, जबकि अब यहां 199007 हो चुके हैं। इनमें से 104478 पुरुष, 94523 महिलाएं जबकि 6 अन्य है।
  4. हलका पट्टी में पहले 187409 वोटर थे, जो अब 190770 हो गए है। इनमें से 99867 पुरुष, 90896 महिलाएं व 7 अन्य है।
  5. हलका खडूर साहिब में 5 वर्ष पहले 187161 वोटर थे जो अब बढ़कर 194319 हो गए है। इनमें से 102774 पुरुष, 91538 महिलाएं व 7 अन्य है।
  6. बाबा बकाला (रिजर्व) हलके में पहले 184398 वोटर थे, जो अब 187358 तक पहुंच चुके है। इनमें से 97967 पुरुष, 89380 महिलाएं व 11 अन्य है।
  7. कपूरथला में पहले 139588 वोटर थे जो अब 141840 हो चुके है। इनमें से 74196 पुरुष, 67623 महिलाएं व 21 अन्य है।
  8. सुलतानपुर लोधी हलके में पहले 136938 वोटर थे जो अब बढ़कर 143076 हुए हैं। इनमें से 75842 पुरुष, 67230 महिलाएं व 4 अन्य शामिल है।
  9. हलका जीरा में पहले 176234 वोटर थे। जो अब 181469 तक पहुंच गए है। इनमें से 95942 पुरुष, 85522 महिलाएं व 5 अन्य शामिल हैं।

कुल 9 हलकों में 1595595 वोटर

कुल 9 विधान सभा हलको में 1595595 वोटर हैं। इनमें से 839973 पुरुष, 955537 महिलाएं व 67 अन्य (किन्नर) वोटर हैं। हालांकि पिछले विधान सभा के चुनाव मौके उक्त 9 हलको में किन्नर महिलाओं द्वारा वोट का प्रयोग नहीं किया गया था।

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