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Lok Sabha Election2019: ट्रेन के सफर में सियासत हमसफर, पल पल में बन बिगड़ रही सरकार

जागरण की इलेक्शन एक्सप्रेस कवरेज में जानी मतदाताओं की मंशा। मथुरा से आगरा तक श्री धाम एक्‍सप्रेस में चुनावी चर्चाओं का जाना हाल।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 12:24 PM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 12:24 PM (IST)
Lok Sabha Election2019: ट्रेन के सफर में सियासत हमसफर, पल पल में बन बिगड़ रही सरकार
Lok Sabha Election2019: ट्रेन के सफर में सियासत हमसफर, पल पल में बन बिगड़ रही सरकार

आगरा, संजय रुस्तगी। जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है। शहर-कस्बों के माहौल में सियासत का रंग तीखा होता जा रहा है। तिराहे- चौराहे पर पल- पल कभी किसी की सरकार बन रही है तो कभी किसी और की। चुनावी चर्चा बस स्टैण्ड से लेकर रेलवे स्टेशन तक पहुंच गई है। स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्री हों या ट्रेन में सवार होकर गन्तव्य स्टेशन तक का सफर। वक्त मिलते ही सियासत पर खुली चर्चा शुरू हो जाती है। कौन सांसद बन रहा? सरकार किसकी बन रही? किसकी जमानत जब्त होगी? हरेक मुद्दे पर खुलकर चर्चा होती है। इलेक्शन एक्सप्रेस की टीम ने मथुरा से आगरा तक श्री धाम एक्सप्रेस में सफर कर चुनावी चर्चाओं को जाना।

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वक्त दोपहर बाद करीब चार बजे। कान्हा की नगरी मथुरा के स्टेशन पर पूछताछ काउंटर से पता चला कि श्रीधाम एक्सप्रेस में अभी 10 मिनट का इंतजार करना पड़ेगा। प्लेटफार्म पर जगह-जगह यात्रियों का जमघट है, इनमें कोई श्रद्धालु है तो कोई दैनिक यात्री। कहीं चर्चा मथुरा से भाजपा प्रत्याशी ड्रीम गर्ल हेमामालिनी के जीतने को लेकर है तो कहीं केंद्र में सरकार बनने पर। इसी बीच ट्रेन आने की उद्घोषणा होने लगती है और रिटायर होने की दहलीज पर खड़े एक नौकरीपेशा सभी को धकियाते हुए आगे बढ़ते हैं। 'यार अब बंद करो चर्चा, नहीं तो सीट भी नहीं मिलेगी।

प्लेटफार्म पर खड़े यात्री तेज कदमों से आगे की ओर बढऩे लगे। ये जिद्दोजहद जनरल डिब्बे में एक सीट हासिल करने की थी। ट्रेन रुकी और लगभग दो डिब्बों में समाने वाले यात्री धक्कामुक्की के बीच इस एक डिब्बे में ही समा गए। दो मिनट के स्टॉपेज के बाद ट्रेन ने रफ्ता-रफ्ता रफ्तार पकड़ी। मथुरा से बाहर निकलने तक सवारियां खुद को सेट कर चुकी थीं। किसी को सीट मिली तो कोई फर्श पर ही बैठ गया।

'क्या मजाक है भाई टिकट का पूरा पैसा दो फिर भी सीट नहीं मिलती।' गुरुग्राम के सतेंद्र की इस बात ने मानो ट्रेन के डिब्बे में हाथों में सामान दबाकर खड़े तमाम लोगों के दर्द को आवाज दे दी है। 'किराया भी इतना बढ़ा दिया और कोई सुविधा भी नहीं दी, कम से कम ट्रेन में डिब्बों की संख्या तो बढ़ाई जानी चाहिए।' आगरा के धर्मेंद्र के सुझाव का लोग समर्थन कर ही रहे थे कि इसी बीच ऊपर की सीट से आवाज आई, 'सुविधाएं क्यों नहीं बढ़ीं, क्या पहले आपने ट्रेन के डिब्बों में इतनी सफाई देखी है, जनरल डिब्बों में बैठना भी मुश्किल होता था। अब कम से कम सफाई तो दिखती है।' मध्यप्रदेश के सागर जिला निवासी राजेश के इस तर्क का भी लोगों के पास समर्थन करने के सिवाए कोई जवाब न था। ट्रेन फरह पार कर चुकी थी। हालांकि लगभग 30 फीसद सवारियों को ही सीट मिली। कोई भी सरकार आ जाए सब एक जैसी हैं, कोई बदलाव तो नजर नहीं आता। आगरा निवासी ज्‍योति की बात पूरी होती, उससे पहले ही उनके सामने जमीन पर अपने सामान की बोरी पर बैठे सागर जिला निवासी दिनेश राठौर बोल पड़े क्यों बदलाव क्यों नहीं आया। इन पांच वर्षों में जितना बदलाव दिखा उतना पहले कभी नहीं। दिनेश के सुर में सुर मिलाते हुए राजस्थान के धौलपुर निवासी रविंद्र बोल पड़े, पहले हमारे सैनिक सीमा पर मरते थे और अब घर में घुसकर मारते हैं। समर्थन मिलता देख दिनेश जोश से भर गए बोले, नोटबंदी से भ्रष्टाचार कम हुआ, कालेधन पर लगाम लगी है। ज्‍योति बोली, 'जीएसटी की वजह से महंगाई बहुत बढ़ गई है, ना सड़कें बनीं और न ही कोई विकास हुआ है।'

'हां, कोई विकास नहीं हुआ, युवाओं को रोजगार नहीं मिला, पीएम पकौड़ा तलवा रहे हैं, लोगों को चौकीदार बना रहे हैं' काफी देर से लोगों की बात ध्यान से सुन रही आकांक्षा भी चर्चा में शामिल हो गईं। आकांक्षा की बात का जवाब देते हुए दिनेश फिर बोले, पकौड़ा तलना खराब होता है क्या, चौकीदार बनने में क्या खराबी है। रोजी रोटी के लिए मैं भी गुरुग्राम के एक स्कूल में चौकीदारी करता हूं, पीएम ने जबसे खुद को चौकीदार बताया ऐसा लगा मुझे सम्मान दिया। इस सरकार ने महिलाओं को सम्मान दिया, गांव-गांव में शौचालय बनवाए, उच्ज्वला के जरिए लाखों घरों में गरीबों तक सिलिंडर पहुंचाए, घर घर में बिजली पहुंचाई, गरीबों के मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान भारत शुरू किया। इसी बीच मूंगफली गरमागरम मूंगफली की आवाज लगाते कल्लू आया। उसे देख सभी की त्यौरियां चढ़ गईं, गुस्से भरे चेहरे से बीच उसे निकलने की जगह दी और फिर मशगूल हो गए चर्चाओं में।

दिल्ली में सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे कानपुर निवासी अंकित भी गरम होती चर्चा के बीच अपनी बात रखने लगे, अब पूरी दुनिया भारत का लोहा मानने लगी है, एयर स्ट्राइक पर दुनिया ने भारत का समर्थन किया है। हमारी विदेश नीति पहले से कहीं बेहतर हुई है। ट्रेन की एक सीट को लेकर शुरू हुई चर्चा अपने तर्कों से सियासत को आईना दिखा रही थी।

ट्रेन मंजिल की ओर बढ़ रही थी और इसी बीच ट्रेन में कुछ उत्साही युवाओं ने 'मोदी है तो मुमकिन है' के नारे लगाने शुरू कर दिए। ऊपर की सीट पर बैठे धर्मेंद्र बोले, भैया राजामंडी स्टेशन आ गया क्या, जवाब मिला, हां कैंट स्टेशन पहुंचने वाले हैं। ठीक 5:30 बजे ट्रेन आगरा कैंट स्टेशन पर पहुंचती है। प्लेटफार्म पर सवारियां तेजी से आगे बढ़ रही थीं, जनरल डिब्बे में उसी एक सीट के लिए ...और फिर आपाधापी शुरू हो जाती है। 


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