शर्मनाक बयानबाजी के चलते आजम खां के खिलाफ 13 दिनों में दर्ज हो चुके हैं 8 मुकदमे
आजम खां के खिलाफ 13 दिन में नौ मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। एक बार फिर से चुनाव में सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां आउट ऑफ कंट्रोल हो गए हैं।
रामपुर, जेएनएन । आजम खां के खिलाफ 13 दिन में नौ मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। एक बार फिर से चुनाव में सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां आउट ऑफ कंट्रोल हो गए हैं। उनके बोल दिन प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं। वह अपनी जनसभाओं में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर प्रत्याशी और जिले के अधिकारियों तक को अपशब्द कहने से नहीं चूक रहे हैं। उनके हर बोल पर चुनाव आयोग का चाबुक भी चल रहा है। यही वजह है कि 13 दिन में आजम के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में नौ मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।
आठ मुकदमे बयानों को लेकर है
आठ मुकदमे आपत्तिजनक बयानों को लेकर हुए हैं, जबकि एक मुकदमा अनुमति से अधिक देर तक रोड शो निकालने का है। इतने मुकदमे दर्ज होने के बाद विरोधी दल अब उनके चुनाव लडऩे पर रोक लगाने या फिर उनके भाषणों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने लगे हैं। गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में भी चुनाव के समय आजम खां द्वारा भड़काऊ और आपत्तिजनक बयानबाजी करने पर सात मुकदमे हुए थे। चुनाव आयोग ने उनके भाषण देने पर रोक लगाई थी।
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कब-कब दर्ज हुए मुकदमे
दो अप्रैल
शहर कोतवाली में पहला मुकदमा दर्ज हुआ। यह मुकदमा कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष फैसल खां लाला की शिकायत पर हुआ। इसमें आरोप है कि सपा नेता 29 मार्च को सपा कार्यालय पर भाषण दिया था, जिसमें वह जनता को जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी सदर और नगर मजिस्ट्रेट के खिलाफ भड़का रहे थे। भाषण में वह बोल रहे थे कि इन चारों अधिकारियों को रामपुर का माहौल खराब करने के लिए भेजा गया है। ये अधिकारी रामपुर को खून से नहाना चाहते हैं।
चार अप्रैल
स्वार कोतवाली क्षेत्र में अनुमति से अधिक देर तक रोड शो निकालने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया।
आठ अप्रैल
टांडा थाना क्षेत्र जनता राइस मिल मैदान में हुई जनसभा में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और प्रशासनिक अफसरों के खिलाफ आपत्तिजनक भाषण देने पर मुकदमा दर्ज किया गया। इस जनसभा में आजम ने कहा था कि संवैधानिक कुर्सियों पर बैठे लोग मुजरिम हैं। एक दिन के सजा याफ्ता कल्याण सिंह को गर्वनर बना दिया। इसके अलावा प्रधानमंत्री को मुसलमानों का कातिल और धर्म का ठेकेदार कहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अमर्यादित टिप्पणी करते हुए नीच शब्द का इस्तेमाल किया।
नौ अप्रैल
शाहबाद कोतवाली क्षेत्र के सैफनी कसबे में हुई जनसभा में संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों और अधिकारियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर मुकदमा हुआ। अपने भाषण में आजम खां ने कहा था कि यह चुनाव बहुत खतरनाक है। रामपुर के अधिकारी मुझे हराना चाहते हैं। मेरी हत्या कराने के लिए आए हैं। मुझे मारने के लिए मोदी सरकार, योगी सरकार, रामपुर का सारा प्रशासन साजिश रच रहा है।
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10 अप्रैल
थाना शहजादनगर क्षेत्र के धमोरा में जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर मुकदमा दर्ज किया गया।
10 अप्रैल
बिलासपुर कोतवाली क्षेत्र के टांडा हुरमतनगर गांव में हुई जनसभा में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर मुकदमा दर्ज किया गया। इस सभा में आजम ने कहा था कि मोदी जी ने हिंदु-मुसलमानों के बीच दीवार खड़ी की है। उत्तर प्रदेश की कुर्सी पर एक ऐसा शख्स बैठा है, जो 302 का मुजरिम है। यादव कांस्टेबिल का हत्यारा है।
10 अप्रैल
मिलक कोतवाली क्षेत्र के ग्राम खाता नगरिया में जनसभा में भड़काऊ भाषण देने पर मुकदमा दर्ज हुआ। आरोप है कि इस भाषण में आजम ने जाति-धर्म की बात की। संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों और अधिकारियों के खिलाफ अमर्यादित टिप्प्पणी की थी।
13 अप्रैल
खजुरिया थाना क्षेत्र के अहरो गांव में जनसभा में जिलाधिकारी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर खजुरिया थाने में मुकदमा दर्ज किया गया।
14 अप्रैल
शाहबाद कोतवाली में भाजपा प्रत्याशी एवं फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर मुकदमा। आरोप है कि एक दिन पहले शाहबाद में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी में आजम खां ने जयाप्रदा के लिए कहा था कि वह जो अंडरवियर पहनती हैं, वह खाकी रंग का है।