भाजपा में शामिल होने की दिन भर चली अटकलें तो जितिन ने कहा काल्पिनक
जितिन प्रसाद ने खुद सामने आकर सारा कुछ साफ कर दिया। हालांकि इससे जुड़े सवालों पर उन्होंने कोई सीधा जवाब तो नहीं दिया बल्कि कहा कि ऐसे काल्पनिक सवालों का उनके पास कोई जवाब नहीं है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनावी मौसम में नेताओं का एक दल से दूसरे दल में जाने की अटकलें वैसे तो आम बात होती है, लेकिन बात यदि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को लेकर हो, तो यह थोड़ी चौंकाने वाली जरूर होती है। शुक्रवार को कुछ ऐसा ही हुआ। सुबह अचानक उनके भाजपा में शामिल होने की खबर तेजी से फैली। इसके बाद तो सियासी सरगर्मी बढ़ गई है।
मामला उत्तर प्रदेश की सियासी जमीन से जुड़ा था, ऐसे में अटकलों ने जोर पकड़ा। लेकिन शाम होते-होते जितिन प्रसाद ने खुद सामने आकर सारा कुछ साफ कर दिया। हालांकि इससे जुड़े सवालों पर उन्होंने कोई सीधा जवाब तो नहीं दिया, बल्कि कहा कि ऐसे काल्पनिक सवालों का उनके पास कोई जवाब नहीं है। उनका सीधा इशारा भाजपा में उनके शामिल होने की लगाई जा रही अटकलों के गलत होने को लेकर था। इसे बाद कांग्रेस पार्टी ने भी इन अटकलों को पूरी तरह से खारिज किया और कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है।
हालांकि इन अफवाहों के बीच कांग्रेस सक्रिय दिखी। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जितिन से मुलाकात की। माना जा रहा है कि सिंधिया ने उन्हें समझाया है। साथ ही उन्हें पसंद वाली सीट से ही टिकट मिलने का भरोसा दिया गया होगा। जितिन प्रसाद की उत्तर प्रदेश की धौरहरा लोकसभा सीट से उम्मीदवारी का कांग्रेस पहले ही ऐलान कर चुकी है।
जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने की खबर से कांग्रेस के भीतर भी काफी हलचल थी, क्योंकि उनकी गिनती कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी लोगों में होती है। पिछली सरकार में वह अहम पदों पर भी रहे। लेकिन हाल ही में पार्टी ने जिस तरीके उत्तर प्रदेश में सक्रियता दिखाई है, उनमें जितिन को बहुत अधिक सक्रिय भूमिका नहीं दी गई है। माना जा रहा है कि वह इस वजह से भी पार्टी से नाराज चल रहे हंै। जितिन पर भाजपा के डोरे डालने की खबरों के बाद कांग्रेस नेतृत्व अपने प्रमुख नेताओं को लेकर सतर्क हो गया है और संकेत हैं कि उनकी बातों या शिकायतों पर ज्यादा संजीदगी से गौर किया जाएगा।