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Lok Sabha Elections 2019: वसुंधरा राजे के गढ़ झालावाड़-बारां में अफीम के पट्टे और राष्ट्रवाद ही मुद्दा

vasundhara raje. राजस्थान में वसुंधरा राजे के गढ़ झालावाड़-बारां में अफीम के पट्टे और राष्ट्रवाद ही मुद्दा है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 06:09 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 06:09 PM (IST)
Lok Sabha Elections 2019: वसुंधरा राजे के गढ़ झालावाड़-बारां में अफीम के पट्टे और राष्ट्रवाद ही मुद्दा
Lok Sabha Elections 2019: वसुंधरा राजे के गढ़ झालावाड़-बारां में अफीम के पट्टे और राष्ट्रवाद ही मुद्दा

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। मध्य प्रदेश सीमा से सटे राजस्थान के झालावाड़-बारां संसदीय क्षेत्र में अफीम के किसानों के पट्टों के साथ ही राष्ट्रवाद मुख्य मुद्दा है। सहरिया बहुल इस इलाके में ना तो प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार द्वारा की गई किसान कर्ज माफी की चर्चा है और ना ही राहुल गांधी की न्याय योजना के बारे में किसी को जानकारी है। यहां के मतदाताओं के बीच सिर्फ राष्ट्रवाद, पीएम नरेंद्र मोदी और वसुंधरा राजे ही मुद्दा है। करीब तीन दशक से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के राजनीतिक कार्यक्षेत्र झालावाड़-बांरा में स्थानीय मुद्दों के नाम पर अफीम के किसानों के पट्टों की चर्चा है। इस क्षेत्र के किसान अफीम की खेती करते हैं।

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पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के कार्यकाल में अफीम के पट्टों में कटौती की गई थी, जिससे किसान काफी नाराज थे। हालांकि मोदी सरकार बनते ही वसुंधरा राजे ने अफीम के किसानों की समस्या का समाधान करने के साथ ही सहरियाओं के लिए कुछ योजनाएं भी प्रारंभ की, जिसके चलते लोगों में भाजपा के प्रति झुकाव नजर आता है। यहां के किसान अफीम के पट्टों को लेकर की गई मदद के लिए मोदी सरकार और वसुंधरा राजे का आभार मानते हैं। वसुंधरा राजे लगातार पांच बार यहां से सांसद रही और अब विधायक हैं।

वसुंधरा राजे बेटे के लिए मांग रहीं वोट

यहां से भाजपा के टिकट पर वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह चौथी बार चुनाव मैदान में उतरे हैं, वहीं कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले प्रमोद शर्मा को टिकट दिया है। प्रमोद शर्मा को बाहरी बताते हुए क्षेत्र के कांग्रेसी उनके चुनाव अभियान में सहयोग नहीं कर रहे हैं। वहीं, दुष्यंत सिंह के चुनाव अभियान की कमान खुद वसुंधरा राजे ने संभाल रखी है। वसुंधरा राजे चार दिन से झालावाड़-बांरा का दौरा कर रही हैं। गांवों में जाकर अपने बेटे के लिए वोट मांग रही हैं। भाजपा के कार्यकर्ता भी एकजुट हैं। आजादी के बाद यह सीट सिर्फ झालावाड़ थी, लेकिन 2008 के परिसीमन में झालावाड़ जिले की चार और बारां जिले की चार विधानसभा सीटों को मिलाकर झालावाड़ा-बारां संसदीय क्षेत्र का गठन किया गया।

यहां अब तक हुए कुल 16 लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा भाजपा ने आठ बार जीत दर्ज की है। वहीं, कांग्रेस ने चार, जनसंघ ने दो बार, भारतीय लोकदल ने एक बार और जनता पार्टी ने एक बार इस सीट पर कब्जा जमाया है। इस क्षेत्र में 27,34,085 मतदाता है। इसमें से 17.65 फीसद एससी और 17.43 फीसद एसटी है। इस क्षेत्र में गुर्जर मतदाताओं का भी खासा प्रभाव है। शहरी क्षेत्र में मुस्लिम और वैश्य मतदाताओं की आबादी है। झालावाड़ जिला मध्य प्रदेश के शिवपुरी, नीमच और गुना के निकट होने के कारण वहां की राजनीतिक हवा का असर भी यहां नजर आता है। 


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