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लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में प. बंगाल की इन सीटों पर अल्पसंख्यक मतदाता निर्णायक भूमिका में

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में बंगाल की पांच से चार सीटों पर अल्पसंख्यक मतदाता स्पष्ट रूप से निर्णायक भूमिका में हैं

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 01:39 PM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 01:42 PM (IST)
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में प. बंगाल की इन सीटों पर अल्पसंख्यक मतदाता निर्णायक भूमिका में
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में प. बंगाल की इन सीटों पर अल्पसंख्यक मतदाता निर्णायक भूमिका में

कोलकाता, जेएनएन। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में बंगाल की पांच से चार सीटों पर अल्पसंख्यक मतदाता स्पष्ट रूप से निर्णायक भूमिका में हैं, जबकि बालुरघाट सीट पर भी उनका मत जीत हार का अंतर बन सकता है। पांचों सीट पर तृणमूल, भाजपा, कांग्रेस, वाममोर्चा व अन्य दलों व निर्दलीय समेत कुल 61 प्रत्याशियों में से 11 प्रत्याशी करोड़पति हैं।

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सत्ताधारी दल तृणमूल के लिए पांचों सीट आसान नहीं रही है। 2014 में जीती बालुरघाट सीट को छोड़ कोई सीट टीएमसी के पास नहीं है। कांग्रेसी दिग्गज एबीए गनीखान चौधरी का गढ़ रहा मालदा 2008 में दो लोकसभा सीट उत्तर मालदा व दक्षिण मालदा में विभक्त हुआ। उत्तर मालदा से एबीए की भांजी मौसम नूर व दक्षिण से उनके भाई अबू हासेम खान चौधरी कांग्रेस के सांसद चुने गए थे। लेकिन इस बार मौसम नूर ने पाला बदल लिया है। वह मालदा उत्तर से तृणमूल की प्रत्याशी हैं।

इधर कांग्रेस की पारंपरिक सीट जंगीपुर से पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। वह यहां के वर्तमान सांसद भी है।


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