LokSabha Elections 2019 : पर्चे खारिज होने से गरमाई राजनीति, सुनील सिंह ने दी थाने में तहरीर
गोरखपुर और बांसगांव संसदीय क्षेत्र के कई प्रत्याशियों के पर्चे खारिज होने के बाद राजनीति गरमा गई है। प्रत्याशियों ने प्रशासन पर कई आरोप लगाए हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर और बांसगांव संसदीय क्षेत्र के कई प्रत्याशियों के पर्चे खारिज होने के बाद राजनीति गरमा गई है। प्रत्याशियों ने प्रशासन पर कई आरोप लगाए हैं। गोरखपुर संसदीय सीट से हिंदुस्तान निर्माण दल के प्रत्याशी सुनील सिंह ने पर्चा खारिज होने के बाद निर्वाचन अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कैंट थाने में तहरीर दी है। उनका कहना था कि उन्होंने दो सेट में नामांकन पत्र दाखिल किया था। एक सेट के बारे में अधिकारियों का कहना था कि शपथपत्र के पन्ने पर दस्तखत नहीं किया गया था, जबकि दूसरे सेट में सभी पन्नों पर दस्तखत किए गए थे।
इसके बावजूद अधिकारियों ने उस सेट का संज्ञान नहीं लिया। इस बारे में पूछने पर जिला निर्वाचन अधिकारी व रिटर्निंग अफसर के. विजयेंद्र पाण्डियन ने बताया कि अपराध और संपत्ति से जुड़े फार्म में सही जानकारी न देने की वजह से उनका पर्चा खारिज किया गया है। सुनील सिंह ने आयोग के साथ-साथ न्यायाल में भी शिकायत करने की बात कही है।
आयोग से शिकायत
उधर, खुद को कांग्रेस इंटक के राष्ट्रीय सचिव बताने वाले कुशीनगर निवासी संतोष कुमार मणि त्रिपाठी ने आयोग में भेजी शिकायत में आरोप लगाया है कि भाजपा प्रत्याशी रवि किशन ने अपने नामांकन पत्र में कई गलत सूचनाएं दी हैं। जौनपुर से 2014 में जब वह लोकसभा चुनाव लड़े थे तो उन्होंने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक बताई थी जबकि गोरखपुर में 2019 के चुनाव में दाखिल नामांकन पत्र में खुद को इंटर पास दर्शाया है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। आयोग से निर्देश मिलने पर आगे की जांच की जाएगी।
गोरखपुर संसदीय सीट से इनके पर्चे खारिज
सुनील कुमार - हिन्दुस्तान निर्माण दल
अरुण कुमार श्रीवास्तव - पीस पाटी
वीरेंद्र - मूल निवास समाज पार्टी
गीता- भारत प्रभात पार्टी
राजबहादुर- भारतीय शक्ति चेतना
मुनीब- भारतीय एकलव्य पार्टी
अवधेश- बहुजन मुक्ति मोर्चा
कौशल्या देवी- अपना दल यूनाइटेड
शैलेंद्र कुमार- राष्ट्रीय परिवर्तन दल
सुशील कुमार- अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी
नाम प्रकाश श्रीवास्तव - जनविकास पार्टी सेक्यूलर
राधेश्याम सेहरा- निर्दल
नवल किशोर नाथानी- निर्दल
अच्छे लाल - निर्दल
शैलेष कुमार- निर्दल
अशोक- निर्दल
अरुण कुमार- निर्दल
रामकिशुन - निर्दल
रामयश- निर्दल
त्रिपुरेश- निर्दल
राकेश कुमार श्रीवास्तव- निर्दल
बांसगांव से इनका पर्चा खारिज
कुश सौरभ राव कांग्रेस
सुरेश सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी
राकेश साहनी बहुजन मुक्ति पार्टी
शालिग्राम हिंदुस्तान जनमोर्चा
रामवृक्ष भारतीय सर्वजन पार्टी
राकेश कुमार निर्दल
फेकू प्रसाद निर्दल
गोरखपुर संसदीय सीट से ये बचे मैदान में
रवि किशन शुक्ला, भारतीय जनता पार्टी
रामभुआल निषाद, समाजवादी पार्टी
मधुसूदन त्रिपाठी, कांग्रेस
डॉ आशीष कुमार सिंह, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
सुभाष दूबे, सोशलिस्ट पार्टी आफ इंडिया
श्याम नारायण यादव, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी
अभिषेक चंद ,सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी
जयप्रकाश मिश्र, राष्ट्रवादी पार्टी आफ इंडिया
जितेंद्र, ज्वाला दल
अवधेश कुमार सिंह, शाने हिन्द फोरम
बांसगांव सीट पर मैदान में
कमलेश पासवान, भारतीय जनता पार्टी
सदल प्रसाद, बहुजन समाज पार्टी
सुरेंद्र प्रसाद, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी
लालचंद प्रसाद, नेशनलिस्ट जनशक्ति पार्टी
नो-ड्यूज में फेर में फंस गए कांग्रेस के कुश सौरभ
सातवें चरण में मतदान के लिए दाखिल नामांकन पत्रों में 28 प्रत्याशियों का नामांकन पत्र खारिज होते ही मंगलवार को हलचल मच गई। बांसगांव से कांग्रेस प्रत्याशी कुश सौरभ को जहां अदेयता प्रमाणपत्र न दे पाना भारी पड़ गया। वहीं हिंदुस्तान निर्माण दल के सुनील सिंह के नामांकन पत्र में संपत्ति और अपराध का ब्योरा सही नहीं था। इसके अलावा अन्य प्रत्याशियों के नामांकन पत्र में अलग-अलग तरह की गड़बड़ी होने को आधार बनाते हुए नामांकन पत्र खारिज किया गया है। गोरखपुर और बांसगांव लोकसभा सीट पर 19 मई को होने वाले मतदान के लिए 22 से 29 अप्रैल तक नामांकन प्रक्रिया चली। इस दौरान गोरखपुर से 31 जबकि बांसगांव से 11 लोगों ने पर्चा भरा था। जिला निर्वाचन अधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन और बांसगांव के रिटर्निंग अफसर अमित सिंह बंसल की निगरानी में निर्वाचन कार्य से जुड़े अधिकारियों ने मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच शुरू की।
देर शाम तक चली जांच के बाद गोरखपुर संसदीय सीट से हिंदुस्तान निर्माण दल के सुनील सिंह, पीस पार्टी के अरुण कुमार श्रीवास्तव समेत 21 प्रत्याशियों का नामांकन पत्र अलग-अलग गड़बडिय़ों के चलते खारिज कर दिया गया। वहीं बांसगांव से कांग्रेस प्रत्याशी कुश सौरभ का पर्चा नो ड्यूज सर्टिफिकेट (अदेयता प्रमाणपत्र) न देने के चलते खारिज किया गया। अधिकारियों का कहना था कि कुश सौरभ ने अपने शपथ पत्र में पिछले 10 सालों से सरकारी मकान में रहने की बात बताई थी, जबकि नामांकन पत्र भरते समय कांग्रेस प्रत्याशी ने नो ड्यूज नहीं दिया था। अधिकारियों ने चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का हवाला देते हुए पर्चा खारिज कर दिया।
बांसगांव से कुल सात प्रत्याशियों का पर्चा खारिज किया गया। फिलहाल गोरखपुर सीट से दस और बांसगांव से चार प्रत्याशी मैदान में हैं। कांग्रेस प्रत्याशी का पर्चा खारिज होने के बाद आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के प्रभारी शिशुपाल सिंह राजपुरोहित ने जिला प्रशासन पर दुर्भावनापूर्ण ढंग से कार्रवाई का आरोप लगाया है। कहा कि जिला प्रशासन भाजपा के दबाव में कार्य कर रहा है। एक राष्ट्रीय पार्टी के उम्मीदवार का नामांकन खारिज करना सोची समझी साजिश है। अंबेडकर नगर में भी कांग्रेस प्रत्याशी का पर्चा खारिज किया गया है जबकि भाजपा का एक भी पर्चा खारिज नहीं हुआ है।
पूरी प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से प्रेक्षक की निगरानी में हुई है। इसकी वीडियो रिकार्डिंग है। जिसे आपत्ति है, वह शिकायत दर्ज करा सकता है। - के. विजयेंद्र पांडियन, जिला निर्वाचन अधिकारी