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Lok Sabha Election 2019 : GROUND REPORT. शौचालय तो बने, लेकिन आदतें सुधरे तब तो

LOk Sabha Election 2019. गांव बांगुरदा। लोकसभा क्षेत्र जमशेदपुर। यह सांसद विद्युत वरण महतो द्वारा गोद लिया गया आदर्श गांव है। यहां शौचालय तो बने लेकिन आदतें सुधरे तब तो।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 30 Mar 2019 12:13 PM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 12:13 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019 : GROUND REPORT.  शौचालय तो बने, लेकिन आदतें सुधरे तब तो
Lok Sabha Election 2019 : GROUND REPORT. शौचालय तो बने, लेकिन आदतें सुधरे तब तो

पटमदा (जमशेदपुर), उत्तम नाथ पाठक। गांव बांगुरदा। लोकसभा क्षेत्र जमशेदपुर। यह सांसद विद्युत वरण महतो द्वारा गोद लिया गया आदर्श गांव है। गांव के बीच से बांदबान-बड़ाबाजार गुजरती चौड़ी सड़क, फर्राटे भरती गाडिय़ां। हर ओर चुनावी चर्चा। जब गांव पहुंचकर केंद्रीय योजनाओं का जायजा लिया तो पता चला कि योजनाओं के तहत चीजें बन तो गई हैं, लेकिन लोग अपनी पुरानी आदतें छोडऩे  को तैयार नहीं हैं। केंद्रीय योजना की पड़ताल के दौरान कुछ हैरत करने वाले जवाब मिले।

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पहला सवाल, स्वच्छ भारत अभियान से संबंधित था। पूछा, क्या स्वच्छ भारत अभियान के तहत आपके गांव में शौचालय बना है। प्रहलाद रविदास व दुर्योधन रविदास ने कहा, गांव में अधिकतर लोगों का शौचालय बना है। लेकिन बहुत कम ही लोग उपयोग करते हैं। क्यों के जवाब में कहा, शौचालय के बनाए गए गड्ढे की गहराई काफी कम है। वह तो तुरंत भर जाएगा। उसका कैसे उपयोग करें। जो शौचालय बने हैं उसकी गुणवत्ता भी ठीक नहीं है। इसलिए बाहर ही अधिकतर लोग जाते हैं। अर्जुन महतो ने कहा, मुझे तो शौचालय मिला ही नहीं। वहीं दशरथ महतो कहते हैं शौचालय में पानी का कोई प्रबंध नहीं है। जिससे परेशानी है।

पटमदा प्रखंड के बोंगाई गांव के सोम महतो कहते हैं कि हमारे गांव में शौचालय तो बड़ी संख्या में बने हैं लेकिन अधिकतर लोग बाहर ही जाते हैं। यह पूछने पर कि ऐसे में तो बीमारी फैलेगी। तपाक से बोल उठे बाहर में तो नहीं फैलेगी। घर के अंदर में गंदगी रहेगी तो बीमारी और फैलेगी। गड्ढा भी तुरंत भर जाएगा। यह बानगी है प्रधानमंत्री की अति महत्वाकांक्षी योजना का। कुछ अकर्मण्य ठेकेदारों की वजह से एक अच्छी योजना धरातल पर दिखती तो है, लेकिन अपना मकसद पूरा नहीं कर पा रही है। वहीं लोगों में जागरूकता कम होने की वजह से वे इसका उपयोग नहीं कर पा रहे।

सौभाग्य की बिजली से घर रौशन, लेकिन बिजली बिल से बेहाल 

बांगुरदा में अधिकतर घरों में बिजली के कनेक्शन हैं। दशरथ महतो, क्रिस्टो महतो, रामकृष्ण महतो कहते हैं कि यहां बिजली तो तकरीबन 20 घंटे से अधिक मिलती है। लेकिन बिल समय से नहीं आता है। ऐसे में जब एक बार कई महीनों का बिल आता है तो लोग परेशान हो जाते हैं। क्योंकि यह हजारों में होता है। गरीब आदमी इतना बिल कैसे भुगतान करे।  

आयुष्मान किसी को दे रहा आशीर्वाद तो कोई काट रहा है चक्कर 

वंदना महतो खुश हैं कि उनका आयुष्मान योजना के तहत कार्ड बन गया है। वहीं विवेकानंद महतो कमर में ट्यूमर की बीमारी से परेशान हैं। कई अस्पतालों का चक्कर काट चुके हैं। जमशेदपुर में ब्रहमानंद अस्पताल व कांतिलाल गांधी अस्पताल 'मेडिकाÓ में आयुष्मान के तहत इलाज कराने पहुंचे। लेकिन इलाज नहीं हो पाया। कहा गया कि चार लाख रुपये लगेंगे। यहां यह कार्ड नहीं चलेगा। थक हारकर वे अब किसी तरह होम्योपैथिक से इलाज करा रहे हैं। वहीं क्रिस्टो महतो, रामकृष्ण महतो व अनिल वरण महतो व प्रदीप ने बताया कि आयुष्मान के तहत पर्ची मिली है, लेकिन कार्ड नहीं बना। 

प्रधानमंत्री आवास योजना ने बिखेरी मुस्कान 

प्रधानमंत्री आवास योनजा के तहत मिले घर से खुश सुंदरानी महतो कहती हैं बाबू, पक्का घर मिल गया। पहले बारिश में घर टपकता था लेकिन अब कोई चिंता नहीं। सांसद विद्युतवरण के गोद लिए गए इस आदर्श ग्राम में सुभाष महतो, कार्तिक महतो समेत तकरीबन दो सौ परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिला है। वहीं कई लोग कतार में हैं बंकिम चंंद्र महतो व निमाई रुईदास कहते हैं मैं तो दौड़ लगाकर थक गया हूं, लेकिन मुझे अभी तक आवास नहीं मिला। 


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