Lok Sabha Election 2019. गरीबों का तो भला हुआ लेकिन मिडिल क्लास..इस्पात एक्सप्रेस में Election Express...
Lok Sabha Election 2019. इस्पात एक्सप्रेस में सफर कर रहे रोबिन महापात्र कहते हैं कि सारा काम गरीब के नाम पर हुआ। कोई मिडिल क्लास की भी सोचो।
इस्पात एक्सप्रेस से उत्तम नाथ पाठक। Lok Sabha Election 2019 जमशेदपुर स्टेशन, दिन के 11 बजे। झारखंड की इस्पात नगरी से ओडिशा की इस्पात नगरी राउरकेला जाना है। हावड़ा से टिटिलागढ़ जाने वाली इस्पात एक्सप्रेस को चुना। ट्रेन आई तो आपाधापी मच गई। किसी तरह अपनी सीट पर पहुंचा। ट्रेन अपने गंतव्य को चल पड़ी। कुछ ही देर में ट्रेन ने जैसे ही रफ्तार पकड़ी एसी बोगी में बैठे लोगों ने चुप्पी साध ली। चुनावी मूड भांपने के लिए सामने बैठे साजन महाकुड से पूछा, और कैसा चल रहा है ओडिशा में चुनावी माहौल। किसका ट्रेंड है।
जवाब मिला, मोदी जी तो बढ़िया काम कर रहे हैं। लेकिन जमीन पर काम कर रहे अधिकारी व नेता केंद्रीय योजनाओं को सही ढंग से नहीं पहुंचा रहे। हमने आगे बात बढ़ाते हुए पूछा, ऐसा क्यूं। जवाब मिला, हमारे यहां सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि केंद्र और राज्य की सरकार अलग-अलग दलों की है। आयुष्मान जैसी अच्छी योजना राज्य सरकार ने लागू ही नहीं की। नवीन पटनायक की बीजद सरकार ने राज्य में काम अच्छा किया है। लेकिन देश के लिए मोदी ही ठीक हैं।
नोटबंदी से बंद हो गई कंपनियां
पास बैठे राबिन महापात्र बोले, मिडिल क्लास को कहां फायदा हुआ। नोटबंदी से कई कंपनियां बंद हो गईं। कई लोग बेरोजगार हो गए। सारा काम गरीब के नाम पर हुआ। कोई मिडिल क्लास की भी सोचो। एसी क्लास में बैठे लोगों से मिडिल क्लास की चर्चा इससे अधिक नहीं हो पाई। सभी अपने में व्यस्त हो गए। खामोशी पसरती देख मैं यहां से निकलकर जनरल बोगी की ओर चल पड़ा। भीड़भाड़ वाली बोगी में एक सीट पर किसी तरह जगह बनाई। यहां मेरे बैठने से पहले कुछ हल्की फुल्की चुनावी चर्चा जारी थी।
सिंहभूम में कहना मुश्किल कौन जीतेगा
हाट गम्हरिया के रहने वाले लालमुनि महतो ने कहा कि सिंहभूम में इस बार कहना मुश्किल है कि कौन जीतेगा। भाजपा के लिए यह सीट उतनी आसान नहीं है। गीता कोड़ा कांग्रेस से टक्कर देंगी। पास में बैठे राहे मांझी ने कहा कि केंद्र की योजना के तहत पश्चिम सिंहभूम में काम तो हुए हैं, शौचालय बना, प्रधानमंत्री आवास में घर मिला, उच्च्वला के तहत रसोई गैस मिला। गिलुवा जी को इसका लाभ मिलेगा। उनकी बात काटते हुए गोइलकेरा के दशरथ ने कहा कि उनका लोगों से कम मिलना जुलना रहा है। इसका असर तो पड़ेगा ही। तब तक दोपहर के साढ़े 12 बज चुके थे ट्रेन चक्रधरपुर पहुंच चुकी थी।
जमीन रहते मर रहे भूखे
कुछ देर बाद ट्रेन खुली तो मनोहरपुर के सुनील पूर्ति ने कहा कि हमारे यहां सबसे बड़ी समस्या सिंचाई की है। जमीन रहते हुए हमलोग भूखे मर रहे। सांसद से उम्मीद है कि वह केनाल व पाइपलाइन की व्यवस्था करे। सुनील की बात का समर्थन करते हुए बिरूंग सोरेंग ने कहा कि अपने घर का यह हाल है तब तो हमें नौकरी के लिए दूसरी जगह जाना पड़ता है। अचानक ट्रेन में घुप्प अंधेरा छा गया। महादेव साव से पोसेटा के बीच स्थित सुरंग से ट्रेन गुजर रही थी। अंधेरे में भी राजनीतिक चर्चा जारी रही।
किया अच्छा काम
चक्रधरपुर के रहने वाले सुम्बई मुर्मू ने कहा कि लक्ष्मण गिलुवा ने बहुत काम किया है, चक्रधरपुर रेलवे ओवरब्रिज गिलुवा जी ने बनवाया है, कितनी परेशानी होती थी पहले, चाईबासा में भी रेलवे का ओवरब्रिज भी गिलुवाजी ही कितना प्रयास कर बनवा रहे हैं। बीच में ही सुनील पूर्ति ने कहा कि कोलापुट्ट पंचायत में सिंचाई की व्यवस्था गीता कोड़ा ने की है। अपने विधानसभा क्षेत्र में कई जगह उन्होंने पानी की टंकी लगवाई। सांसद बनेंगी तो और काम करेंगी।
सर्जिकल स्ट्राइक अच्छी बात
सुम्ब्रई ने कहा, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार तो अच्छी है। मोदी ने पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए अटैक का जिस तरह बदला लिया। वह तो गर्व करने वाली बात है। इस तरह तो पहली बार हुआ कि छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं। वहां बैठे अधिकतर लोगों ने कहा यह तो है। इतने में मनोहरपुर स्टेशन आ गया। सुनील और उसके साथ के कई लोग मुझसे हाथ मिलाते हुए यहां उतर गए। कहा, अभी चुनाव तक देखिए क्या-क्या होता है। फिर मिलेंगे। मैं राउरकेला से थोड़ी दूर पहले एसी बोगी में लौट आया। देश भर की सियासी गर्मी से बेपरवाह यहां ठंडे वातावरण में लोग आराम से सो रहे थे।