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Singhbhum Lok Sabha Election Result 2019 : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को धूल चटानेवाली गीता ने मां तारा मंदिर में टेका मत्था, कही ये बात

Singhbhum Lok Sabha Election 2019. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को हरानेवाली गीता कोड़ा ने मां तारा मंदिर में पूजा की। कहा- मां के आशीर्वाद से जीत गया।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 25 May 2019 12:08 PM (IST)Updated: Sat, 25 May 2019 12:08 PM (IST)
Singhbhum Lok Sabha Election Result 2019 : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को धूल चटानेवाली गीता ने मां तारा मंदिर में टेका मत्था, कही ये बात

चाईबासा, जेएनएन। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को पीछे धकेलकर संसद पहुंचने में कामयाब गीता कोड़ा शनिवार को चाईबासा के सुभाष चौक टुंगरी स्थि‍त मां तारा मंदिर पहुंचीं और मत्था टेका। साथ में गीता के पति व झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा भी थे।

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गीता ने बताया कि नॉमिनेशन करने के पहले मैंने इसी मंदिर में आकर मां से आशीर्वाद लिया था। मां का आशीर्वाद मुझे मिला। उन्होंने कहा कि अगले शनिवार को मां के यहां वृहद रूप से खिचड़ी भोग लगाया जाएगा। पूजा के दौरान पूर्व वार्ड पार्षद रत्ना चक्रवर्ती, सुशील सिंह, शिवाजी चक्रवर्ती, अभिजीत देव बर्मन, सुनीत शर्मा, पार्थ चक्रवर्ती, नीरज सिंह, संतोष खलखो एवं काफी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे।

सिंहभूम से गीता कोड़ा हैं पहली महिला सांसद

सिंहभूम की जनता को गीता कोड़ा के रूप में पहली महिला सांसद मिली है। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा ने कांग्रेस के टिकट से लड़ते हुए भारतीय जनता पार्टी के लक्ष्मण गिलुवा को लोकसभा चुनाव 2019 में 72,155 मतों से हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। इस जीत ने सिंहभूम क्षेत्र में मृतप्राय: कांग्रेस में भी जान फूंक दिया है। यहां कांग्रेस को 15 साल बाद जीत मिली है। कांग्रेस के टिकट से अंतिम बार बागुन सुंबरुई वर्ष 2004 में सांसद बने थे। मोदी लहर के बावजूद मिली हार से लक्ष्मण गिलुवा निराशा में डूब गए हैं। बात चल रही है कि वे अध्‍यक्ष पद से इस्तीफा देंगे। 

पिछले चुनाव में गिलुवा के हाथों गीता को मिली थी हार

वर्ष 2014 में मोदी लहर पर सवार होकर लक्ष्मण गिलुवा सिंहभूम सीट को फतह करने में कामयाब हो गए थे। गिलुवा ने 87 हजार 524 मतों से निर्दलीय चुनाव लड़ी गीता कोड़ा को हराया था। इस बार जनता का साथ लेकर गीता कोड़ा ने गिलुवा को जीत की हैट्रिक नहीं लगाने दिया। सिंहभूम के इतिहास में पहली बार कोई महिला जनप्रतिनिधि सांसद बनकर संसद भवन जाएंगी। 

चली मधु कोड़ा की हवा, जमीन पर हारी भाजपा

देश भर मोदी लहर। सिंहभूम में चली मधु कोड़ा की हवा। यहां सारे राजनीतिक समीकरण तोड़ते हुए गीता कोड़ा विजयी घोषित हो गईं। कोड़ा दंपती ने कांग्रेस और झामुमो के साथ मिलकर यहां भाजपा को 72155 मतों से परास्त कर दिया। सिंहभूम में छह विधानसभा क्षेत्र आता है। इनमें चाईबासा, जगन्नाथपुर, मझगांव, चक्रधरपुर, मनोहरपुर और सरायकेला विधानसभा शामिल हैं। जगन्नाथपुर विधानसभा गीता कोड़ा के कब्जे में है। शेष पांच पर झामुमो काबिज है। मतगणना के दौरान सभी चक्र में गीता कोड़ा आगे रहीं। पहले चक्र में उन्होंने जो बढ़त बनायी वो अंतिम समय तक बनी रही।

 मात्र सरायकेला विस क्षेत्र में पिछड़ी गीता

पिछली बार की तरह भरोसा कर बैठे लक्ष्मण गिलुवा का इस बार भी सरायकेला की जनता ने साथ दिया। गिलुवा मात्र इसी विधानसभा से बढ़त पर रहे। इस विधानसभा से गीता कोड़ा को 76999 जबकि गिलुवा को 139499 मत मिले। अन्य पांचों विधानसभा में गीता कोड़ा ने एक तरफा बढ़त बनाए रखी। यहां तक कि अपनी गृह विधानसभा चक्रधरपुर में भी गिलुवा गीता कोड़ा से पीछे रहे। गीता कोड़ा की जीत और लक्ष्मण गिलुवा की हार का बड़ा कारण यहां जमीन का मुद्दा है। सिंहभूम आदिवासी बहुल क्षेत्र है। यहां के आदिवासियों के मन-मस्तिष्क में जल, जंगल और जमीन बसा हुआ है। कांग्रेस और झामुमो अपने चुनाव प्रचार के दौरान जनता के बीच यह संदेश देने में सफल रही कि अगर भाजपा चुनाव जीत गयी तो यहां के मूलवासियों को अपनी जमीन छोड़नी पड़ जाएगी।

जल, जंगल, जमीन का मुद्दा

आदिवासी-मूलवासियों के जमीन से जुड़ी संवेदना को समझते हुए चुनाव प्रचार में छह मई को चाईबासा के टाटा कालेज मैदान में आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह कहना पड़ा था कि मेरे रहते आदिवासियों की जमीन कोई माई का लाल एक इंच भी नहीं छीन सकता। अगले ही दिन यानि सात मई को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे को उछालते हुए कहा था कि भाजपा वाले सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन कर आदिवासियों की जमीन अंबानी-अडाणी जैसे अरबपतियों को बेचने की साजिश कर रहे हैं। हालांकि सारी कोशिशों के बावजूद भी भाजपा जनता का मूड नहीं बदल पायी। वहीं, कांग्रेस-झामुमो की ओर से सिंहभूम के गांवों में किया गया यह प्रचार-प्रसार काम कर गया। ग्रामीण वोटरों ने भाजपा को यहां नकार दिया और महागठबंधन की प्रत्याशी गीता कोड़ा के समर्थन में खुलकर मतदान किया। गीता कोड़ा की जीत की दूसरी सबसे बड़ी छवि उनका विवादों से दूर रहना भी रहा। मधु कोड़ा और गीता कोड़ा का जनता से जुड़ाव लगातार बना रहा है। वहीं, गिलुवा से सिंहभूम की जनता नाराज थी। पार्टी में कार्यकर्ताओं के बीच आपसी मनमुटाव और ठेका को लेकर वर्चस्व की लड़ाई ने भी यहां गिलुवा की लुटिया डुबो दी।

नौ में सात प्रत्याशियों की जमानत जब्त, तीसरे नंबर पर रहा नोटा

सिंहभूम लोकसभा सीट से कुल नौ प्रत्याशी मैदान में थे। नौ में से सात प्रत्याशियों की इस चुनाव में जमानत जब्त हो गई है। यहां नोटा तीसरे नंबर पर आया है। 431815 मतों के साथ गीता कोड़ा पहले और 359660 मतों के साथ लक्ष्मण गिलुवा दूसरे नंबर पर रहे। 24270 मत नोटा पर पड़े हैं। इस सीट से एक बार सांसद रह चुके कृष्णा मार्डी भी अबकी बार अपनी जमानत नहीं बचा सके। जिन प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई उनमें बहुजन समाज पार्टी के परदेशी लाल मुंडा, झारखंड मुक्ति मोर्चा (उलगुलान) के कृष्णा मार्डी, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) के चंद्र मोहन हेंब्रम, अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया के प्रताप सिंह बानरा, कलिंगा सेना के हरि उरांव, निर्दलयी अनिल सोरेन व पुष्पा सिंकू शामिल हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में नोटा पर 27037 मत पड़े थे। इस हिसाब से इस बार के चुनाव में नोटा पर कम मत पड़े हैं फिर भी यह तीसरे स्थान पर है।

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