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LokSabha Election 2019: रायबरेली में तो कांग्रेस मतलब सिर्फ ‘गांधी परिवार’

रायबरेली से कांग्रेस के सांसद रहे पुराने पार्टी नेताओं की तस्वीरें नदारद।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 28 Mar 2019 10:39 AM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 01:01 PM (IST)
LokSabha Election 2019: रायबरेली में तो कांग्रेस मतलब सिर्फ ‘गांधी परिवार’
LokSabha Election 2019: रायबरेली में तो कांग्रेस मतलब सिर्फ ‘गांधी परिवार’

रायबरेली, [रसिक द्विवेदी]। कभी-कभी शब्द वो भाव नहीं कह पाते, जो तस्वीरें बयां कर देती हैं। सवालों से पर्दा उठाने की कूवत भी फोटो में होती है। यानी चित्र को वास्तविकता का पर्यायवाची माना जा सकता है। यूं तो देश में भले ही कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी के नाते जानी जाती है, लेकिन रायबरेली में गांधी परिवार ही पार्टी का मूल है। यहां बस अड्डे के निकट तिलक भवन कार्यालय की दर-ओ-दीवार इसकी तस्दीक करते हैं। इस पार्टी से अब तक कुल सात प्रधानमंत्री हुए, लेकिन इस भवन में सिर्फ इंदिरा और राजीव की ही फोटो हैं।

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इस परिवार के इतर यहां पार्टी के चार लोगों ने जीत भी हासिल की, लेकिन उनमें से भी किसी की फोटो दफ्तर में नहीं है। देश में पूर्व प्रधानमंत्री की श्रेणी में जवाहरलाल नेहरू, लालबहादुर शास्त्री, गुलजारी लाल नंदा से लेकर नरसिंहाराव, मनमोहन सिंह जैसी बड़ी शख्सियतें कांग्रेस पार्टी से ही जुड़ी रहीं। रायबरेली में कांग्रेस से चुनाव जीतने वालों में आरपी सिंह, फिरोज गांधी, शीला कौल, अरुण नेहरू, सतीश शर्मा आदि शामिल रहे। स्थानीय कांग्रेस के 40-40 साल पुराने कार्यकर्ताओं से उनका नाता रहा है।

आज की तारीख में उस दौर के कई कार्यकर्ता बड़े पदाधिकारी भी हैं और इसी दफ्तर के जिम्मेदार भी, लेकिन ताज्जुब की बात तो यह है कि कार्यालय के मुख्य गेट से लेकर अंदर के कमरों तक में सिर्फ पांच फोटो (इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सांसद सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी बाड्रा) के ही लगाए गए हैं। ये तस्वीरें महत्वपूर्ण पदाधिकारियों के कमरों में शीशे के फ्रेम में एक ही साइज में चस्पा हैं। ऐसा भी नहीं कि इस दफ्तर में किसी बड़े नेता का आना जाना न हो। यहां तो बाकायदा सांसद के प्रतिनिधि से लेकर वरिष्ठ पदाधिकारियों के अलग-अलग कमरे बने हुए हैं। सब आधुनिकतम साज-ओ-सामान से लैस हैं। इनमें जिम्मेदार लोग समय-समय पर उठते-बैठते रहते हैं।

चुप रहते हैं, बोलते नहीं

पार्टी का दफ्तर। उसमें सिर्फ पांच लोगों की ही तस्वीरें? यही सवाल जब कुछ पदाधिकारियों से किया गया तो वे खामोश हो जाते हैं। बोलते नहीं। बहुत कुरेदने पर इतना सा कहते हैं, भावनात्मक लगाव वाले पार्टी के प्रमुख चेहरों की फोटो लगी है। अन्य दफ्तरों में और नेताओं की भी तस्वीरें लगी हैं। गांधी परिवार चूंकि रायबरेली के लिए काफी अहम इसलिए इनके चित्र लगाए गए हैं। 


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