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Loksabha Election 2019 : यूपी में नक्‍सल प्रभावित जिलों के लिए पुलिस की खास तैयारी

17 वें लोकसभा चुनाव के सातवें एवं अंतिम चरण में सुरक्षा चक्रव्यूह को अभेद्य बनाने को 70 हजार से ज्यादा जवानों की सुरक्षा दीवार बनाई गई है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 09:17 AM (IST)Updated: Sat, 18 May 2019 09:17 AM (IST)
Loksabha Election 2019 : यूपी में नक्‍सल प्रभावित जिलों के लिए पुलिस की खास तैयारी
Loksabha Election 2019 : यूपी में नक्‍सल प्रभावित जिलों के लिए पुलिस की खास तैयारी

वाराणसी, जेएनएन। अंत भला तो सब भला ...। 17 वें लोकसभा चुनाव के सातवें एवं अंतिम चरण में सुरक्षा चक्रव्यूह को अभेद्य बनाने को 70 हजार से ज्यादा जवानों की सुरक्षा दीवार बनाई गई है। रणनीति जल, थल, नभ में सुरक्षा की मुकम्मल तैयारी के जरिए चुनाव को शांति पूर्वक कराने की है। यह तैयारी इसलिए भी कि पूर्वांचल के सात संसदीय क्षेत्रों में 19 मई को होने वाले चुनाव में नक्सल प्रभावित चंदौली एवं सोनभद्र के अलावा गाजीपुर भी शामिल है, जहां से मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल प्रत्याशी हैं। अहम कि अंतिम चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, अनुप्रिया पटेल क्रमश: वाराणसी, चंदौली, मीरजापुर से प्रत्याशी हैं।

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गाजीपुर में चौंकाने वाले सुरक्षा इंतजाम : संसदीय क्षेत्र गाजीपुर में सुरक्षा के इंतजाम चौंकाने वाले हैं। अंतिम चरण के सात संसदीय क्षेत्रों में सबसे ज्यादा 23 कंपनी सेंट्रल पैरामिलीट्री फोर्स एवं छह कंपनी पीएसी की ड्यूटी लगाई गई है। एक-एक प्लाटून सीपीएमएफ एवं पीएससी के जवान अतिरिक्त होंगे। इसके अलावा 581 दारोगा, 887 हेड कांस्टेबल, 5046 सिपाही एवं 6824 अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे।

नक्सल प्रभावित सोनभद्र व चंदौली में सुरक्षा होगी चुनौती : बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश की सरहद से जुड़ा होने के कारण सोनभद्र, चंदौली की सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट है। दोनों ही जिलों में 90 के दशक में नक्सलवाद अपने चरम पर था। उस दशक में 273 गांव नक्सल प्रभावित घोषित किए गए थे। चुनाव में 346 क्रिटिकल एवं 116 बर्नरेबल बूथ हैं। कमोबेश यही स्थित चंदौली के नौगढ़-चकरघट्टा में हैं। यहां  कमजोर तरंगों वाले एक दर्जन इलाके में वायरलेस सेट लगेंगे। दोनों ही क्षेत्रों में करीब 40 बूथों पर ड्रोन कैमरे से निगरानी की जाएगी।

नक्सल इलाके में नौ घंटे मतदान : चंदौली के चकिया विधानसभा व सोनभद्र का राबर्ट्सगंज, दुद्धी में सिर्फ नौ घंटे ही वोट डाले जा सकेंगे। मसलन, सुबह सात बजे से अपराह्न चार बजे तक का वक्त मुकर्रर है। सुरक्षा के लिहाज से भारत निर्वाचन आयोग ने कदम उठाया है। यहां पोलिंग पार्टियां सीआरपीएफ के सुरक्षा साए ही मतदान केंद्रों पर चुनाव कराने जाएंगी व उन्हीं के साथ लौटेंगी।

एक नजर में सुरक्षा इंतजाम

1: बलिया : 23 कंपनी केंद्रीय सुरक्षा बल, छह कंपनी पीएससी, एक प्लाटून सीएमपीएफ, एसपी एक, सीओ एक, इंस्पेक्टर 40, दारोगा 302, दारोगा 1603, मुख्य आरक्षी 3582 के अलावा 6274 अन्य फोर्स उपलब्ध होंगे।

2: चंदौली : 15 कंपनी केंद्रीय पैरा मिलीट्री फोर्स, पीएसपी चार कंपनी व दो प्लाटून, दारोगा 576, मुख्य आरक्षी 667, आरक्षी 2825, अन्य फोर्स 3669 हैं।

3: मऊ : 20 कंपनी सीपीएमफ व पीएससी, दारोगा 500, 425 मुख्य आरक्षी, 3500 आरक्षी, 4400 अन्य फोर्स।

4: सोनभद्र : सीपीएमएफ 16 कंपनी,  पीएसी 11 कंपनी, दारोगा 512, मुख्य आरक्षी 418, आरक्षी 2928 व 3659 अन्य फोर्स। 

5-वाराणसी : 15 कंपनी सीपीएमएफ व एक प्लाटून, सात कंपनी पीएसी, उपनिरीक्षक 694, मुख्य आरक्षी 756, आरक्षी 3902 व अन्य फोर्स 5982 हैं।

6-मीरजापुर : 19 कंपनी सीपीएमएफ, छह कंपनी व दो प्लाटून पीएसी, दारोगा 800, मुख्य आरक्षी 300, आरक्षी 2700, अन्य फोर्स एक हजार।  

दर्जन भर इलाकों में उड़ेंगे ड्रोन : वाराणसी को सुरक्षा के लिए 144 सेक्टर में बांटा गया है। 144 सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं इतने ही पुलिस अधिकारी शुचिता बनाए रखने को भ्रमण करेंगे। इसके अलावा छह एडीएम, छह एएसपी, आठ एसडीएम, आठ सीओ मॉनीटरिंग करेंगे। पांच मतदान केंद्र पर एक क्यूआरटी होगी, जिसमें एक दारोगा, दो असलहाधारी, एक डंडा वाला पुलिसकर्मी, चार होमगार्ड, 50 की संख्या में पैरामिलीट्री के जवान रहेंगे। यूपी 100 डायल की गाडिय़ां मतदान केंद्रों के इर्दगिर्द रहेंगी, चुनाव शिकायतों को वरीयता देंगी। जैतपुरा, आदमपुर, भेलूपुर, बजरडीहा समेत एक दर्जन इलाकों में  ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाएगी। जिले में 952 मतदान केंद्र एवं 2541 बूथ हैं।

बोले आइजी : चुनाव को हम चुनौती के रूप में लिए हैं। यूं तो नक्सलवाद की गतिविधि जैसी कोई बात रह नहीं गई है। डेढ़ दशक में कोई घटना नहीं हुई। चंदौली में ड्रोन कैमरे, वायरलेस सेट, पर्याप्त फोर्स की तैनाती है। चुनाव को अमन में कराने को सुरक्षा प्रबंध से पूर्व कई तरह की कवायद किए हैं। -विजय सिंह मीना, पुलिस महानिरीक्षक  

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