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Lok Sabha Election2019: कश्मीर से कन्याकुमारी तक है यहां बने झंडों की धूम

चुनाव प्रचार को मथुरा में तैयार हो रहे करीब 10 करोड़ झंडे। साड़ी की प्रिंटिंग रहा है मथुरा का मुख्‍य काम।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 11:57 AM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 11:57 AM (IST)
Lok Sabha Election2019: कश्मीर से कन्याकुमारी तक है यहां बने झंडों की धूम
Lok Sabha Election2019: कश्मीर से कन्याकुमारी तक है यहां बने झंडों की धूम

आगरा, पवन निशांत। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और छत्तीसगढ़ से लेकर पंजाब तक राजनीतिक दलों के जो झंडे उनके कार्यकर्ता उठाकर अपनी पार्टी के लिए नारे बुलंद करेंगे, वे झंडे कृष्ण की नगरी में ही बन रहे हैं। इनकी छपाई का काम दिन-रात चल रहा है और इनकी सप्लाई भी शुरू हो चुकी है। एक अनुमान के मुताबिक भाजपा और कांग्रेस समेत कई क्षेत्रीय दलों के झंडों की संख्या इस बार करीब दस करोड़ तक हो सकती है।

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मथुरा में साड़ी प्रिंट्रिंग का काम बीस साल पहले तक शिखर पर रहा था। अब यह उद्योग तो मंदा पड़ा है, लेकिन इसकी भरपाई कई साड़ी कारखाने सीजनल छपाई से कर रहे हैं। मथुरा सालों से राजनीतिक दलों के झंडे छापने का देश में प्रमुख केंद्र बना हुआ है। इसका कारण अन्य शहरों से यहां कम रेट पर छपाई होना है। इनकी छपाई का आर्डर दिल्ली स्थित एजेंटों से मिलता है। मथुरा के औद्योगिक क्षेत्र समेत सरस्वती कुंड व मसानी बाईपास स्थित आधा दर्जन से ज्यादा छपाई कारखाने इन दिनों झंडे छापने का काम कर रहे हैं।

जानकारों के अनुसार पिछले लोकसभा चुनाव में यहां छह करोड़ से ज्यादा झंडों की छपाई हुई थी तो इस बार यह आंकड़ा दस करोड़ तक पहुंच सकता है। कई सालों से सबसे बड़ा आर्डर भारतीय जनता पार्टी के झंडों का ही मिल रहा है। भाजपा के सबसे ज्यादा झंडे बन रहे हैं। दूसरे नंबर पर कांग्रेस के झंडे हैं, जबकि क्षेत्रीय दलों के झंडों की संख्या सबसे कम है। विधानसभा चुनावों में भी दलों के झंडों का यही औसत रहता है।

छपाई में गुजरात से मुकाबला

साड़ी छपाई में मथुरा का मुकाबला शुरू से ही गुजरात से रहा है। वहां के अहमदाबाद और सूरत जिलों में छपाई कारखानों को सरकारी सुविधाएं मिलने के बाद गुजरात साड़ी छपाई में काफी आगे निकल गया है, जबकि मथुरा में यमुना प्रदूषण, टीटीजेड आदि के प्रतिबंधों के कारण काफी यह उद्योग चरमरा गया है, लेकिन झंडा छपाई में यह अभी भी देश का सबसे प्रमुख केंद्र बना हुआ है।

ली जा रही है अनुमति 

मथुरा साड़ी और झंडा छपाई का शुरू से ही ब़ड़ा केंद्र रहा है। यहां ¨पट्रिंग और लेबर अन्य प्रांतों के मुकाबले काफी सस्ती है, इसलिए यहां झंडा बनाने की डिमांड बहुतायत में आती है। अभी प्रशासन से छपाई की अनुमति ली जा रही है।

राजेश बजाज, संचालक, केएन एंड संस, मसानी बाईपास, मथुरा


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