Uttarakhand Lok Sabha Election 2019 : गंगोत्री धाम में पहली बार मना लोकतंत्र का उत्सव
हिमालय के प्रसिद्ध धाम गंगोत्री में लोकतंत्र का मतदान रूपी उत्सव मना। यहां मतदाताओं ने पहले भागीरथी नदी स्नान कर गंगा पूजा की और फिर लोकतंत्र की मजबूती के लिए मतदान किया।
उत्तरकाशी, जेएनएन। लोकतंत्र के इतिहास में यह पहला मौका था, जब हिमालय के प्रसिद्ध धाम गंगोत्री में लोकतंत्र का मतदान रूपी उत्सव मना। यहां मतदाताओं ने पहले भागीरथी (गंगा) नदी स्नान कर गंगा पूजा की और फिर लोकतंत्र की मजबूती के लिए मतदान किया। इस दौरान मतदाताओं ने एक-दूसरे के गले लगकर शुभकामनाएं दी। मतदान करने वालों में 102-वर्षीय रामानंद सरस्वती भी शामिल थे। समुद्रतल से 10176 फीट की ऊंचाई पर स्थित गंगोत्री धाम उत्तराखंड में सबसे ऊंचाई वाला पोलिंग बूथ है। पहली बार मतदान केंद्र बने गंगोत्री में 142 मतदाता हैं। इनमें महिला मतदाताओं की संख्या आठ है।
टिहरी गढ़वाल संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गंगोत्री धाम में वर्षों से कई साधु तप कर रहे हैं। वर्तमान में साधुओं व आश्रम संचालकों सहित गंगोत्री में 142 मतदाता हैं। मतदाताओं की संख्या कम होने के कारण इससे पहले कभी गंगोत्री में पोलिंग बूथ नहीं बनाया गया। ऐसे में इन मतदाताओं को वोट देने के लिए 25 किमी दूर धराली या फिर 29 किमी दूर मुखवा आना पड़ता था। इन मतदाताओं की समस्याओं को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने गंगोत्री में पोलिंग बूथ बनाने का निर्णय लिया था। मतदान कराने के लिए मंगलवार को ही पोलिंग टीम यहां पहुंच गई थी। गुरुवार सुबह मतदान शुरू होने से पूर्व साधुओं ने पहले गंगा स्नान एवं पूजा की और ठीक सात बजे वे मतदान करने पहुंचे। इस दौरान उनका उत्साह देखते ही बन रहा था। सभी ने एक-दूसरे को गले मिलकर बधाई दी। गंगोत्री में मतदान केंद्र बनने की सूचना पर मतदाता दिल्ली और चंडीगढ़ से भी मतदान करने के लिए गंगोत्री पहुंचे थे।
साधु समाज के अध्यक्ष महामंडलेश्वर योगेश्वरा नंद ने कहा कि गंगोत्री धाम में इससे खूबसूरत पल उनके लिए और क्या हो सकता है कि लोकतंत्र का उत्सव यहां मनाया जा रहा है। सभी साधु मतदाता खासे प्रफुल्लित हैं। क्योंकि पहले उनमें से अधिकांश मतदाता दूरी अधिक होने के कारण धराली व मुखवा नहीं जा पाते थे। गंगोत्री में मतदान केंद्र बनाए जाने पर उन्होंने निर्वाचन आयोग का आभार जताया।
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