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अल्मोड़ा सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच होना है मुकाबला, टिकट के लिए तेज हुई कसरत

उत्तराखंड में पहले चरण में मतदान घोषित होने के बाद अब राजनीतिक दलों में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। अठारह से पच्चीस मार्च तक नामांकन भी होगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 10:47 AM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2019 10:47 AM (IST)
अल्मोड़ा सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच होना है मुकाबला, टिकट के लिए तेज हुई कसरत
अल्मोड़ा सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच होना है मुकाबला, टिकट के लिए तेज हुई कसरत

अल्मोड़ा, जेएनएन : उत्तराखंड में पहले चरण में मतदान घोषित होने के बाद अब राजनीतिक दलों में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। नामांकन के लिए अठारह से पच्चीस मार्च तक की तय निर्धारित होने के बाद अब सियासतदारों की पेशानी पर भी बल पडऩे लगा है। अब जहां राजनीतिक दलों में जिताऊ उम्मीदवार के चयन की चुनौती है, वहीं टिकट वितरण के बाद असंतुष्टों को मनाने के लिए भी राजनीतिक दलों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है।

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बात अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र की करें तो यहां अब तक सिर्फ कांग्रेस और भाजपा में ही कार्यकर्ताओं ने इस सीट पर चुनाव लडऩे के लिए अपने अपने आवेदन पार्टी आलाकमान को संगठन के माध्यम से भेजे हैं। भाजपा  पुराने चेहरों को इस बार भी सियासत की बिसात पर मोहरा बनाने की बात कर रही है। ऐसे में यह लगभग तय लग रहा है कि भाजपा केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा को ही फिर मैदान में उतारेगी। हालांकि कुछ ही दिनों पूर्व सोमेश्वर की विधायक व वर्तमान में बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य और पूर्व जिपं अध्यक्ष मोहनराम आर्य भी इस सीट पर चुनाव लडऩे की इच्छा व्यक्त कर चुके हैं।

ऐसा ही हाल कुछ कांग्रेस पार्टी का भी है। कांग्रेस पार्टी में वर्तमान राज्य सभा सदस्य प्रदीप टम्टा पर दांव खेलने पर पार्टी को एक राज्य सभा सीट का खतरा उठाना होगा। जबकि पार्टी की ओर से गीता ठाकुर, हरीश आर्य, सज्जन लाल समेत अन्य नौ भी इस सीट पर जिताऊ उम्मीदवार होने का दावा कर चुके हैं। तीसरे राष्ट्रीय दल के रूप में बसपा भी अपने अपने उम्मीदवारों को लेकर सियासी गुणाभाग कर रही है। बसपा इस बार बागेश्वर से एक नए चेहरे सुंदर धौनी पर दांव खेल सकती है। एडवोकेट बीआर धौनी, किशन लाल विश्वकर्मा, बसंत कुमार भी प्रमुख दावेदारों में हैं।  नामांकन शुरू होने में सिर्फ छह दिन रह गए हैं। ऐसे में अब राजनीतिक दलों के सामने सियासी गुणाभाग कर जिताऊ उम्मीदवार मैदान में उतारने की चुनौती है। वहीं कहीं ना कहीं टिकट न मिलने से नाराज कार्यकर्ताओं की नाराजगी से बचने के लिए भी राजनीतिक दलों को सियासत का सहारा लेना पड़ सकता है।

होली की छुट्टियां भी बड़ा सकती हैं मुसीबत

निर्वाचन विभाग के अधिकारियों को अभी होली के अवकाश के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है। लेकिन यह तो तय कि 18 से पच्चीस मार्च के बीच में हाली के अवकाश भी होंगे। ऐसे में नामांकन के लिए उम्मीदवारों को कम दिन मिल सकते हैं।

अल्मोड़ा में ही होंगे नामांकन

अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र में चार जिले और इन जिलों की 14 विधानसभाएं आती हैं। ऐसे में उम्मीदवार किसी भी विधानसभा से क्यों न हो उसे नामांकन कराने के लिए अल्मोड़ा की दौड़ लगानी पड़ेगी।

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