1977 में बना था फरीदकोट लोकसभा क्षेत्र, पहली बार बादल चुने गए थे यहां से सांसद
फरीदकोट में 1977 में पहली बार लोकसभा के लिए लोगों ने मतदान किया। प्रकाश सिंह बादल यहां से पहली बार सांसद चुने गए।
जेएनएन, फरीदकोट। सूफी संत बाबा फरीद की वजह से इसे फरीदकोट नाम मिला। यह क्षेत्र पेप्सू रियासत का हिस्सा रहा है। बाबा फरीद यूनिवर्सिटी और हेल्थ साइंस यहां का प्रमुख संस्थान है। 1977 में यहां पहली बार लोकसभा के लिए लोगों ने मतदान किया। प्रकाश सिंह बादल यहां से पहली बार सांसद चुने गए। इस सीट पर अब तक हुए 11 बार के चुनाव में छह बार शिअद का कब्जा रहा है। तीन बार कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा है।
सुखबीर सिंह बादल साल 1996 व 1998 के चुनाव में लगातार यहां से निर्वाचित हुए। 1989 में जब सूबे में आतंकवाद चरम पर था, तब यहां से पहली और अंतिम बार गर्मख्याली अकाली दल अमृतसर के प्रत्याशी जगदेव सिंह मान चुनाव जीते थे। ज्यादातर लोग कृषि व्यवसाय व छोटे कारोबार से जुड़े हैं।
विधानसभा हलकों में किसका दबदबा
- फरीदकोट- कांग्रेस
- कोटकपूरा- आप
- जैतो- आप
- गिद्दड़बाहा- कांग्रेस
- रामपुरा फूल- कांग्रेस
- मोगा- कांग्रेस
- बाघापुराना- कांग्रेस
- धर्मकोट- कांग्रेस
- निहाल सिंह वाला- आप
डेमोग्राफी
- कुल वोटर्स: 14,55,075
- पुरुष वोटर- 7,68,206
- महिला वोटर्स- 6,86,848
पांच साल में बड़ी घटना
साल 2015 में बरगाड़ी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद बबिहलकलां गोलीकांड में दो युवकों की मौत। इस घटना ने पंजाब की सियासत को हिलाकर रख दिया।
विकास का हाल
विकास के मामले में यह क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ है। सासंद प्रो. साधू सिंह ने सांसद निधि फंड के तहत मिले साढ़े 22 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं, लेकिन सड़कों के निर्माण के अलावा कोई बड़ा काम नहीं हुआ।
स्थानीय मुद्दे
- इंडस्ट्री न होने के कारण बेरोजगारी।
- युवाओं का पलायन।
- प्रदूषित जल के कारण बीमारियां।
- कमजोर स्वास्थ्य सेवाएं।