Lok Sabha Election 2019: खुशी के अनुमानों को चाहिए नतीजों की जमीन
चुनाव के बाद एग्जिट पोल के अनुमानों ने सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस दोनों की बेचैनी बढ़ा दी है। भाजपा को पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में वापसी करते हुए दिखाया जा रहा है।
देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। लोकसभा चुनाव के सातवें व अंतिम चरण के मतदान के बाद एग्जिट पोल के अनुमानों ने सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस दोनों की बेचैनी बढ़ा दी है। अनुमानों में भाजपा को पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में वापसी करते हुए दिखाया जा रहा है। ये बेहतरीन अनुमान 23 मई को चुनाव नतीजे की शक्ल ले लें, भाजपा की खुशी मिश्रित बेचैनी का सबब यही है। वहीं कांग्रेसी खेमे में इन अनुमानों के बाद चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं। यह अलग बात है कि विपक्ष चुनाव में अपने प्रदर्शन को बेहद कमजोर या कहें, भाजपा के सामने समर्पण जैसे हालात को मानने को कतई तैयार नहीं है। कांग्रेस अपने फीडबैक के आधार पर बेहतर तस्वीर की आखिरी आस अभी संजोए हुए है। बावजूद इसके कांग्रेसी खेमे में ईवीएम की भूमिका को लेकर संदेह के बादल भी अभी से गहराने लगे हैं।
उत्तराखंड में लोकसभा की पांच सीटों टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, अल्मोड़ा और नैनीताल के लिए पहले चरण में ही बीती 11 अप्रैल को मतदान हो चुका है। इस चुनाव में मुख्य मुकाबले में भाजपा और कांग्रेस ही हैं। भाजपा को मोदी लहर में वर्ष 2014 की तर्ज पर ही इस बार भी लोकसभा चुनाव में भी राज्य की सभी सीटों पर कब्जा बरकरार रहने का भरोसा है। वहीं कांग्रेस इस चुनाव को बदलाव के लिहाज से अहम मान रही है। बीते रोज आखिरी चरण के मतदान के बाद एग्जिट पोल के अनुमानों बाद सियासी दलों की धड़कनें तेज हैं तो इसके कारण बेमायने नहीं हैं। भाजपा के लिए तो ये खुशनुमा अहसास सरीखे हैं। अधिकतर एग्जिट पोल में केंद्र की भाजपानीत एनडीए सरकार को सत्ता में वापसी के संकेत हैं। बड़ी बात ये भी है कि सत्ता में वापसी बहुमत के साथ होती दिखाई गई है। भाजपाई खेमे की निगाहें अब मतगणना पर टिकी हैं। हालांकि सत्तारूढ़ दल को भरोसा है कि एग्जिट पोल के अनुमान चुनावी नतीजों मे बदलेंगे। इसलिए ईवीएम में बंद भाग्य के खुलने का इंतजार किया जा रहा है।
उधर, एग्जिट पोल के अनुमानों को मानने के लिए कांग्रेस तैयार नहीं है। पार्टी को उम्मीद है कि वर्ष 2019 के एग्जिट पोल वर्ष 2004 के समान होंगे। उस वक्त केंद्र की सत्ता पर एनडीए सरकार की वापसी दिखाई गई थी, लेकिन चुनाव नतीजे सामने आने के बाद यूपीए के हाथ लॉटरी लगी थी। कुछ ऐसा ही अंदेशा कांग्रेस को इस बार भी है। प्रमुख विपक्षी दल ने विभिन्न संसदीय क्षेत्रों में अपने कार्यकर्ताओं की फौज से अंदरखाने फीडबैक जुटाया है। पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में पार्टी इस बार अपने प्रदर्शन में सुधार को लेकर आशान्वित है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह तो एग्जिट पोल को लेकर अपनी प्रतिक्रिया में तपाक से कहते हैं, 23 मई का इंतजार कीजिए। चुनाव नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि जनादेश जो भी होगा, कांग्रेस उसका सम्मान करेगी। हालांकि एग्जिट पोल से कांग्रेस का आत्म विश्वास अंदरखाने हिला भी है। इस वजह से पार्टी के निशाने पर ईवीएम भी है। ईवीएम को लेकर प्रदेश अध्यक्ष भी सशंकित दिखते हैं तो पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत भी मीडिया के सवालों के जवाब में कहते हैं कि ईवीएम और वीवीपैट पर सवाल उठना गंभीर विषय है।
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