पूर्व मंत्री फातमी का RJD से इस्तीफा, किया सवाल- तेज प्रताप पर कार्रवाई क्यों नहीं?
लोकसभा चुनाव के दौरान यह राजद को बड़ा झटका है। पार्टी के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री मो. अली अशरफ फातमी ने इस्तीफा देकर दरभंगा से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।
दरभंगा [जेएनएन]। पूर्व केंद्रीय मंत्री व राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बड़े नेताओं में शुमार रहे मो. अली अशरफ फातमी ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। साथ ही उन्होंने 18 अप्रैल को मधुबनी लोकसभा सीट से नामांकन करने की घोषणा की।
फातमी ने यह कदम बगैर नोटिस छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिए जाने के बाद उठाया। साथ ही यह भी कहा कि इस कार्रवाई में लालू प्रसाद यादव की सहमति जरूर रही हाेगी, क्योंकि इतना बड़ा कदम तेजस्वी नहीं उठा सकते। उन्होंने यह यह भी कहा कि तेजस्वी की जितनी उम्र नहीं, उससे अधिक समय से वे लालू के साथ रहे। फातमी ने यह सवाल भी उठाया कि पार्टी के खिलाफ खुलकर काम कर रहे लालू के लाल तेज प्रताप यादव पर कार्रवारई क्यों नहीं हो रही?
बगैर बताए किया गया निष्काषित
मो. अली अशरफ फातमी ने कहा कि पार्टी के निर्देश पर वे लगातार मधुबनी में काम कर रहे थे। बार-बार मौका देने के लिए आग्रह किया। पुराना कार्यकर्ता होने का हवाला दिया। बावजूद पार्टी का रवैया उनके प्रति ठीक नहीं रहा और मधुबनी से उन्हें टिकट नहीं मिला। साथ ही बगैर नोटिस और बातचीत के छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया गया।
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तेजस्वी की उम्र से अधिक रहा लालू के साथ
फातमी ने कहा कि तेजस्वी यादव की जितनी उम्र नहीं होगी, उतने साल से वे लालू यादव, जनता दल और राष्ट्रीय जनता दल के साथ काम करते रहे। पार्टी में वर्कर व लीडर तथा सांसद के रूप में मेहनत किया, इलाके को सजाया। लेकिन कार्रवाई करने के पहले पूछना भी जरूरी नहीं समझा। बगैर नोटिस दिए छह साल के लिए पार्टी से सस्पेंड करने का फरमान जारी कर दिया।
कार्रवाई में लालू की होगी सहमति
फातमी ने कहा कि उनका निलंबन लालू प्रसाद यादव से पूछकर ही हुआ होगा, क्योंकि उनके ऊपर एक्शन तेजस्वी नहीं ले सकते। एक्शन राष्ट्रीय अध्यक्ष ही ले सकते हैं।
तेज प्रताप पर नहीं हो रही कार्रवाई
फातमी ने कहा कि जब तेज प्रताप यादव जहानाबाद में पार्टी के खिलाफ काम करते हैं और शिवहर में पार्टी के खिलाफ अपना कैंडिडेट देने की बात करते हैं तो कोई शोकॉज तक नहीं पूछा जाता और उनपर मनमाने तरीके से कार्रवाई हो जाती है। फातमी ने सवाल उठाया कि क्या वे तेज प्रताप की तरह राजद में नहीं हैं? उनपर ऐसी कार्रवाई और तेज प्रताप से आप पूछ भी नहीं पाते हैं।
इस्तीफे के सिवा नहीं बचा रास्ता
फातमी ने कहा कि पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इससे वे ही नहीं, उनके सारे शुभचिंतक व समर्थक आहत हैं। अब कोई रास्ता ही नहीं है, इसलिए मजबूर होकर वे पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं।
पहले भी छोड़ा था राजद, लालू ने फिर बुलाया
उनके इस कदम को विधायक बेटे पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इस सवाल पर फातमी ने कहा कि यह उनका अपना फैसला है और वे इसपर अडिग हैं। उन्होंने कहा कि पिछली बार भी राजद छोड़ने के बाद वे लालू के पास वापसी के लिए नहीं गए थे। जब लालू का आपरेशन हुआ तब मुंबई उनसे मिलने जाने पर उन्होंने हाथ पकड़कर खुद कहाथा कि अरे भाई आ जाओ, क्यों गुस्साए हो। इसके बाद उन्होंने फराज को टिकट को दिया। अब इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है। तीस साल की जिंदगी में एक मर्तबा नाराज होना कोई बड़ी बात नहीं है।
अब्दुल बारी सिद्दीकी को ले कही ये बात
दरभंगा से राजद के प्रत्याशी अब्दुल बारी सिद्दीकी के संबंध में उन्होंने कहा कि लोग आजाद हैं कोई भी फैसला लेने के लिए। मेरी नाराजगी पहले भी राजद की आतंरिक समस्या थी। इसके पहले भी मैंने न तो राजद और न ही लालू जी पर कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की थी।