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Lok Sabha Election 2019: दिग्गजों के टकराव की गूंज का गवाह बन रहा यह चुनाव

लोकसभा चुनाव 2019 की कुछ चर्चित सीटें हैं। जहां चुनावी टक्कर की चौतरफा गूंज है। इन चर्चित सीटों में यूपी की अमेठी एमपी में भोपाल और बिहार की पटना साहिब लोकसभा सीट है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 09:39 AM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 09:39 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019: दिग्गजों के टकराव की गूंज का गवाह बन रहा यह चुनाव
Lok Sabha Election 2019: दिग्गजों के टकराव की गूंज का गवाह बन रहा यह चुनाव

नई दिल्ली, सुरेंद्र प्रसाद सिंह। 17वीं लोकसभा का यह चुनाव बड़े दिग्गजों के बीच जोरदार टकराव का गवाह बन रहा है। आमतौर पर बड़े नेताओं के बीच की चुनावी टकराव को टालने की परंपरा रही है, जो इस बार तार-तार होती दिख रही है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश समेत ज्यादातर राज्यों में सीधी टक्कर हो रही है। इसकी वजह से कई संसदीय क्षेत्रों के चुनाव काफी रोचक हो गए हैं। आने वाले दिनों में कुछ और सीटों पर इस तरह की चुनावी कुश्ती देखने को मिल सकती है।

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राजस्थान :

राजस्थान के जोधपुर संसदीय क्षेत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत की सीधी टक्कर राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से है। वैभव के बहाने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राजनीतिक साख दांव पर लग गई है।

उत्तर प्रदेश :

उत्तर प्रदेश की अमेठी संसदीय सीट पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से एक बार फिर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भिड़ गई हैं। ईरानी से इस बार होने वाली जोरदार भिड़ंत को भांपकर ही राहुल गांधी ने केरल के वायनाड से भी भाग्य आजमाने का फैसला किया है। इस चुनावी टक्कर की चौतरफा गूंज है, जिसका फैसला अमेठी के मतदाता ही करेंगे।

इसी राज्य में दूसरी टक्कर फिरोजाबाद में हो रही है, जहां से चाचा-भतीजे आमने-सामने हैं। यहां के सांसद अक्षय कुमार यादव सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के पुत्र हैं। उनकी भिड़ंत अपने ही चाचा शिवपाल यादव से है। शिवपाल समाजवादी पार्टी की स्थापना करने वालों में रहे हैं। लेकिन इस समय उन्हें पार्टी से रुखसत कर दिया गया है। अक्षय यादव जहां सपा-बसपा गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी हैं तो पूर्व मंत्री शिवपाल यादव अपनी नवगठित पार्टी (पीएसपी-एल) से चुनाव मैदान में हैं। रामपुर लोकसभा क्षेत्र में सपा नेता मोहम्मद आजम खान के मुकाबले भाजपा ने जयप्रदा को उतारा है। यहां मुकाबला बेहद रोचक होने के साथ कड़वाहट में तब्दील होने लगा है।

बिहार :

दिग्गजों के बीच सीधी भिड़ंत के मामले में बिहार सबसे आगे है। यहां की प्रतिष्ठित संसदीय सीट पटना साहिब से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भाजपा से चुनाव मैदान में हैं। उनके मुकाबले इस बार कांग्रेस के टिकट पर शत्रुघ्न सिन्हा उतरे हैं। सिन्हा ने भाजपा से नाता तोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है। यहां होने वाली जोरदार टक्कर की गूंज पूरे देश में सुनाई पड़ रही है।

बिहार की ही मधेपुरा संसदीय सीट पर दो दिग्गज यादव नेता आमने-सामने चुनाव मैदान में हैं। वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव इस बार लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव से है, जो यहां से अपने बूते कई बार चुनाव जीत चुके हैं। शरद यादव गठबंधन के साझा उम्मीदवार हैं। जबकि पप्पू यहां से अपनी जनाधिकार पार्टी से मैदान मारने की जुगत में हैं।

मध्य प्रदेश :

मध्य प्रदेश के कई मर्तबा मुख्यमंत्री और संसद सदस्य रहे कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह के सामने भाजपा ने भोपाल में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को उतारा है। इससे यहां का चुनावी माहौल अचानक गरमा गया है। इस चुनावी लड़ाई के कई राजनीतिक मायने भी हैं। प्रज्ञा ठाकुर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और विश्व हिंदू परिषद से जुड़ी रही हैं।

जबलपुर लोकसभा सीट से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के मुकाबले कांग्रेस के विवेक तनखा ने ताल ठोंक रखी है। राज्य के इन दोनों नेताओं के बीच की टक्कर जबर्दस्त चर्चा में है। इन दोनों प्रत्याशियों की लोकप्रियता एक दूसरे पर भारी पड़ती है। लेकिन कुछ अहम सीटों पर राज्य में पार्टियां एक दूसरे के बड़े नेताओं के खिलाफ कमजोर प्रत्याशी भी उतारी हैं।  


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