चुनाव आयोग ने ममता के आरोपों को किया खारिज, कहा- आचार संहिता के दौरान तबादला करना उसका अधिकार
चुनाव आयोग (ईसी) ने ममता बनर्जी के उन आरोपों को खारिज कर दिया है कि उसने केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के इशारे पर राज्य के चार पुलिस अधिकारियों के तबादले का आदेश दिया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। चुनाव आयोग (ईसी) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उन आरोपों को खारिज कर दिया है कि उसने केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के इशारे पर राज्य के चार पुलिस अधिकारियों के तबादले का आदेश दिया। इसके साथ ही आयोग ने कहा कि तबादले का उसका फैसला अपने शीर्ष अधिकारियों में से एक के अलावा विशेष पुलिस पर्यवेक्षक से मिले ठोस फीडबैक पर आधारित था।
आयोग ने ममता बनर्जी से यह भी कहा कि चुनाव कानून के अनुसार आदर्श आचार संहिता के दौरान उसे अधिकारियों को स्थानांतरित करने और नियुक्त करने का अधिकार है। आयोग ने कहा कि अपनी निष्पक्षता साबित करने के लिए वह किसी तरह के आरोप का जवाब नहीं देता।
बता दें कि ममता बनर्जी ने शनिवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है। शनिवार को ही ममता के पत्र का जवाब देते हुए आयोग ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में मतदाताओं के लिए चुनाव आयोग और राज्य सरकारें तथा केंद्रशासित प्रदेश संयुक्त रूप से जवाबदेह हैं। इसके साथ ही वे संविधान निर्माताओं द्वारा तय की गई अपनी-अपनी भूमिकाओं का अक्षरश: पालन करने के लिए भी बाध्य हैं।
ममता बनर्जी को संबोधित करते हुए यह पत्र उप चुनाव आयुक्तों में से एक द्वारा लिखा गया है तथा इसमें जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 28 ए का उल्लेख किया गया है कि चुनाव आयोग आचार संहिता की अवधि के दौरान अधिकारियों का तबादला और उनकी नियुक्ति कर सकता है। इसने कहा कि केरल उच्च न्यायालय ने भी अपने एक फैसले में इस प्रावधान को मंजूरी दी है।
पत्र में उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आचार संहिता लागू करने के लिए आयोग द्वारा जो निष्पक्ष कार्रवाई की जाती है उसे विपक्ष दलों द्वारा केंद्र में सत्तारूढ़ सरकार के इशारे पर की गई कार्रवाई बता दी जाती है। अपनी निष्पक्षता साबित करने के लिए विपक्ष के इस तरह के आरोपों का जवाब देने का कोई औचित्य नहीं है।