Lok Sabha Election 2019: मतदान के लिए सादर आमंत्रित हैं श्रीमान
शादी-ब्याह जनेऊ मुंडन चूड़ामणी जैसे अनुष्ठान से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है लोकतंत्र का यह पर्व। यह हर पांच साल पर आता है। राष्ट्र के इस पावन त्यौहार में सभी की भागीदारी हो।
By Edited By: Published: Wed, 01 May 2019 10:08 AM (IST)Updated: Thu, 02 May 2019 10:36 AM (IST)
दुमका, जेएनएन। शादी-ब्याह, जनेऊ, मुंडन चूड़ामणी जैसे अनुष्ठान से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है लोकतंत्र का यह पर्व। यह हर पांच साल पर आता है। राष्ट्र के इस पावन त्यौहार में एक एक मतदाता की भागीदारी हो इसे लेकर आयोग पहले से ज्यादा सजग है।
दुमका के जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए दिव्यांग व बुजुर्ग मतदाताओं के प्रति ज्यादा संजीदगी दिखाई है। दुमका के चार विधानसभा में रह रहे 5178 दिव्यांग को वोट देने के लिए आमंत्रण पत्र दिया जा रहा है। इनके साथ आजादी के समय से चुनाव देख रहे उन बुजुर्ग मतदाताओं का भी आदर बढ़ गया है। उनके सम्मान का ख्याल रखते हुए 80 से अधिक बसंत देख चुके बुजुर्ग वोटर को भी आमंत्रण पत्र दिया जा रहा है। इनकी संख्या 9661 है।
आंगनबाड़ी सेविका, बीएलओ, पंचायत स्तर पर संविदा पर कार्यरत कर्मियों के माध्यम से उन तक आमंत्रण पत्र पहुंचाने का काम शुरू हो गया है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी मुकेश कुमार ने आमंत्रण पत्र में मतदाताओं से अनुरोध किया है कि वह 19 मई को होने वाले मतदान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराएं। मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र को सु²ढ़ करें। लोकतंत्र के महापर्व में आम सादर आमंत्रित हैं। लिफाफा के उपर वोटर का नाम और पता लिखा होता है। प्रेषक में उपायुक्त का नाम है।
दिव्यांगों के लिए खास सुविधाएं 2019 का आम चुनाव कई मायने में खास है। चुनाव आयोग की प्राथमिकता में दिव्यांग वोटर हैं। इनके सुगम मतदान को लेकर सभी मतदाताओं को घर से लाना और वापस घर पहुंचाना है। आने जाने के लिए वाहन व उनको सहयोग करने के लिए एनजीओ को जिम्मेदारी दी गयी है। दिव्यांग वोटर को कतार में भी नहीं लगनी है। समाज के सबसे कमजोर वोटर को सबसे ताकतवर बनाया गया है। यही लोकतंत्र की पहचान है। सबकी भागीदारी सुनिश्चित कराने को प्राथमिकता सूची में रखा है। मतदान केंद्रों पर दिव्यांगों को पहुंचाना और उनको सुलभ व सुगम मतदान कराने को लेकर वाहनों को भी चिह्नित किया गया है। दिव्यांग वोटर को सहयोग करने के लिए एनजीओ भी तय कर दिया गया है। दुमका में चेतना विकास एवं डीडीआरसी को जिम्मेदारी दी गयी है।
दुमका के जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए दिव्यांग व बुजुर्ग मतदाताओं के प्रति ज्यादा संजीदगी दिखाई है। दुमका के चार विधानसभा में रह रहे 5178 दिव्यांग को वोट देने के लिए आमंत्रण पत्र दिया जा रहा है। इनके साथ आजादी के समय से चुनाव देख रहे उन बुजुर्ग मतदाताओं का भी आदर बढ़ गया है। उनके सम्मान का ख्याल रखते हुए 80 से अधिक बसंत देख चुके बुजुर्ग वोटर को भी आमंत्रण पत्र दिया जा रहा है। इनकी संख्या 9661 है।
आंगनबाड़ी सेविका, बीएलओ, पंचायत स्तर पर संविदा पर कार्यरत कर्मियों के माध्यम से उन तक आमंत्रण पत्र पहुंचाने का काम शुरू हो गया है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी मुकेश कुमार ने आमंत्रण पत्र में मतदाताओं से अनुरोध किया है कि वह 19 मई को होने वाले मतदान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराएं। मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र को सु²ढ़ करें। लोकतंत्र के महापर्व में आम सादर आमंत्रित हैं। लिफाफा के उपर वोटर का नाम और पता लिखा होता है। प्रेषक में उपायुक्त का नाम है।
दिव्यांगों के लिए खास सुविधाएं 2019 का आम चुनाव कई मायने में खास है। चुनाव आयोग की प्राथमिकता में दिव्यांग वोटर हैं। इनके सुगम मतदान को लेकर सभी मतदाताओं को घर से लाना और वापस घर पहुंचाना है। आने जाने के लिए वाहन व उनको सहयोग करने के लिए एनजीओ को जिम्मेदारी दी गयी है। दिव्यांग वोटर को कतार में भी नहीं लगनी है। समाज के सबसे कमजोर वोटर को सबसे ताकतवर बनाया गया है। यही लोकतंत्र की पहचान है। सबकी भागीदारी सुनिश्चित कराने को प्राथमिकता सूची में रखा है। मतदान केंद्रों पर दिव्यांगों को पहुंचाना और उनको सुलभ व सुगम मतदान कराने को लेकर वाहनों को भी चिह्नित किया गया है। दिव्यांग वोटर को सहयोग करने के लिए एनजीओ भी तय कर दिया गया है। दुमका में चेतना विकास एवं डीडीआरसी को जिम्मेदारी दी गयी है।
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