Lok Sabha Polls 2019 : प्रचार सामग्री प्रिंट करने में नहीं करें ये गलती, छह माह के लिए जाना होगा जेल
Lok Sabha Polls 2019. चुनाव से जुड़ी सामग्री प्रिंट करने से पहले चुनाव आयोग के तय तय मानदंडों को पूरा करना जरूरी है। इसकी अनदेखी प्रिंटिंग प्रेस को महंगी पड़ सकती है।
सरायकेला, जेएनएन। लोकसभा चुनाव से जुड़ी सामग्री प्रिंट करने से पहले चुनाव आयोग के तय तय मानदंडों को पूरा करना जरूरी है। इसकी अनदेखी प्रिंटिंग प्रेस को महंगी पड़ सकती है। उन्हें छह माह के लिए जेल जाना पड़ेगा। जुर्माना लगेगा सो अलग।
लोकसभा आम चुनाव 2019 में प्रत्याशियों द्वारा पोस्टर, पम्पलेट, बैनर इत्यादि के माध्यम से वृहद प्रचार-प्रसार किया जाएगा। चुनाव आयोग की मंशा है कि आदर्श आचार संहिता के दायरे में रहकर प्रचार सामग्री का उपयोग किया जाए। सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त छवि रंजन ने जिले के सभी प्रिंटिंग प्रेस प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और उन्हें आवश्यक दिशा - निदेश से अवगत कराया। उपायुक्त ने बैठक में कहा कि प्रिंटिंग सामग्री में मुद्रण तथा मुद्रक की पूरी विवरणी देना आवश्यक है। प्रिंट करने से पूर्व दो व्यक्तियों का आदेश पत्र पर प्रति हस्ताक्षर तथा एक कॉपी जिला निर्वाचन पदाधिकारी को संलग्न होना आवश्यक है।
इस तरह बढ़ती जाएगी सजा
सभी प्रिंटिंग प्रेस निदेश का अनुपालन हुआ है या नहीं इसे अवश्य देख लें। यदि निदेश का पालन नहीं किया जाता है तो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 127 'क' के तहत छह माह की सजा तथा 2000 रुपया आर्थिक दंड होगा। यह एक केस पर होगा। जितनी बार उल्लंघन किया जाएगा उतनी ही बार सजा एवं आर्थिक दंड के भागी होंगे। उपायुक्त ने सभी प्रिंटिंग प्रेस प्रतिनिधियों को नियम के दायरे में रहकर कार्य करने की सलाह दी। मीडिया कोषांग से एक फ़ॉर्मेट दिया जाएगा जिसमें प्रत्याशी प्रिंटिंग प्रेस को आदेश करेंगे तथा एक प्रति जिला निर्वाचन पदाधिकारी देंगे।